हर मर्ज़ का इलाज मौजूद है हज़रत उसामा रजियल्लाहु अन्हु बयान करते है के, मैं हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ख़िदमत में मौजूद था की, कुछ देहात के रहने वाले आए और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से अर्ज़ किया : या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! क्या हम दवा करें? तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमायाः “अल्लाह के बन्दो! ज़रूर दवा किया करोः इसलिये के कोई बीमारी ऐसी नहीं है जिसकी दवा अल्लाह ने न पैदा की हो, सिवाए एक बीमारी के और वह बुढ़ापा है।