जन्नत नफ़्स के ना-पसन्दीदा कामों के पीछे छुपी हुई है
हदीस :- हज़रत अनस बिन मालिक रज़ियल्लाह तआला अन्हु से रिवायत है कि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमायाः जन्नत नफ़्स के ना-पस्न्दीदा चीजों के पीछे छुपाई गयी है और दोजख ख्वाहिशों और लज्ज़तों के पीछे छुपाई गयी है। (मुस्नद अहमद जिल्द 2 पेज 153)
हदीस :- हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमायाः तर्जुमाः जब अल्लाह तआला ने जन्नत और दोज़ख को पैदा किया तो हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम को भेजा और फरमायाः तुम जन्नत को देखो, जो नेमतें मैंने उसमे जन्नत वालों के लिए तैयार की हैं उनको देखो।
वह आए और जन्नत को देखा और उन नेमतों को जिनको अल्लाह तआला ने जन्नत वालों के लिए तैयार किया था, देखा। अल्लाह तआला के पास लौट कर गए और अर्ज कियाः मुझे आपके ग़लबे की कसम ! जो शख़्स भी इसका ज़िक्र सुनेगा वह ज़रूर इसमें दाखिल होगा। अल्ला तआला ने जन्नत को हुक्म किया तो वह नफ़्स के ना-पसन्दीदा आमाल यानी (वे काम जिनके करने से इनसान के नफ़्स को तकलीफ और परेशानी होती है) मैं छुप गयी।
अल्लाह तआला ने हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम से फरमायाः अब उसके पास फिर जाओ और उसको देखो और जो कुछ तकलीफें उसके रहने वालों के लिए तैयार की गयी हैं उनको देखो।
हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि जिब्राईल फिर गये और देखा तो वह ना-पसन्दीदा कामों में छुपी हुई थी। वह वापस अल्लाह मियाँ के पास लौट आए और अर्ज कियाः मुझे आपकी इज़्ज़त की कसम ! अब तो मैं डरता हूँ कि इसमें कोई एक भी दाखिल नहीं हो सकेगा।
अल्लाह तआला ने फरमायाः दोज़ख की तरफ जाइये और उसको भी देखिए उन्होंने उसको देखा और जो कुछ अल्लाह तआला ने दोज़ख वालों के लिए तैयार किया था दोज़ख में उसको भी देखा, तो वह ऐसी नज़र आई कि उसका एक हिस्सा दूसरे पर बढ़-चढ़ रहा था। यह वापस आए और अर्ज़ किया कि मुझे आपके गलबे की कसम ! जो भी इसका ज़िक्र सुनेगा इसमें दाखिल नहीं होगा।
अल्लाह तआला ने उसको हुक्म दिया तो वह इच्छाओं और शहवतों में छुप गयी। फिर जब जिब्राईल ने उसकी तरफ पलटकर देखा तो अर्ज कियाः मुझे आपके गलबे की कसम ! मुझे पक्का डर है कि इससे कोई भी नजात नहीं पा सकेगा, हर एक इसमें दाखिल होगा। (मुस्नद अहमद जिल्द 2 पेज 332)
खूबसूरत वाक़िआ:माँ की मोहब्बत और अल्लाह की रहमत |
फायदाः वाक़ई जन्नत और दोज़ख की हालत ऐसी है मगर अल्लाह तआला ने अपने ऐसे हज़रात भी पैदा फरमाए हैं जो अल्लाह के फ़ज़्ल व तौफीक से जन्नत वाले आमाल करके दोज़ख वाले आमाल से बचकर जन्नत में पहुँचेंगे। अल्लाह तआला हम सबको जन्नत में ऊँचे दर्जों पर फाईज़ फरमाएँ। आमीन।
अल्लाह से एक दिली दुआ…
ऐ अल्लाह! तू हमें सिर्फ सुनने और कहने वालों में से नहीं, अमल करने वालों में शामिल कर, हमें नेक बना, सिरातुल मुस्तक़ीम पर चलने की तौफीक़ अता फरमा, हम सबको हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से सच्ची मोहब्बत और पूरी इताअत नसीब फरमा। हमारा खात्मा ईमान पर हो। जब तक हमें ज़िंदा रखें, इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखें, आमीन या रब्बल आलमीन।
प्यारे भाइयों और बहनों :-
अगर ये बयान आपके दिल को छू गए हों, तो इसे अपने दोस्तों और जानने वालों तक ज़रूर पहुंचाएं। शायद इसी वजह से किसी की ज़िन्दगी बदल जाए, और आपके लिए सदक़ा-ए-जारिया बन जाए।
क्या पता अल्लाह तआला को आपकी यही अदा पसंद आ जाए और वो हमें जन्नत में दाखिल कर दे।
इल्म को सीखना और फैलाना, दोनों अल्लाह को बहुत पसंद हैं। चलो मिलकर इस नेक काम में हिस्सा लें।
अल्लाह तआला हम सबको तौफीक़ दे – आमीन।
जज़ाकल्लाह ख़ैर….
