19/05/2025

मुबाशिरत के औकात। Mubashirat ke aukat.

शरीअत ने जिमाअ के लिये कोई खास वक़्त मुकर्रर नहीं किया है। हाँ, बअज़ शरई अवारिज़ की मौजूदगी में जिमाअ करना मना है। जैसेः रोज़ा, …

जिमाअ के बाद का अमल। Jima ke bad Ka Amal.

जिमाअ यानी हमबिस्तरी से फारिग होकर मर्दो औरत दोनों अलग-अलग हो जाऐं, फिर किसी साफ कपड़े से दोनों अपने-अपने मकामे मख़्सूस को साफ कर लें। …

जिमाअ करने का तरीक़ा। Jima karne ka Tarika.

कुरान :- अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है: “तुम्हारी औरतें तुम्हारे लिये खेतियां हैं तो आओ अपनी खेतियों में जिस तरह चाहो।” जिमाअ के तरीक़े बहुत …

जिमाअ के आदाब। Jima ke Aadab.

जिमाअ करना इन्सान की वह तबई और अहम ज़रूरत है जिसके बगैर इन्सान का सही तौर से ज़िन्दगी गुज़ारना मुश्किल बल्कि तकरीबन ना मुम्किन सा …

जिमाअ का बयान। Jima ka bayan.

जिमाअ यानी हमबिस्तरी की ख़्वाहिश एक फितरी यानी कुदरती जज़्बा है जो हर ज़ीरूह में खिलकतन पाया जाता है। इसे बताने की ज़रूरत नहीं होती। …

जिमाअ के फायदे। Jima ke fayde.

जिमाअ से वह रद्दी फुज़्ला जो जिस्म में बेकार जमा हो जाता है वह ख़ारिज हुआ करता है जिससे जिस्म हल्का, तबीअत चाको चोबंद, मिज़ाज …

बेपर्दगी का बयान। Bepardagi ka bayan.

मुसलमान औरतों के लिए पर्दा बहुत ज़रूरी है और बेपर्दगी इन्तिहा दर्जें की बेहयाई व बेग़ैरती का सबब है। कुरान :- अल्लाह तआला इरशाद फरमाता …

लड़कियों का पैदा होना बाइसे रहमत है। Ladkiyon ka Paida hona Baise Rahamat hai.

हदीसः- हज़रत इब्ने अब्बास रजियल्लाहु अन्हुमा से मरवी है कि उन्होंने कहा कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमायाः “जिसने तीन बेटियों या उनकी मिस्ल …

कौन-कौन सी औरतें जहन्नम में जायेंगी। Kaun Kaun si Auraten Jahannam me jayengi.

एक हदीस पाक हाफ़िज़ शम्सुद्दीन ज़हबी रहमतुल्लाह अलैहि ने अपनी किताब ‘अल्-कबाइर’ में नक़ल फ़रमाई है। जिसमें पता चलता है कि कौन – कौन सी …

औरत का नाज़ करना। Aurat ka Naaz karna.

नाज़’ की वजह से ‘अज़वाज मुतहरात” भी हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से लौट-पौट कर लिया करती थीं और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बात का …