19/05/2025
सोने से पहले का खास वजिफा। 20250504 005505 0000

सोने से पहले का खास वजिफा। Sone Se pahle Ka khas wazifa.

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Sone Se pahle Ka khas wazifa.
Sone Se pahle Ka khas wazifa.

 

नबी-ए-करीम सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम ने एक मरतबा हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से इरशाद फ़रमाया : ऐ अली ! रात को रोज़ाना पाँच काम करके सोया करो।

(1) चार हज़ार दीनार सदक़ा देकर सोया करो।

(2) एक कुरआन शरीफ़ पढ़कर सोया करो।

(3) जन्नत की क़ीमत देकर सोया करो।

(4) दो लड़ने वालों में सुलह कराकर सोया करो।

(5) एक हज करके सोया करो।

हजरत अली रज़ियल्लाहो तआला अन्हो ने अर्ज़ किया या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम यह अम्र मुहाल है कब बन सकेंगे यानी यह अमल कैसे मुमकिन है।

नबी-ए-करीम सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया :-

(1) चार मरतबा सूरतुल फ़ातिहा यानी अलहम्दु शरीफ पढ़कर सोया करो इसका सवाब चार हजार दीनार सदक़ा देने के बराबर होगा। जिमाअ करने का तरीक़ा। Jima karne ka Tarika.

(2) तीन मरतबा कुल हुवल्लाह शरीफ़ पढ़कर सोया करो एक कुरआने मजीद पढ़ने के बराबर सवाब होगा।

(3) दस मरतबा दुरूद शरीफ पढ़कर सोया करो जन्नत की क़ीमत अदा होगी।

(4) दस मरतबा इस्तिग़फ़ार (अस्तग़फ़िरुल्लाहा रब्बी मिन कुल्लि जम्बिंव व अतूबु इलैह) पढ़कर सोया करो दो लड़ने वालों में सुलह कराने के बराबर सवाब होगा।

(5) चार मरतबा तीसरा कलमा पढ़कर सोया करो एक हज का सवाब मिलेगा।

इस पर हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने अर्ज़ किया, या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम अब तो मैं रोज़ाना यही अमलियात करके सोया करूँगा।

अल्लाह रब्बुल इज्ज़त हम सब को अपने प्यारे हबीब सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम के नअलैने पाक के सदक़े में ऊपर लिखे नेक आमाल पर अमल की तौफीक़ अता फरमाए, आमीन।

अल्लाह रब्बुल इज्ज़त हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे, हमे एक और नेक बनाए, सिरते मुस्तक़ीम पर चलाये, हम तमाम को नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सच्ची मोहब्बत और इताअत की तौफीक़ आता फरमाए, खात्मा हमारा ईमान पर हो। जब तक हमे ज़िन्दा रखे इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखे, आमीन ।

इस बयान को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें। ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।

क्या पता अल्लाह ताला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए । आमीन ।

खुदा हाफिज…

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