इंसानी फितरत में है की उससे गलती या गुनाह हो जाते है और इसके बाद इंसान अपने किये पर शर्मिंदा हो कर सच्चे दिल से अल्लाह तआला से माफ़ी तलब करता है तो उसे अस्तग़फ़ार कहते है
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया जो इंसान अस्तग़फ़ार (तौबा ) को अपने ऊपर लाज़िम कर ले तो अल्लाह तआला उसको हर तंगी से निकलने का एक रास्ता अता फरमाएगा और हर गम से निजात देगा और उसे ऐसी जगह से रोज़ी अता करेंगे जहाँ से उसको गुमान भी नहीं होगा।
आपको माफी क्यों मांगनी चाहिए?
जो भी गुनाह हम करते हैं वो क़यामत के दिन हमारे सामने होगा है, हाँ जिसको अगर अल्लाह तआला चाहे माफ कर दे तो अलग बात है। और हम जानते हैं कि इंसान होने के नाते हम में बहुत ही ऐब हैं और हमसे बेशुमार गुनाह होते रहते हैं । इसलिए हमें हमेशा गुनाहों के लिए माफ़ी मांगते रहना चाहिए ताकि अल्लाह तआला हमारे गुनाहों को मिटा दे और जन्नत के रास्ते को आसान कर दे ।
अस्तग़फ़ार का मतलब अपनी गलतियों की माफ़ी माँगना और गुनाहों की बख्शीश कराना है। हमारी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी हक़ीक़त यही है कि हम कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन फिर भी हम अक्सर गलती कर देते है और हम से गुनाह हो जाते हैं।Astagfirullah padhne ki fazilat.
लेकिन अल्लाह तआला का वादा है कि जब हम अपने गुनाहों की माफ़ी मागेंगे और मगफिरत तलब करेंगे तो अल्लाह हमें माफ कर देगा चाहे हमारे गुनाह कितने ही बड़े क्यों न हों।
हुज़ूर नबी करीम सल्लल्लाहहु अलैहि सल्लम ने फ़रमाया कि इब्लिस ने परवरदिगारे आलम से कहा कि मुझे तेरी इज्जत व् जलाल की कसम जब तक इंसान की जान में जान है। मैं उसे गुमराह करता रहूँगा अल्लाह पाक ने उसको जवाब दिया कि मुझे कसम है अपनी बुजुर्गी और बढाई की, मैं भी उन्हें बख्शता रहूँगा, जब तक मुझसे तौबा करते रहेंगे।
अल्लाह पाक ने फरमाया क़यामत के दिन लोगो को बड़े बड़े दर्जे मिलेंगे, जिनको लेकर कहेंगे, इलाही, यह दर्जे हम को कैसे मिल गए, हमारे तो ऐसे अमाल नहीं थे अल्लाह पाक फ़रमाएंगे कि तुम्हारी औलाद जो तुम्हारे लिए अस्तगफार करती थी, यह उसकी वजह से है।Astagfirullah padhne ki fazilat.
अल्लाह पाक ने फरमाया ” गुनाहों से तौबा अस्तगफार करने की वजह से, आदमी ऐसा हो जाता है, जैस गुनाह किया ही नहीं,
हुजुर नबी करीम सल्लल्लाहहु अलैहि सल्लम बावजूद मासूम होने के, दिन में सत्तर बार अस्तगफार फरमाते थे।
अल्लाह पाक रहीम करीम है ऐसे में अल्लाह पाक अपने बन्दे के अस्तगफार करने से बहुत खुश होता है आइये जाने अस्तगफार के फायदे ,अस्तगफार के फायदे में से एक फायदा है दिलो में जंगो की सफाई हो जाती है
तौबा अस्तगफार पढने का दुसरा फायदा परेशानीयों एंव तंगियों से रूहानी इलाज ,अस्तगफार पढने से आपके लिए रहमत का दरवाजा खुलता है अस्तगफार करने वाले की दुआ अल्लाह पाक जरुर काबूल करता है।
अस्तगफार पढने वाले पर अल्लाह रहमत की बारिश करता है। ऐसी जगह से रोजी देता है कि जहाँ से वहम व् गुमान भी नहीं होता तो यह अस्तगफार पढ़ने के कुछ फायदे,
रब्बिग फिर लि वतुब इलैह इन्नका अंतत तव्वाबुर रहीम
तर्जुमा : ए अल्लाह मेरी मगफिरत फरमा मेरी तौबा क़ुबूल फरमा बेशक तू ही तौबा कबूल करने वाला और रहम करने वाला है।
असताग्फिरुल लाहल लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवल हय्युल क़य्यूमु व अतूबू इलैहही
तर्जुमा : मैं अल्लाह से बखशिश चाहता हूँ जिसके सिवा कोई सच्चा माबूद नहीं, वो हमेशा जिंदा रहने वाला है और कायम रहने वाला है और मैं उसी की तरफ़ रुजू करता हूँ
अस्तग़फिरुल्लाहि रब्बी मिन कुल्ली ज़म्बिंव व आतुबो इलैह,
तर्जुमा :मैं बख्शिश चाहता हूं उस अल्लाह से, जिस के सिवा कोई माबूद नहीं, मगर वही हमेशा जिन्दा रहेगा और मै उसी की तरफ मुतवज्जेह हूं।
अल्लाह रब्बुल-इज्जत हमें अस्तग़फ़ार करने की तौफीक अता फरमाए आमीन। Astagfirullah padhne ki fazilat.
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क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।
खुदा हाफिज…