
हज़रत ईसा इलैहिस्सलाम के ज़मानें में एक नेक बख़्त और सालिहा औरत थी उसने तन्नूर में आटा लगा कर नमाज़ की नियत करली,
इतने में शैतान एक औरत की सूरत में उसके पास आकर कहने लगा कि रोटी तन्नूर में जल कर खाक हो गई है मगर उस नेक फितरत औरत ने बिल्कुल इल्तिफात न किया फिर शैतान ने उस औरत के बच्चे को पकड़ कर तन्नूर की आग में डाल दिया इस पर भी इस औरत ने तवज्जह नही दी अभी थोड़ी देर न गुज़री थी कि उस औरत का शौहर आ गया और उसने अपने बच्चे को तन्नूर में अंगारों से खेलता हुआ पाया
खुदा ने आग के अंगारों को सुर्ख अकीक बना दिया यह शख़्स घर से निकल कर हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की ख़िदमत में पहुँचा और इस वाकिआ की खबर दी, आप ने फरमाया अपनी बीवी को मेरे पास बुला लाओ जब वह अपनी बीवी को हज़रत ईसा अलैहिस्स्लाम के पास ले गया तो आपने उससे दरियाफ़्त किया कि तूने कौन सा ऐसा अमल किया था जिस से यह बात पैदा हो गई,
औरत ने जवाब दिया ऐ रूहुल्लाह ! मैं जब भी बे वजू होती हूँ, फौरन वुजू कर लेती हूँ और कभी बेवुजू नहीं रहती और जब भी वुजू कर लेती हूं फौरन नमाज़ के लिए खड़ी हो जाती हूँ और मुझ को जब भी किसी ने अपनी किसी हाजत का सवाल किया जो खुदा के नज़्दीक भी पसंदीदा थी वह फौरन सवाल पूरा कर दिया, और मैं लोगों की ईज़ा को बरदाश्त करती हूँ और सब्र करती हूँ!(नुज़्हतुल-मजालिस जि’1, स:89)
नमाज़ पढ़ना शैतान के लिए प्यामे मौत है, वह चाहता है कि जिस तरह मैंने सज्दा न कर के तौके लअनत को पहना है उसी तरह दूसरे भी नमाज़ न पढ़ कर मेरे साथी बन जाऐं, इसी वास्ते वह नमाज़ी को तरह तरह के ख़तरात व अंदेशों से डरात है,
ताकि नमाज़ी नमाज़ छोड़ दे या उसके खुशुअ में फर्क आजाए, आज कल वह लोगों के दिलों में माडर्न किस्म के वसवसे डालता है, मस्लन यह कि वक़्त बड़ा कीमती है, नमाज़ में जितना वक़्त सर्फ होता है उतना वक़्त अगर किसी कौमी, मिल्ली काम में सर्फ किया जाये तो बेहतर है,शैतान के दोस्त और दुश्मन। Shaitan ke dost aur Dushman.
मगर सच्चा मुसलमान शैतान के इस किस्म के वसवसों की तरफ मुतलकन इल्तिफात नहीं करता और नमाज़ पढ़ना कभी नहीं छोड़ता यह भी मअलूम हुआ कि शैतान औरत की सूरत में भी आकर फुस्लाता है, और आज कल तो वह मेकअप करके भी निकलने लगा है और यह भी मलूम हुआ कि हर वक़्त बा वुजू रहना अल्लाह के नज़्दीक बड़ा पसंदीदा काम है,
हर वक़्त बावुजू रहने से आग के शोले भी सुर्ख अकीक बन जाते हैं, और किसी का जाएज़ सवाल पूरा करने से खुदा तआला बड़ी मुश्किलें टाल देता है और लोगों की ईज़ाओं को बरदाश्त करने वाले पर खुदा खुश होता है!
अल्लाह रब्बुल इज्ज़त हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे, हमे एक और नेक बनाए, सिरते मुस्तक़ीम पर चलाये, हम तमाम को नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सच्ची मोहब्बत और इताअत की तौफीक़ आता फरमाए, खात्मा हमारा ईमान पर हो। जब तक हमे ज़िन्दा रखे इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखे, आमीन ।
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क्या पता अल्लाह ताला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए । आमीन ।
खुदा हाफिज…