वलीमें का दावत कभी इन्कार मत करना।Walime ka Dawat kabhi inkar mat karna.
वलीमा करना सुन्नते मौकेदाह हैं । जान बुझ कर वलीमा न करने वाला सख्त गुनाहगार है।(कीम्या-ए-सआदत, सफा नं. 2611) वलीमा येह है कि सुहाग रात …
Islamic Knowledge
Blog
वलीमा करना सुन्नते मौकेदाह हैं । जान बुझ कर वलीमा न करने वाला सख्त गुनाहगार है।(कीम्या-ए-सआदत, सफा नं. 2611) वलीमा येह है कि सुहाग रात …
सोहबत (हमबिस्तरी) से पहले खुशबू लगाना बेहतर है। खुशबू सरकारे मदीना सल्लल्लाहो तआला अलैहि व सल्लम को बहुत पसंद थी । आप (स.व)हमेशा ख़ुशबू का …
मज़हबे इस्लाम हमारी हर जगह हर हाल में रहनुमाई करता हुआ नज़र आता है यहाँ तक कि मियाँ, बीवी, के आपसी तअल्लुकात में भी एक …
मसअला :- मियाँ बीवी का सोहबत के वक्त एक दूसरे की शर्मगाह को मस करना बेशक जाइज़ है बल्कि नेक नियत से हो तो मुस्तहब …
सोहबत के दौरान मर्द किसी दूसरी औरत का और औरत किसी दूसरे मर्द का ख़्याल न लाऐं। यानी ऐसा न हो कि मर्द सोहबत तो …
बीवी से ज़िन्दगी में एक मरतबा सोहबत करना कज़ाअन वाजिब है और हुक्म येह है कि औरत से सोहबत कभी कभी करता रहे । इस …
जब दूल्हा, दुल्हन कमरे में जाए और तन्हाई हो तो बेहतर येह हैं कि, सब से पहले दुल्हन, दूल्हा दोनों वुजू कर ले और फिर …
इमाम ग़ज़ाली रहमतुल्लाहि अलै. ने लिखा है कि नान नफ्के के अलावा औरतों की कम- अक्ली, -कमज़ोरी, मिनाज की तेजी वगैरह का ख़्याल रखते हुए …
जबकि अल्लाह तआला ने औरतों का रिज़्क और दीन व दुनिया की सहूलियतें व आसानियां शौहर के कब्ज़े में कर दी हैं उन पर खाना, …
औरत जब हमल से हो तो उस हालत में सोहबत करना शरीअते इस्लामी की रू से मना नहीं है और इस पर कोई गुनाह भी …