19/05/2025
Dana bahlol ka ek ajeeb waqia.

दाना बहलोल का एक अजीब वाक्या।Dana bahlol ka ek ajeeb waqia.

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हारून रशीद एक बहुत बड़ा बादशाह गुजरा है जिसकी हुकूमत पूरी दुनिया पर थी, उस के ज़माने में बहलोल नाम के एक बुज़ुर्ग थे, वो अल्लाह के बहुत बड़े वली थे इसीलिए हारुन रशीद उनका बहुत एहतेराम किया करता था हारून रशीद की बीवी जिनका नाम जुबैदा था वो बहुत ही नेक औरत थीं।

जुबैदा ने अपने महल में ऐसी एक हज़ार नौकरानियाँ रखी हुई थीं, जो क़ुरआन की हाफिज़ा थी और क़ुरआन शरीफ की तिलावत के लिए उन सब की ड्यूटी अलग अलग शिफ्टों में लगी हुई थी, जिसका नतीजा ये होता था कि महल में चौबीस घंटे क़ुरआन शरीफ की तिलावत होती रहती थी और उसका महल कुरान का गुलशन लगता था

एक दिन की बात है कि हारून रशीद अपनी बीवी जुबैदा के साथ दरिया के किनारे टहल रहे थे कि एक जगह बुजुर्ग दाना बहलोल को बैठे हुए देखा देखते ही हारून रशीद ने सलाम किया तो दाना बहलोल ने जवाब दिया, बहलोल उस वक़्त मिट्टी का घरौंदा बना रहे थे तो हारून रशीद ने पूछा : क्या कर रहे हो बहलोल ने जवाब दिया : रेत में घर बना रहा हूँ ,हारून रशीद ने पुछा किस के लिए बना रहे हो बहलोल ने जवाब दिया जो इस घर को ख़रीदेगा मैं उस के लिए दुआ करूंगा कि अल्लाह तआला उसको जन्नत में घर अता फरमाए।Dana bahlol ka ek ajeeb waqia.

हारून रशीद ने पूछा इस घर की क्या क़ीमत है ? बहलोल ने जवाब दिया सिर्फ़ एक दीनार हारून रशीद ने सोचा ये एक दीवाना है जाने क्या बड़ बड़ा रहा है. इसलिए इस बात पर ध्यान नहीं दिया और वो आगे बढ़ गया।

इसके पीछे जुबैदा खातून आयीं, उन्होंने ने भी सलाम करके यही सवालात पूछे क्या कर रहे हो, किस के लिए बना रहे हो. तो बहलोल ने फिर वही जवाब उनको भी दिया कि जो इस घर को खरीदेगा मैं उस के लिए दुआ करूंगा कि अल्लाह तआला उसको जन्नत में घर अता फरमाए

क़ीमत पूछने पर बहलोल ने एक दीनार बताया तो जुबैदा ने एक दीनार देकर कहा मेरे लिए दुआ कर देना और फिर वो आगे बढ़ गयीं रात को जब हारून रशीद सोया तो उसने ख्वाब में जन्नत के हसीन मंजर देखे, खूबसूरत झरने, हरे भरे बाग और ऊंचे ऊंचे ख़ुशनुमा महल भी थे

और उन महलों में एक महल ऐसा भी था जिस पर जुबैदा का नाम लिखा हुआ था, हारून रशीद ने सोचा कि मैं देखूं तो सही मेरी बीवी का घर कैसा है।Dana bahlol ka ek ajeeb waqia.

लेकिन इस से पहले कि महल में दाखिल होता महल के एक चौकीदार ने उसे रोक लिया हारून रशीद ने कहा इस महल पर मेरी बीवी का नाम लिखा है ये मेरी बीवी का है इसलिए मुझे अन्दर जाना है इसकी कीमत देख के शायद आप चौक जाये।

चौकीदार ने कहा नहीं यहाँ का कानून अलग है यहाँ जिस का नाम होता है उसी को अन्दर जाने की इजाजत होती है इस के अलावा किसी और को नहीं, जब चौकीदार ने हारून रशीद को पीछे धक्का दिया तो हारून रशीद की नींद खुल गयी

जागने पर उसे यक़ीन हो गया हो गया कि बहलोल की दुआ जुबैदा के हक़ में कुबूल हो गयी और खुद पर अफ़सोस करने लगा कि मैं भी अपने लिए एक घर खरीद लेता तो कितना अच्छा होता,

वो सारी रात इसी अफ़सोस में करवटें बदलता रहा, सुबह आँख खुली तो उसने सोचा कि आज ज़रूर में दरिया के किनारे जाऊँगा और बहलोल से दुआ करवाके अपने लिए जन्नत में एक मकान जरूर खरीदूंगा

अगले दिन वो दरिया के किनारे बहलोल को तलाश करते हुए इधर उधर देख रहा था कि उसने फिर बहलोल को उसी तरह का मकान बनाते देखा तो करीब जाकर सलाम किया और बहलोल ने जवाब दिया इसके बाद फिर वही सवालात शुरू हो गए Dana bahlol ka ek ajeeb waqia.

हारून रशीद ने पुछा : क्या कर रहे रहे हो ?

बहलोल ने जवाब दिया रेत में घर बना रहा हूँ

हारून रशीद ने पूछा: किस के लिए बना रहे हो ?

बहलोल ने जवाब दिया जो इस घर को ख़रीदेगा मैं उस के लिए दुआ करूंगा कि अल्लाह तआला उसको जन्नत में घर अता फरमाए

हारून रशीद ने पुछा इस घर की क्या कीमत है ?

बहलोल ने जवाब दिया इसकी क़ीमत पूरी दुनिया की बादशाही है।Dana bahlol ka ek ajeeb waqia.

हारुन रशीद ने कहा इतनी कीमत तो मैं नहीं दे सकता लेकिन कल तो एक ही दीनार के बदले दे रहे थे और आज पूरी दुनिया की बादशाही मांग रहे हो

बहलोल ने कहा: बादशाह सलामत कल बिन देखे मामला था और आज देखा हुआ मामला है कल बिन देखे सौदा था इसलिए सस्ता मिल रहा था और आज चूंकि जन्नत देख आये हो इसलिए अब इसकी कीमत ज्यादा देनी पड़ेगी

हमारी मिसाल ऐसी ही है कि आज हम ने अल्लाह और उसके रसूल को बिना देखे माना था इसलिए जन्नत बड़ी सस्ती है लेकिन जब मौत के वक्त की आख़िरत की निशानियां देख लेंगे तो फिर उसके बाद उसकी कीमत अदा नहीं कर सकेंगे

अल्लाह तआला हमको सही रास्ते पर चलने की तौफ़ीक़ अता फरमाए ,आमीन ।

इस बयान को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें।ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।

क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।

खुदा हाफिज…

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