18/05/2025
Durood shareef ki fazilat 23 rohani ilaj

दुरूद शरीफ़ की फ़ज़ीलत ,23 रूहानी इलाज । Durood Shareef ki Fazilat,23 Rohani ilaj.

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Durood shareef ki fazilat 23 rohani ilaj

अल्लाह के प्यारे हबीब, हबीबे लबीब,तबीबों के तबीब (स.व)का फ़रमाने रहमत निशान है : जो मुझ पर शबे जुमुआ और रोज़े जुमुआ यानी जुमा ‘रात के गुरूबे आफ्ताब से ले कर जुमुआ का सूरज डूबने तक सौ बार दुरूद शरीफ पढ़े अल्लाह तआला उस की सौ हाजतें पूरी फ़रमाएगा 70 आख़िरत की और 30 दुनिया की ।

हर विर्द के अव्वल व आखिर एक बार दुरूद शरीफ़ पढ़ लीजिये, फाएदा जाहिर न होने की सूरत में शिक्वा करने के बजाए अपनी कोताहियों की शामत तसव्वुर कीजिये, अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की हिक्मत पर नज़र रखिये ।

1) “हुवअल्लाह रहीम ” जो हर नमाज़ के बाद सात बार पढ़ लिया करेगा शैतान के शर से बचा रहेगा और उस का ईमान पर खातिमा होगा। बिस्मिल्लाह की बरकतें,

2) “या अल्लाहु ” 100 बार सोते वक़्त पढ़ने से इन्शाअल्लाह शयातीन की शरारत व फ़ालिज और लक़्वे की आफ़त से हिफ़ाज़त होगी ।Durood Shareef ki Fazilat,23 Rohani ilaj.

3) “या मालिकू” 90 बार जो ग़रीब व नादार रोज़ाना पढ़ा करे इन्शाअल्लाह! गुरबत से नजात पाएगा।

4) “या कुद्दूसू” का जो कोई दौराने सफ़र विर्द करता रहे इन्शाअल्लाह! थकान से महफूज़ रहेगा।

5) “या सलामू” 111 बार पढ़ कर बीमार पर दम करने से इन्शाअल्लाह शिफ़ा हासिल होगी।

6) “या मुहैमिनु” 29 बार जो कोई ग़मज़दा रोज़ाना पढ़ ले इन्शाअल्लाह! उस का गम दूर होगा आफ़तों और बलाओं से भी महफूज़ रहेगा ।

7) “या अज़ीज़ु ” 41 बार हाकिम या अफ्सर वग़ैरा के पास जाने से पहले पढ़ लीजिये इन्शाअल्लाह वोह हाकिम या अफ़सर मेहरबान हो जाएगा। फातिहा पढ़ने की फज़िलत।

8) “या मुताकबिरू” 21 बार रोज़ाना पढ़ लीजिये, डरावने ख़्वाब आते होंगे तो इन्शाअल्लाह) नहीं आएंगे।

9) “या मुताकबिरू” जौजा से मिलाप से क़ब्ल 10 बार पढ़ लेने वाला इन्शाअल्लाह! नेक बेटे का बाप बनेगा ।

10) “या बारिऊ” 10 बार जो कोई हर जुमुआ को पढ़ लिया करे इन्शाअल्लाह उस को बेटा अता होगा।Durood Shareef ki Fazilat,23 Rohani ilaj.

11) “या कह्हारू” 100 बार अगर कोई मुसीबत आ पड़े तो पढ़िये इन्शाअल्लाह मुश्किल आसान होगी ।

12) “या वह्हाबु” सात बार जो रोज़ाना पढ़ा करेगा इन्शाअल्लाह! उस की दुआएं क़बूल हुवा करेंगी।

13) “या फत्ताहु” 70 बार जो रोज़ाना बाद नमाज़े फ़ज्र दोनों हाथ सीने पर रख कर पढ़ा करेगा इन्शाअल्लाह उस के दिल का ज़ंग व मैल दूर होगा ।

14) “या फत्ताहु” सात बार जो रोज़ाना किसी भी वक़्त दिन में एक मर्तबा पढ़ा करेगा इन्शाअल्लाह, उस का दिल रोशन होगा ।अस्तग़फिरुल्लाह पढ़ने की फज़िलत। 

15) “या काबिजु या बासितु” 30 बार जो हर रोज़ पढ़ा करे इन्शाअल्लाह वोह दुश्मन पर फत्ह पाएगा ।

16) “या राफिऊ” 20 बार जो रोज़ाना पढ़ा करेगा इन्शाअल्लाह, उस की हर मुराद पूरी होगी।

17 “या बसीरू” सात बार जो कोई रोज़ाना ब वक्ते अस्र या’नी इब्तिदाए वक्ते अस्र से गुरूबे आफ्ताब किसी भी वक्त पढ़ लिया करेगा इन्शाअल्लाह अचानक मौत से महफूज़ रहेगा।Durood Shareef ki Fazilat,23 Rohani ilaj.

18) “या समीऊ” 100 बार जो रोज़ाना पढ़े और इस दौरान गुफ्तगू न करे और पढ़ कर दुआ मांगे इन्शाअल्लाह! जो मांगेगा पाएगा।

19) “या हकीमु” 80 बार जो रोज़ाना पांचों नमाज़ों के बाद पढ़ लिया करे, इन्शाअल्लाह किसी का मोहताज नही रहेगा।

20) “या जलीलु” दस बार पढ़ कर जो अपने मालो अस्बाब और रक़म वग़ैरा पर दम कर दे, इन्शाअल्लाह वोह चोरी से महफूज रहेगा ।

21) “या शहीदु” 21 बार, सुब्ह तुलूए आफ्ताब से पहले-पहल ना फ़रमान बच्चे या बच्ची की पेशानी पर हाथ रख कर आस्मान की तरफ़ मुंह कर के जो पढ़े इन्शाअल्लाह उसका वो बच्चा या बच्ची नेक बन जाएगें।Durood Shareef ki Fazilat,23 Rohani ilaj.

22) “या वकिलु” सात बार जो रोज़ाना अस्र के वक्त पढ़ लिया करे इन्शाअल्लाह, आफ़तों से पनाह पाए ।

23) “या हमीदु” 90 बार जिस की आदत न जाती हो वोह पढ़ कर किसी खाली पियाले या गिलास में दम कर दे । हस्बे ज़रूरत उसी में पानी पिया करे इन्शाअल्लाह! फोहश गोई यानी बे हयाई की बातों की आदत निकल जाएगी। एक बार का दम किया हुवा गिलास बरसों तक चला सकते हैं। सूरह मुल्क और अलिफ्-लाम-मीम सज्दा पढ़ने वाला।

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क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।

खुदा हाफिज…

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