19/05/2025

ज़िना और बदकारी का अज़ाब। Zina aur badkari ka azaab.

मेराज की रात नबी-ए-करीम सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का गुज़र एक ऐसी क़ौम पर हुआ जिनके सामने एक हंडिया में पका हुआ गोश्त रखा हुआ है …

तिलावते कुरआन के दलाईल। Tilavte Quraan ke dalail.

ईमाम जलालुद्दिनस्यूती ने शरहउस्सदूर में लिखा है कि मैय्यत के लिये कुरआन पढ़ने से आया मैय्यत को सवाब मिलता है या नहीं? इसमें इख़्तेलाफ है …

मुबाशिरत के औकात। Mubashirat ke aukat.

शरीअत ने जिमाअ के लिये कोई खास वक़्त मुकर्रर नहीं किया है। हाँ, बअज़ शरई अवारिज़ की मौजूदगी में जिमाअ करना मना है। जैसेः रोज़ा, …

नमाज़े जनाज़ा पढ़ने का तरीक़ा। Namaje janaza padhne ka tarika.

नमाज़े जनाज़ा की नियत :- नियत की मैंने नमाज़े जनाज़ा पढ़ने की मय चार तकबीरों के, सना वास्ते अल्लाह तआला के, दुरूद शरीफ़ वास्ते रसूलुल्लाह …

एक ईमान अफ़रोज़ मुकालमा। Ek Imaan Afroz Mukalma.

अज़ाब दो क़िस्म के होते हैं ज़मीनी और आसमानी । ज़मीनी आफ़तों के लिये तो अल्लाह तआला और उसके रसूल सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने उसूल …

जिमाअ के बाद का अमल। Jima ke bad Ka Amal.

जिमाअ यानी हमबिस्तरी से फारिग होकर मर्दो औरत दोनों अलग-अलग हो जाऐं, फिर किसी साफ कपड़े से दोनों अपने-अपने मकामे मख़्सूस को साफ कर लें। …

जिमाअ करने का तरीक़ा। Jima karne ka Tarika.

कुरान :- अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है: “तुम्हारी औरतें तुम्हारे लिये खेतियां हैं तो आओ अपनी खेतियों में जिस तरह चाहो।” जिमाअ के तरीक़े बहुत …

जिमाअ के आदाब। Jima ke Aadab.

जिमाअ करना इन्सान की वह तबई और अहम ज़रूरत है जिसके बगैर इन्सान का सही तौर से ज़िन्दगी गुज़ारना मुश्किल बल्कि तकरीबन ना मुम्किन सा …

जिमाअ का बयान। Jima ka bayan.

जिमाअ यानी हमबिस्तरी की ख़्वाहिश एक फितरी यानी कुदरती जज़्बा है जो हर ज़ीरूह में खिलकतन पाया जाता है। इसे बताने की ज़रूरत नहीं होती। …

जिमाअ के फायदे। Jima ke fayde.

जिमाअ से वह रद्दी फुज़्ला जो जिस्म में बेकार जमा हो जाता है वह ख़ारिज हुआ करता है जिससे जिस्म हल्का, तबीअत चाको चोबंद, मिज़ाज …