रमज़ानुल मुबारक की आख़री शब कैसे गुज़ारें?How to spend the last night of Ramzanul Mubarak?

रमज़ानुल मुबारक की आख़री शब कैसे गुज़ारें 20250308 230224 0000

माहे रमजानुल मुबारक में हम रोज़ा रखते हैं, नवाफिल पढ़ते हैं, तरावीह का एहतेमाम करते हैं, कुरआन मुकद्दस की तिलावत करते हैं, गरीबों की मदद करते हैं, रोजादारों को इफ्तारी कराते हैं, अपने एहल व अवाल पर खूब दिल खोल कर खर्च करते हैं। यकीनन! इन आमाल में बेहद सवाब और बेशुमार फवाइद हैं लेकिन … Read more

ईदुल फित्र का बयान।Eid al-Fitr ka bayan.

ईदुल फित्र का बयान। 20250308 002054 0000

      हमारा ख्याल यह है कि इसमें सिर्फ हमें दो रकअत नमाज़ अदा करने के बाद घूम फिर के और फुजूल कामों में उसे गुज़ार देना है, हत्ता कि बाज़ नौजवान दोगाना अदा करने के फौरन बाद घूमने फिरने की जगहों, सिनेमा हालों और पिकनिक की जगहों की तरफ रवाना हो जाते हैं … Read more

इफ़तार का बयान । Iftar Ka Bayan

Iftar Ka Bayan

जब बंदा दिन भर सब्र व ज़ब्त का मुज़ाहेरा करके रोज़ा को मुकम्मल करता है और मगरिब का वक़्त आता है तो वह हलाल चीजें जो उसके लिए रोज़ा की हालत में हराम कर दी गई थीं अब फिर से हलाल हो जाती हैं, और मौला का बंदों पर इतना एहसान होता है कि माहे … Read more

जंगे बद्र का असली सबब ।The real reason behind Jange Badr.

The real reason behind Jange Badr.

जंगे बद्र का सबबः “अम्र बिन अल हज़रमी” के कत्ल से कुफ्फारे कुरैश में फैला हुआ जबर्दस्त इशतेआल था जिस से हर काफिर की जुबान पर यही एक नारा था कि “खून का बदला खून” लेकर रहेंगे। मगर बिल्कुल नागहानी यह सूरते हाल पेश आ गई कि कुरैश का वह काफिला जिस की तलाश में … Read more

किन चीजों से रोज़ा टूट जाता है ?Kin cheejo se roza toot jaata hai ?

किन चीजों से रोज़ा टूट जाता है 20250222 153834 0000

जिन चीज़ों से रोज़ा नहीं टूटता :- मस्अलाः- भूल कर खाना खाया, पिया, जिमा किया रोजा न टूटा। ख्वाह रोज़ा फर्ज़ हो या नफिल। मस्अला : – मक्खी, धुवाँ, गुवार, हलक में जाने से रोज़ा नहीं टूटता, ख्वाह वह गुबार आटे का ही क्यों न हो जो चक्की पीसने से उड़ता है। मस्अला :- तेल, … Read more

ज़कात किस पर वाजिब है ? Zakat Kis Par Wazib hai.

ज़कात किस पर वाजिब है 20250221 001701 0000

ज़कात हर उस मुसलमान पर वाजिब है जो आकिल, बालिग, आज़ाद, मालिके निसाब हो और निसाब का पूरे तौर पर मालिक हो, निसाबे दीन और हाजते असलिया से फारिग हो और उस निसाब पर पूरा साल गुज़र जाए। (कुतुब फिकई) निसाबे ज़कात :- ज़कात फर्ज़ होने के लिए माल व दौलत की एक खास हद … Read more

रोज़ा के फज़ाईल अहादीष की रोशनी में । In the light of Fazail Ahadith of Roza.

In the light of Fazail Ahadith of Roza.

हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है कि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कसम है उस जात की जिसके कब्ज़-ए-कुदरत में मेरी जान है, रोज़ादार के मुंह की बू अल्लाह के नज़दीक मुश्क से ज़्यादा बेहतर है।(बुखारी शरीफ) मैं ही इसका बदला दूँगा :- हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहो अन्हो से रिवायत … Read more

माहे रमज़ान का इस्तकबाल किस तरह करें? How to welcome the month of Ramadan?

माहे रमज़ान का इस्तकबाल किस तरह करें 20250212 234212 0000

मस्नून है कि 29 शाबानुल मुअज़्ज़म को बाद नमाज़े मगरिब चाँद देखा जाए, चाँद नज़र आ जाए तो दूसरे दिन से रोज़ा रखा जाए और अगर चाँद नज़र न आए तो दूसरे दिन फिर चाँद देखें। अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया ऐ महबूब ! लोग आपसे चाँद के बारे में पूछते हैं, आप फरमा दीजिए … Read more

माहे रमज़ान की फज़ीलत। Maahe Ramazaan ki Phazeelat.

Maahe Ramazaan ki Phazeelat.

हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहो अन्हो से रिवायत है कि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमायाः यानी जब रमज़ान ” का महीना आता है तो जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं।(बुखारी शरीफः ज.1, स. 255) नबी-ए-करीम सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने इर्शाद फरमायाः अल्लाह तआला रमज़ान की हर शब को बावक्ते इफ्तार एक लाख दोज़खियों … Read more