बिमार का हाल चाल पूछना।Bimaar ka Hal Chal Puchna.

Bimar ka hal chal puchna

नबी सल्ल. ने फ़रमाया कि अल्लाह कियामत के दिन फ़रमाएगा कि ऐ बनी आदम मैं बीमार हुआ और तू मेरी इयादत को न आया। मैंने तुझसे खाना और पानी मांगा मगर तूने मुझे कुछ भी नहीं दिया। बन्दा कहेगा ‘ऐ अल्लाह ! तू बीमारियों से पाक और मोहताजी से परे है मैं तेरी तीमारदारी कैसे … Read more

ज़िना करने की सज़ा।Zina karne ki saza.

Zina karne ki saza.

अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया-यानी ऐ लोगों तुम जिना के पास भी न भटकना, बेशक वह बड़ी बेहयाई की बात है। फ़ायदा- पास भी न भटकना, इस का मतलब यह है कि जिन बातों से जिना का तक़ाज़ा पैदा होता है उनसे भी बचो। जैसा कि अल्लाह के रसूल (स०) ने फ़रमाया है कि ग़ैर … Read more

मालिकों और गुलामों का इन्साफ।Maliko aur Gulamo ka insaaf.

maliko aur gulamo ka insaaf

हज़रत आइशा (र.अ)रिवायत फरमाती हैं कि रसूलुल्लाह (स.व)की ख़िदमत में एक शख़्स आकर बैठ गया। उसने अर्ज़ किया, ऐ अल्लाह के रसूल ! बिला शुब्हा मेरे कुछ गुलाम हैं जो मुझसे झूठ बोलते हैं और मेरी ख़ियानत करते हैं और मेरी नाफरमानी करते हैं यह तो उनकी तरफ़ से है और मेरी तरफ से यह … Read more

आंहज़रत (स.व) पर उम्मत के आमाल पेश किये जाते हैं।Anhazrat(s.w) par ummat ke Amal pesh kiye jate hai.

Anhazrat(s.w) par ummat ke Amal pesh kiye jate hai.

हज़रत अब्दुल्ला बिन मस्ऊद (र.अ)रिवायत करते हैं कि आंहज़रत (स.व)ने इर्शाद फ़रमाया कि मेरी जिंदगी तुम्हारे लिए बेहतर है और मेरी वफ़ात तुम्हारे लिए बेहतर है, तुम्हारे आमाल मुझपर पेश होंगे। पस जो भलाई तुम्हारी तरफ़ बेहतर से पेश की जाएगी, जिसे मैं देखूंगा तो उसपर अल्लाह की तारीफ करूंगा और जो कोई बुराई देखूंगा … Read more

जुर्म न मानने पर गवाहियां।Jurm na manne par gawahiyan.

jurm na manne par gawahiyan

बदन के अंगों की गवाही : इंसान बड़ा झगड़ालू है और उसकी बहस की तबीयत कियामत के दिन भी अपना रंग दिखायेगी और अल्लाह तआला से भी हुज्जत करेगा। उस वक़्त गवाहों के जरिए उसकी हुज्जत ख़त्म कर दी जाएगी। खुद इंसान के अंग उसके ख़िलाफ़ गवाही देंगे। जैसा कि सूरः यासीन में फ़रमाया : … Read more