शादी के बाद माँ-बाप से मिलने की फज़ीलत।Shadi ke Baad Maa-Bap se milne ki fazilat.
मैं आपको एक बात और बताता हूँ। वह कौन सी बेटी होगी जिसकी शादी हो गई हो और वह वापस अपने माँ-बाप को मिलने न आये। सभी बेटियाँ आती हैं, ...
Read more
हमबिस्तरी करने से पहले ख़ुशबू का इस्तेमाल।Hambistari karne se pahle Khushbu ka istemal.
सोहबत (हमबिस्तरी) से पहले खुशबू लगाना बेहतर है। खुशबू सरकारे मदीना सल्लल्लाहो तआला अलैहि व सल्लम को बहुत पसंद थी । आप (स.व)हमेशा ख़ुशबू का इस्तेमाल किया करते थे ताकि ...
Read more
एक मजबूर लड़की।Ek Majboor ladki.
एक आदमी जिसका नाम रहीम था जो बोहोत नेक और शरीफ इंसान था जिसने कभी अपनी जिंदगी में किसी गैर औरत को बुरी निगाह से नहीं देखा उस आदमी के ...
Read more
एक शेर और लोमड़ी का वाक्या।Ek Sher aur lomdi ka waqia.
एक आदमी एक जंगल से गुज़र रहा था ! कि उसे एक लोमड़ी नज़र आइ एक एसी लोमड़ी जो चारो पैर से अपाहिज थी यानी उसके चारो पैर कटे हुए ...
Read more
औलाद की तरबियत कैसे करें?Aulaad ki Tarbiyat Kaise kare?
बच्चा गलती करे, आपको तकलीफ पहुँचाए। जितना मर्जी सताये, किसी हाल में भी बच्चे को बद्दुआ न दें। शैतान धोखा देता है, माँ के दिल में यह बात डालता है ...
Read more
दाना बहलोल का एक अजीब वाक्या।Dana bahlol ka ek ajeeb waqia.
हारून रशीद एक बहुत बड़ा बादशाह गुजरा है जिसकी हुकूमत पूरी दुनिया पर थी, उस के ज़माने में बहलोल नाम के एक बुज़ुर्ग थे, वो अल्लाह के बहुत बड़े वली ...
Read more
इतना इल्म सीखना लाज़मी फर्ज़ है।Itna ilm shikhna lazmi farz hai.
यहां यह बात भी समझ लेनी चाहिये कि दीन के इल्म की दो किस्में हैं, पहली क़िस्म यह है कि दीन का इतना इल्म सीखना जो इन्सान को अपने फ़राइज़ ...
Read more
एक मुहाजिर और एक अंसारी की चौकीदारी।Ek muhajir aur ek ansari ki chaukidari.
नबी-ए-करीम अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम एक ग़ज्वे से वापस तशरीफ़ ला रहे थे, शब को एक जगह क्याम फ़र्माया और इर्शाद फर्माया कि आज शब को हिफाजत – चौकीदारी ...
Read more
माँ-बाप को तकलीफ़ देने की सज़ा।Maa baap ko taqleef dene ki saza.
अल्लाह रब्बुल-इज्ज़त नें इरशाद फ़रमाया कि- तुम अपने माँ-बाप के साथ अच्छा बर्ताव किया करो। अगर तुम्हारे सामने उनमें एक या दोनों बूढ़े हो जायें तो उनके सामने ‘हूँ’ भी ...
Read more
मोमिन की कब्र और असल ज़िन्दगी।Momin ki kabr aur asal zindagi.
हदीसों को पढ़ने से साफ़ मालूम होता है कि मरने वाले को देखने में हम भले ही मुर्दा समझते हैं लेकिन सच तो यह है कि वह ज़िंदा होता है। ...
Read more