हज़रत ख्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती । Hazrat Khwaja Moinuddin Chishti.
हज़रत ख्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी अलैहिर्रहमा का विलादत, नाम, नसब :- आपकी विलादत 535 हिजरी को खुरासान के शहर संजर में हुई। यानी आज से …
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हज़रत ख्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी अलैहिर्रहमा का विलादत, नाम, नसब :- आपकी विलादत 535 हिजरी को खुरासान के शहर संजर में हुई। यानी आज से …
चाँद के 2 टुकड़े करना आपका ये मोजिज़ा तो शायद हर उम्मती जानता है कि हमारे नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने एक इशारे से …
बाबा रतन लाल हिंदी रजिअल्लाहो तआला अन्हु को सहाबीए रसूल होने का शरफ़ हासिल है। आपकी सवाने हयात से ज्यादा जानकारी तो अभी तक नही …
शहीदों के अलावा दूसरे लोग जो अल्लाह व रसूल से सच्ची मुहब्बत रखने वाले हैं, मरने के बाद वह भी ज़िंदा रहते हैं। 1933 ई० …
एक दिन इब्राहीम बिन अदहम रहमुतल्लाहि अलैहि का बुख़ारा के बागात की तरफ से गुज़र हुआ। आप एक नहर के किनारे जो बाग़ात के अंदर …
एक बार का वाकिआ है कि एक बुजुर्ग अल्लाह वाले जा रहे थे। सर्दी का मौसम था, बारिश हो रही थी। सामने से मियाँ-बीवी आ …
हज़रत की मादरी ज़बान फारसी थी और बगदाद अरबी अदब का गहवारा और फुस्हाए अरब का मल्जा व मावा। पस जरुरत थी कि आप अरबी …
क़ब्र में अच्छी हालत का होना :- हज़रत मोहम्मद बिन मोखालिद से रिवायत है कि मेरी वालिदा का इन्तक़ाल हो गया तो मैं उनको क़ब्र …
हज़रत फरीदुद्दीन गंज शकर रहमतुल्लाहि तआला अलैहि के ज़माने में एक “हसन” कव्वाल था जिसे अपनी लड़की की शादी करने के लिए रकम की …
आप का नाम अब्दुर्रहमान, लक़ब जलालुद्दीन और कुन्नियत यानी उपनाम अबुल फ़ज़ल है। पहली रजब 849 हि० में शहरे सुयूत में पैदा हुए जो इलाक-ए-मिस्र …