हज़रत अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अन्हु ने कहा कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया- नेक आदमी के सच्चे ख़्वाब नुबुव्वत के छियालीस हिस्सों में से एक हिस्सा हैं।
वजाहत:- नेक व पारसा लोगों के अक्सर ख़्वाब (सपने) हक़ीक़त पर आधारित होते हैं और कुछ ऐसे स्पष्ट होते हैं कि उनकी ताबीर की भी बिल्कुल ज़रूरत नहीं होती। अच्छे ख़्वाब नुबुव्वत के कमालात और खूबियों में से हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इनसान में नुबुव्वत का हिस्सा आ गया है। एक खूबसूरत तदबीर।
हज़रत अबू सईद रजियल्लाहु अन्हु ने कहा कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया जब तुम में से कोई शख्स ऐसा ख्वाब देखे जो उसे अच्छा मालूम हो तो समझ ले कि वह अल्लाह तआला की तरफ़ से है,Khwabon Ki Tabeer ka Bayan
वह अल्लाह तआला का शुक्र अदा करे और आगे भी बयान कर दे। और अगर कोई उसके अलावा (यानी बुरा) ख्वाब देखे जिसे वह नापसन्द करता हो तो वह शैतान की तरफ से है, उसके शर (बुराई) से अल्लाह तआला की पनाह माँगे और किसी से बयान न करे, क्योंकि ऐसा करने से फिर वह उसे नुकसान नहीं देगा।
वजाहत:- अच्छे ख़्वाब को अपने मुख्लिस (सच्चे और भला चाहने वाले) दोस्त या बा- अमल आलिमे दीन से बयान करने में कोई हर्ज नहीं, और बुरा ख्वाब चूँकि शैतान मरदूद की तरफ से होता है इसलिये जागने के बाद अपनी बाईं तरफ ( दिल की तरफ) थुथकारे और ( इन अलफाज़ के साथ) अल्लाह तआला की पनाह माँगे-‘अऊजु बिल्लाहि मिनश्शैतानिर्रजीम’ और किसी से उस ख्वाब का तज़किरा भी न करे। (फत्हुल बारी) मैय्यत को सवाब पहुंचाना।
हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया- नुबुव्वत में से अब सिर्फ मुबश्शिरात बाकी रह गयी हैं, सहाबा किराम रज़ियल्लाहु अन्हुम ने अर्ज किया ‘मुबश्शिरात’ क्या हैं? आपने फरमाया- अच्छे ख्वाब ।Khwabon Ki Tabeer ka Bayan
वजाहत :- मोमिनों को ख़्वाब के ज़रिये उनके दुनियावी या उरवी अन्जाम की खुशख़बरी दी जाती है। बाज़ दफा आगे आने वाले किसी अन्देशे या ख़तरे से भी आगाह कर दिया जाता है ताकि उसके लिये कोई उपाय और बचने की तैयारी कर ले। (फत्हुल् बारी)
हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु अन्हु ने कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया जो कोई ख़्वाब में मुझे देखे वह बहुत जल्द मुझे बेदारी (जागने की हालत में भी देखेगा, और शैतान मेरी सूरत इख़्तियार नहीं कर सकता। बेटियों के लिए ज़रूरी हिदायात।
वजाहतः- रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को ख़्वाब में देखना गोया आप ही को देखना है, शैतान को यह क़ुदरत कि वह आपकी सूरत में किसी को ख़्वाब में नज़र आये।
हज़रत अबू सईद रजियल्लाहु अन्हु ने नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को यह फरमाते हुए सुना- जिस शख्स ने (ख़्वाब में ) मुझे देखा तो उसने यकीनन हक ही को देखा, क्योंकि शैतान मेरे जैसी शक्ल व सूरत इख़्तियार नहीं कर सकता।
वजाहत : – मोमिन के रात और दिन के ख़्वाब बराबर हैं। कुछ हज़रात ने कहा कि सुबह सादिक के वक्त का ख़्वाब ज़्यादा सच्चा होता है, फिर भी इमाम बुखारी रहमतुल्लाहि अलैहि ने इमाम इब्ने सीरीन का कौल नकल किया है कि दिन और रात के ख़्वाब में कोई फर्क नहीं है। वल्लाहु आलम
हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु अन्हु ने फ़रमाया कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया- जब कियामत का वक्त आ जायेगा तो मोमिन का ख़्वाब झूठा न होगा, क्योंकि मोमिन का ख़्वाब नुबुव्वत के छियालीस हिस्सों में से एक है, और जो बात नुबुव्वत से होती है। वह झूठी नहीं होती ।Khwabon Ki Tabeer ka Bayan
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ियल्लाहु अन्हु ने कहा कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया- मैंने एक काली परेशान बालों वाली औरत को ख़्वाब में देखा जो मदीना से निकलकर जोहफा के मकाम में जा ठहरी है, मैंने इस ख़्वाब की यह ताबीर की कि मदीना की वबा जोहफा में मुन्तकिल कर दी गई है। कियामत के दिन सबसे बड़ा ग़रीब।
हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु ने फरमाया कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया- जिसने ऐसा ख्वाब बयान किया जो उसने देखा नहीं तो उसे क़ियामत के दिन दो अदद जौ (के दाने) में गिरह लगाने का हुक्म दिया जायेगा,
और वह शख़्स गिरह नहीं लगा सकेगा, और जो शख्स ऐसे लोगों की बातों पर कान लगाये जो अपनी बात किसी को सुनाना पसन्द न करते हों तो उसके कान में सीसा पिघलाकर डाला जायेगा, और जिसने किसी जानदार की तस्वीर बनाई उसे अज़ाब दिया जायेगा कि अब इसमें रूह फूँक, मगर वह रूह नहीं फूँक सकेगा।Khwabon Ki Tabeer ka Bayan
वजाहत:- ख्वाब ( सपना ) भी अल्लाह तआला का पैदा किया हुआ है जिसकी मानवी शक्ल व सूरत होती है। झूठा ख़्वाब कहने वाला अपने झूठ से एक ऐसी मानवी तस्वीर को जन्म देता है जो असल हकीकत से ताल्लुक नहीं रखती,
जैसा कि तस्वीर बनाने वाला अल्लाह तआला की मख़्लूक में ऐसी मलूक का इज़ाफ़ा करता है जो कोई हक़ीक़त नहीं रखती, क्योंकि वास्तविक मख्लूक वह है जिसमें रूह हो, इसलिये दोनों को अज़ाब के साथ-साथ ऐसी तकलीफ भी दी जायेगी जिसकी वह ताकत न रखता होगा।(फत्हुल्-बारी)
हज़रत इब्ने उमर रज़ियल्लाहु अन्हु ने कहा कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया सबसे बड़ा झूठ यह है कि इनसान अपनी आँखों को ऐसी चीज़ दिखाये जो उन्होंने न देखी हो यानी झूठा ख़्वाब बयान करे और कहे कि मैंने यह देखा है ।Khwabon Ki Tabeer ka Bayan
वजाहत:- ख़्वाब चूँकि नुबुव्वत का एक हिस्सा है और नुबुव्वत अल्लाह तआला की तरफ से होती है, इसलिये झूठा ख्वाब बयान करना गोया अल्लाह तआला पर झूठ बाँधना है, और यह मख़्लूक पर झूठ बाँधने से ज्यादा संगीन है। (फत्हुल् बारी) मर्दों के हुकूक।
इन हदीसों को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें। क्या पता अल्लाह ताला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।
खुदा हाफिज…