एक आदमी जिसका नाम रहीम था जो बोहोत नेक और शरीफ इंसान था जिसने कभी अपनी जिंदगी में किसी गैर औरत को बुरी निगाह से नहीं देखा उस आदमी के घर की हालत बोहत खराब हो गई थी नौबत यहां तक पहुंच गई के घर में फाके हो गए उस आदमी की एक जवान बेटी थी,
जब फाके हद से बढ़ गए तो वो लड़की अपने छोटे बहन भाई की हालत देखकर बोहोत परेशान होने लगी उसके दिमाग में तरह तरह के सवाल उठने लगे उसने सोचा के क्यूं ना मैं घर से निकल कर किसी काम की तलाश करूं जिससे मैं अपने घर वालों का पेट भर सकूं उस लड़की ने ये सोच कर घर से बाहर अपने कदम निकाल लिए और काम की तलाश में बाजार में निकल पड़ी कभी किसी के घर में काम मांगने गई तो कभी किसी की दुकान में मगर किसी ने उसे काम नही दिया वो थक हार कर अपने घर वापस लौट आई ,Ek Majboor ladki.
कई दिन तक रोज वो ऐसे ही काम की तलाश में घर से बाहर जाती और शाम को थक हार के घर लौट आती जब कहीं भी उसे कोई काम नहीं मिला तो वो लड़की गलत कदम उठाने पर मजबूर हो गई, दिल में इरादा करके घर से निकली कि आज मैं अपना श”रीर बे”चू”गी और कुछ खाना खरीदूगी
वो लड़की घर से बाजार जा पहुंची जिस्म बे”चने लड़की वहां गई और लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करना शुरू कर दिया, वो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश करती रही लेकिन किसी ने भी उस पर ध्यान नहीं दिया।Ek Majboor ladki.
ध्यान तो दूर किसी ने उसकी ओर निगाह तक उठा कर नहीं देखा, लोग आते और उसकी ओर नज़र उठाए बिना निकल जाते इसी तरह खड़े खड़े लड़की को शाम हो गई, वो परेशान होकर घर की ओर कदम बढ़ाने लग गई ! जब घर पहुंची तो अपने वालिद को परेशानी में देखा दरवाज़े पर बाप ने बेटी को देखा और पुछा “बेटी कहाँ गई थी?”
लड़की अपने वालिद की बात सुन कर उनके पेरो में गिर कर रोने लगी और माफ़ी मांगने लगी और फिर रो रो कर सारा माजरा बयान किया कि अब्बा हुजूर मुझसे अपने भूख से बिलखते हुए भाई बहन की हालत देखी नहीं गई और मैं मजबूर होकर जि”स्म बे”चने गयी थी लेकिन एक भी आदमी ने भी मेरी तरफ़ नज़र तक उठाकर नहीं देखा !!Ek Majboor ladki.
पूरी बात सुनने के बाद बाप ने अपनी बेटी से कहा कि बेटा तुम्हारे बाबा ने आज तक कभी किसी गैर औरत को आंख उठाकर नहीं देखा तो यह कैसे हो सकता था कि कोई तुम्हे नज़र उठाकर देखता
इसलिए अपनी गन्दी निगाह किसी औरत पर मत डालो, क्योंकि नज़र गर्म बीज होता है जैसा बोओगे कल को वैसा ही पाओगे।आज आप अपने आप को खबरदार करेंगे तो कल तुम्हारी औलाद भी महफूज़ रहेगी।
इन बयान को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें।ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।
क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।
खुदा हाफिज…