बड़ी बच्चियाँ अपना ख़ूब ख़याल रखें यानी साफ सुथरी रहें, कपड़ा मैला कुचैला न पहनें, बाल संवार कर रखें और दीगर तरीक़े से भी सफाई सुथराई का ख़याल रखें।
इस से माँ बाप ख़ुश होते हैं और रहन सहन में वक़ार पैदा करें इस से ख़ानदान में और रिश्तादारों में उसकी इज़्ज़त बढ़ती है और शादी के पैग़ाम में भी दुश्वारियाँ नहीं होतीं और हर इज़्ज़तदार शख़्स ऐसी बच्चियों को अपने घर की ज़ीनत बना कर ख़ुशी महसूस करते हैं ।
बड़ी बच्चियों को चाहिए कि माँ बाप के साथ सिर्फ सच्च बोलें । झूठ कभी न बोलें ताकि अंजाने में दोस्तों यानी सहेलियों के बहकावे में कोई ग़लत काम होजाए या ग़लत बात होजाए तो माँ बाप उसका बेहतर हल निकाल सकें ।
बड़ी बच्चियाँ इस बात का ख़ास ख़याल रखें कि माँ बाप से बढ़ कर पूरी दुनिया में कोई भी आप का सच्चा हमदर्द नहीं हो सकता बल्कि तजुर्बा है कि माँ बाप बेटों से भी ज़्यादा बेटियों के हमदर्द होते हैं लिहाज़ा मामला चाहे कुछ भी हो आप उनके साथ सिर्फ सच बोलें अगरचे उनकी तरफ से ग़लती पर मामूली सज़ा का भी इमकान हो, उनकी बरवक़्त की तंबीह दुनिया की रुसवाई और आख़िरत के अज़ाब से बचाएगी इन शा अल्लाह ।
बड़ी बच्चियाँ माँ बाप की क़दर व इज़्ज़त और उनकी ताज़ीम व तौक़ीर हर हाल में बजा लाएँ ताकि शादी के बाद माँ बाप के साथ साथ अपने शौहर और उनके माँ बाप और दीगर घर के अफराद की ताज़ीम व तौक़ीर करके उन सब की निगाह में अपनी क़दर व मंज़िलत हमेशा बढ़ाती रहें।
बड़ी बच्चियाँ तमाम कामों पर अपने माँ बाप को तरजीह दें और उनके हुक्म को अल्लाह व रसूल के हुक्म के बाद हर हुक्म पर मुक़द्दम जानें और शादी के बाद अपने शौहर के हुक्म को सारे हुक्म पर तरजीह दें ताकि इस आदत से माँ बाप की आँखों का तारा बनी रहें और शादी के बाद शौहर के दिल की मलका बनी रहें ।
ज़ुबान दराज़ी :- बड़ी बच्चियों को चाहिए कि घर में अपनी माँ और भाई बहनों और दीगर लोगों से ज़ुबान दराज़ी हरगिज़ न करें चूंकि ज़ुबान दराज़ी तमाम फित्नो की जड़ है। और ज़ुबान दराज़ी से इंसान अक्सर ज़लील व रुसवा होता रहता है,
और यही बुरी आदत अक्सर बच्चियों को शादी के बाद शौहर और उनके घर वालों से जुदाई का सबब बनती है। यह ख़बीस आदत अगर आप नहीं छोड़ती हैं तो तलाक़ जैसी नौबत आ जाती है जो आप की ज़िंदगी के लिए मौत से बदत्तर पैग़ाम लाती है।
फिर बच्चियों का पूरा ख़ानदान उसके शौहर का ख़ानदान मैदाने जंग के सिपाही बनते हैं और मामला कोर्ट तक पहुंचता है, वालिदैन (माँ बाप)और और भाई जेल तक की मुसीबत झेलते हैं और ज़िल्लत व रुसवाई दोनों ख़ानदान का मुक़द्दर बन जाता है। लिहाज़ा आप की नर्म मिज़ाजी और ज़ुबान दराज़ी न करना उन तमाम फित्नो के दरवाज़े को हमेशा के लिए बंद कर सकता है।
सख़्त मिज़ाजी :- बड़ी बच्चियों को चाहिए कि अपनी माँ के साथ और घर के दीगर अफराद के साथ सख़्त मिज़ाजी न दिखाएँ, यह बुरी ख़सलत माँ बाप के घर में और शादी के बाद शौहर के घर में उन्हें अकेला कर देता है । लोग ऐसी बच्चियों से दूर होने लगते हैं और उनके सेहत के लिए भी नुक़सानदेह साबित होता है और हुस्न के निखार को भी अक्सर ख़तम कर देता है ।
हाँ! बच्चियों को इस बात का ख़याल रखना चाहिए कि माँ बाप की ग़ैर मौजूदगी में अपने घर वालों के अलावा दूसरे के लिए सख़्त मिज़ाजी पेश करें और शादी के बाद शौहर के घर वाले और ख़ास रिश्तादारों के अलावा बज़ाहिर सख़्त मिज़ाजी ज़ाहिर करें कि कोई ग़लत बात या ग़लत काम की उम्मीद उनसे न रखे।
बल्कि बेटियाँ अपने माँ बाप और शौहर और उनके माँ बाप के अलावा दूसरे के लिए मिसले सूरज बन कर रहें कि कोई ग़लत निगाह से उसे देखने की हिम्मत न करे और उसकी हैबत (डर) से उसकी तरफ किसी ग़ैर की निगाह न उठे ।
फरमाइश :– बड़ी बच्चियों को चाहिए कि फरमाइश की आदत अपने कंट्रोल में रखें बल्कि न के बराबर अपने अंदर आने दें । तजरबा है कि माँ बाप उसकी ज़रूरत का ख़याल रखते ही हैं, फरमाइश की फरावानी घर वालों की निगाह में और शादी के बाद शौहर की निगाह में बेवक़ार कर देती है लिहाज़ा बेवजह फरमाइश से अपने आप को महफ़ूज़ रखें ।
गुस्सा :- बड़ी बच्चियों को चाहिए कि गुस्सा किसी भी मामला में हरगिज़ न करें क्यूँकि अहले अक़ल कहते हैं कि गुस्सा की इब्तिदा अक़ल का ख़तम होना है और इतिहा हमेशा की शरमिंदगी पर है।
बड़ी बच्चियों को चाहिए कि अपने माँ बाप भाई बहन को छोटे छोटे तोहफे देती रहें इस से माँ बाप का दिल बहुत ख़ुश होता है और इस आदत को अपने अंदर बरक़रार रख कर शादी के बाद अपने शौहर को भी छोटे छोटे गिफ्ट देती रहें, और उनके घर के अफराद को भी उनके मरातिब के लिहाज़ से और अपनी हैसियत के एतेबार से छोटे छोटे तोहफे देती रहें ताकि घर वालों में उसकी मोहब्बत और इज़्ज़त बढ़ती रहे।
बड़ी बच्चियों को चाहिए कि अगर मोबाइल टेलीफ़ोन वग़ैरा पे बात करना चाहें तो माँ बाप के ख़ास और अज़ीज़ रिश्तादार के साथ बात चीत करें इस से माँ बाप को ख़ुशी होती है और शादी के बाद उनसे बात करें जिनसे शौहर बख़ुशी इजाज़त दें, और इस बात का ख़याल रखें कि उनके दोस्तों से इजाज़त के बावजूद भी हरगिज़ बात न करें ताकि शौहर की निगाह में आप का एतेमाद बरक़रार रहे और आपकी पाकदामनी पे कोई हासीद (हसद करने वाला) या आपकी आबरू का कोई दुश्मन उंगली न उठा सके ।
इस हिदायत को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें।ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।
क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।