शादी के बाद माँ-बाप से मिलने की फज़ीलत।Shadi ke Baad Maa-Bap se milne ki fazilat.

Shadi ke baad maa-baap se milne ki fazilat

मैं आपको एक बात और बताता हूँ। वह कौन सी बेटी होगी जिसकी शादी हो गई हो और वह वापस अपने माँ-बाप को मिलने न आये।

सभी बेटियाँ आती हैं, सभी बच्चियाँ आती हैं। मगर नीयत क्या होती है? जी बस मैं अम्मी से मिलने जा रही हूँ। अल्लाह अल्लाह ख़ैर सल्ला। यह नीयत नहीं होती कि इस अमल से अल्लाह राज़ी होंगे।

हदीस पाक में आता है कि जिस बच्ची की शादी हो जाये और वह अपने माँ-बाप की ज़ियारत की नीयत कर ले कि मैं अपने माँ-बाप से मिलने जा रही हूँ ,

और शौहर से इजाज़त लेकर जाये और दिल में यह हो कि इस अमल से अल्लाह राज़ी होंगे तो अल्लाह तआला हर कदम पर उसको सौ नेकियाँ अता फरमा देते हैं, सौ गुनाह माफ कर देते हैं और जन्नत में सौ दर्जे बुलन्द कर देते हैं।Shadi ke Baad Maa-Bap se milne ki fazilat.

अब बताईये! एक औरत, एक बेटी जो अपने माँ-बाप की ज़ियारत के लिये इस नीयत से आ रही है कि इस अमल से अल्लाह राज़ी होंगे। हदीस का मफ़्हूम है कि हर कदम उठाने पर उसे सौ नेकियाँ मिलेंगी, सौ गुनाह माफ होंगे और जन्नत में सौ दर्जे बुलन्द कर दिये जायेंगे। बीवी के हुक़ूक़ जो मर्द के जिम्मे है।

हदीस पाक में आता है कि अगर यह माँ-बाप के पास आई और उनके चेहरे पर उसने अकीदत की नज़र डाली। मुहब्बत की नज़र डाली, जो माँ-बाप को नसीब होती है तो अल्लाह तआला हर नज़र डालने पर उसको एक हज या उमरे का सवाब अता फरमायेंगे।

सहाबा किराम रज़ियल्लाहु अन्हुम ने पूछा ऐ अल्लाह के नबी ! जो आदमी अपने माँ-बाप को बार-बार मुहब्बत और अकीदत की नज़र से देखे । अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः जिनती बार देखेंगे उतनी बार हज या उमरे का सवाब अता किया जायेगा। ये बातें हमें मालूम नहीं होतीं इसलिये हम इनके अज्र व सवाब से मेहरूम रह जाते हैं।Shadi ke Baad Maa-Bap se milne ki fazilat.

घर की सफाई औरत किस लिये करती है?

इसलिये करती है कि लोग क्या कहेंगे ओ जी! लोग कहेंगे बेवकूफ सी है, लोग कहेंगे इसको ज़रा भी अक्ल नहीं है। नहीं! अल्लाह की बन्दी! इसलिये सफाई न करे, बल्कि नीयत यह कर ले कि अल्लाह तआला ने ही इरशाद फरमाया है कि: बेशक अल्लाह तआला तौबा करने वालों से मुहब्बत करता है और साफ-सुथरा रहने वालों से भी मुहब्बत करता है।

यह आयत कुरआन पाक की है, तौबा करने से दिल की सफाई होती है, वैसे साफ-सुथरा रहने से बाहर की सफाई हुई है तो गोया जो आदमी बाहर की सफाई करेगा उससे भी अल्लाह राज़ी, जो दिल की सफाई करेगा उससे भी अल्लाह राज़ी अब कुरआन पाक कहता है कि जो साफ-सुथरा रहेगा अल्लाह तआला उससे राज़ी होंगे। तो औरतों को चाहिये कि घर में झाडू दे रही हैं,Shadi ke Baad Maa-Bap se milne ki fazilat.

सफाई कर रही हैं तो नीयत यह कर लें कि अल्लाह तआला पाकीज़गी और सफाई को पसन्द फ़रमाते हैं। शरीअत का हुक्म है कि सफाई आधा ईमान है। अक़ीका, ख़तना,काला टीका लगाना।

आप दिल में नीयत यह कर लिया करें कि इसलिये घर की सफाई कर रही हूँ कि नबी करीम (सल्ल.)ने फरमाया है कि पाकीज़गी आधा ईमान है और पाकीज़ा और साफ रहने वालों से अल्लाह तआला मुहब्बत करते हैं।

अब आप घर को चमकाये रखें, नगीना बनाकर रखें, घर के फर्नीचर को चमकायें, बरतनों को चमकायें, कपड़ों को धो-धोकर रखें। आपको हर हर काम पर अज्र व सवाब मिलता चला जायेगा। क्योंकि आपकी नीयत ठीक हो गई है कि आपने अल्लाह की रज़ा के लिये सब कुछ किया।

कहने का मतलब यह था कि छोटे-छोटे मसाईल का पता न होने की वजह से बड़े-बड़े अज्र व सवाब से मेहरूम रह जाती हैं।Shadi ke Baad Maa-Bap se milne ki fazilat.

अब बताईये कि जिस औरत को इस मसले का इल्म होगा कि मैंने घर की पड़ी हुई किसी भी बेतरतीब चीज़ को उठाकर तरतीब के साथ रख दिया तो मुझे एक नेकी मिलेगी, मेरा एक गुनाह माफ होगा, जन्नत में मेरा एक दर्जा बुलन्द होगा तो ये नेकियाँ सब औरतें कमा सकती हैं।

मेरी आप सब से गुजारिश है की कोई भी काम करने से पहले नियत करलो ताकी उस काम मे हमे नेकी भी मिलेगी और अल्लाह पाक की मदद से हमारा काम भी आसान हो जाए गा।इन्शाअल्लाह बर्कत भी होगी।

इस बयान को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें।ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।

क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।

खुदा हाफिज…

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