19/05/2025
Iblees ki Kasam.

इब्लीस की क़सम।Iblees ki Kasam.

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Iblees ki Kasam.

अल्लाह तआला ने शैतान को जब अपनी बारगाह से निकाल दिया, और उसे मरदूद व मलऊन कर दिया तो शैतान ने खुदा से कहा कि मुझे कियामत तक के लिए मुहलत दे,

अल्लाह रब्बुल-इज्ज़त ने फरमाया अच्छा मैंने मुहलत दी, शैतान ने मुहलत मिलने का तोहफा लेकर फिर कसम खाकर कहा कि मैं सीधे रास्ते पर बैठ जाउँगा तेरे बंदों आदम की औलाद को चारों तरफ से घेर लूँगा, इस तरह उन पर सामने से भी हमला करुंगा, पीछे से भी हमला करूंगा, और उन के दाहिने और उन के बाएं से भी उन पर हमला आवर होंगा, और उन्हें तेरे शुक्र गुज़ार बन्दे न रहने दूंगा।

अल्लाह तआला ने फ़रमाया, मलऊन तू यहाँ से निकल जा ! और जा लोगों को बहका, मेरा भी यह एलान है जो तेरे कहे पर चला मैं उसे भी तेरे साथ जहन्नम में दाखिल करूँगा।

शैतान ने अपने साथी और अपने जहन्नमी दोस्त बनाने के लिए कसम खा रखी है कि मैं लोगों को चारों तरफ से घेर कर उन्हें गुमराह कर दूंगा, और खुदा ने उस के कहने पर चलने वालों को जहन्नम में दाखिल करने का एलान फरमा दिया है। मुक़द्दस क़ातिल।

लिहाजा आज हमें शैतान से हर वक़्त चौकन्ना रहना चाहिए, यह मलऊन वाकई चारों तरफ से हमला आवर हो रहा है, आगे सिनेमा, पीछे थेटर, दाएं रक्स व सुरूय, बाएं लहव लड़ब अल-गर्ज चारों तरफ उर्याना वहहाशी, अनानियत व गुरूर, बेबाकी व अंयारी, मकर फ्रेब, धोका व चालबाजी, आवारगी व मैवारी आम है।Iblees ki Kasam.

और इब्ने आदम शैतान के उस दाव की जद में है यह मलऊन हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की औलाद से अपनी ज़िल्लत का बदला लेना चाहता है, मुबारक हैं वह लोग जो उसकी जद में नहीं आते और बड़े ही बद बख़्त हैं वह लोग जो उसके बहकाने में आ जाते हैं, मुसलमानों को इस के दाव से बचने के लिए हर वक्त मुस्तइद रहना चाहिए ताकि अल्लाह तआला के अज़ाब से वह बच जाएं।

अल्लाह तआला ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम और हज़रत हव्वा दोनों को फरमाया कि जाओ तुम दोनों जनत में रहो और जन्नत में जहाँ चाहो और जो चाहो वह खाओ, लेकिन उस एक दरख्त के नज़दीक कभी नहीं जाना, हज़रत आदम व हव्वा जब जन्नत में तशरीफ़ ले गए, तो शैतान ने उन के दिलों में ये वसवसा पैदा कर दिया कि यह दरख़्त जिस के पास जाने से हमें रोका गया है ताकि हम रिश्तों की तरह खाने पीने से वे नियाज़ न होजाएं।

शैतान ने फिर कसम खाकर उनसे कहा कि मैं तुम दोनों का खैर ख़्वाह हूं, आप इस दरख़्त से कुछ खालें। कुछ नहीं होता, हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने शैतान के मुँह से अल्लाह की क़सम सुन कर यकीन कर लिया कि यह हमारा ख़ैर ख़्वाह ही है आप को गुमान भी न था कि कोई अल्लाह की कसम खाकर भी झूट बोल सकता है।

इसलिए आप ने उस की बात का एतबार कर लिया, और उस दरख़्त से कुछ खा लिया, खाते ही हज़रत आदम अलैहिस्सलाम व हव्वा दोनों के बदन से जन्नती लिबास उतर गया और उन में एक दूसरे से अपना जिस्म झुपा न रह सका, और फिर वह अपने बदन पर जन्नत के पत्ते चिपटाने लगे, अल्लाह तआला ने फरमाया कि मैंने तुम्हें उस दरख़्त से मनअ न किया था और यह नहीं बताया था कि शैतान तुम्हारा दुश्मन है?

हज़रत आदम अलैहिस्सलाम व हव्वा दोनों अर्ज़ करने लगे, ऐ हमारे रब , हम ने अपने आप बुरा किया, अब अगर तू ने हम पर रहम न किया, और हमें न बख़्शा तो हम नुकसान उठायें फिर आदम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला से इन अलफाज़ से दुआ मँगी। “अल्लाहुम-म-इन्नी असअलु-क – बिजाहि मुहम्मदिन अब्दिक व करामतिही अलैक अन तग़फिरली ख़तीअती ” ऐ अल्लाह ! मैं तुझ से तेरे बंद- ए- खास मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जाह व मरतबा के तुफैल में और उसकी करामत के सदक़े में जो उन्हें तेरे दरबार में हासिल है, मगफिरत चाहता हूँ। यह दुआ करनी थी कि अल्लाह तआला ने उनकी मगफिरत फ़रमादी और शैतान खाइफ़ व खासिर रह गया!Iblees ki Kasam.

शैतान ने जब देखा कि आदम अलैहिस्सलाम को सज्दा न करने की वजह से मैं हमेशा के लिए मरदूद व मलऊन हूँ तो ख़बीस ने इन्तिकाम लेने के लिए झूटी कसमें खा कर हज़रत आदम व हव्वा को जन्न्त से निकाल देने की कोशिश की और अल्लाह तआला ने जिस दरख़्त के पास भी जाने से हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को रोका था। जिन्न और शैतान क्या बला हैं?

उसके जरीए अपना मक़सद पाना चाहा चुनाँचे उसने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के सामने अल्लाह तआला की कसम खाकर कहा कि मैं आप का खैर ख़्वाह हूँ हज़रत आदम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह का नाम सुनकर एअतिबार कर लिया और दरख़्त के पास भी न जाने को तंज़ीही समझ लिया, और उस दरख़्त से कुछ खा लिया।

मअलूम हुआ कि शैतान की यह आदत है कि वह लोगों को बहकाने के लिए अल्लाह की कसम जरूर खाता है चुनाँचि आज अगर कोई शख़्स लोगों के मजम में कुरआन लेकर और अल्लाह की कसम खा कर कहने लगे कि मैं हनफी बल्कि असली हनफी हूँ तो जान लीजिए दाल में काला है और यह भी मअलूम हुआ कि शैतान ने जहाँ खैर ख़्वाह होने की कसम खाई है वहाँ उसने खैर नहीं गुज़ारी,

तो जहाँ उसने “फबिइज्जतिक उगवियन्न्हुम अजमईन” कह कर यह क़सम खा रखी है कि ऐ अल्लाह ! तेरी इज्ज़त की कसम ! मैं तेरे सब बंदों को गुमराह कर दूँगा, वहाँ वह ख़बीस कब ख़ैर गुज़ारने वाला है इसलिए शैतानी दाव से हमें हर वक़्त चौकन्ना रहना चाहिए, और यह भी मअलूम हुआ कि शैतान हम से ऐसी हरकतें कराना चाहता है जिस से हम नंगे और उरयाँ हो जायें।

हमारा लिबास वह उतार देना चाहता है। और हमें वह उरयाँ देखना चाहता है शैतान उरयाँ और उर्यानियत पसंद हैं चुनाँचि आज कल वह नई तहज़ीब के हाथों अपना यही काम करा रहा है और यह भी मअलूम हुआ कि हज़रत आदम अलैहिस्सलाम व हव्वा अलैहिस्सलाम का अपने बदन पर जन्नत के पत्ते चिपटाना इस अम्र पर शाहिद है कि आदमियत यह है कि उर्यानी से नफरत हो और शर्म की चीजों को छुपाया जाए।Iblees ki Kasam.

पिछले दिनों एक अख़बार में मगरिब की सूरते हाल पढ़ी थी कि वहाँ नंगे मर्द औरतें और बच्चे साहिलों की रेत पर धूप में लेटे बैठे या खड़े हुए बातें कर रहे होते हैं, और जहाँ सर झुक जाना चाहिए वहाँ आँख नहीं झुकतीं!

यह सब कुछ शैतानी हरकतें हैं, हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के बेटों यअनी आदमियों को चाहिए कि आदमी बनें और उर्यानी इख़्तियार न करें मगर आह!

नई तहज़ीब को निस्बत नहीं है आदमियत से जनाब को हज़रते आदम से क्या मतलब और यह भी मअलूम हुआ कि अल्लाह तआला से मगफिरत तलब करने के लिए सब से बड़ा कारगर वसीला हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नाम नामी और इस्मे गिरामी और आप की जात बाबरकात है अल्लाह तआला अपने महबूब के सदक़े में ख़ता मुआफ फ़रमा देता है।

अल्लाह रबबूल इज्ज़त हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे,हमे एक और नेक बनाए, सिरते मुस्तक़ीम पर चलाये, हम तमाम को रसूल-ए-करीम (स.व) से सच्ची मोहब्बत और इताअत की तौफीक आता फरमाए, खात्मा हमारा ईमान पर हो। जब तक हमे जिन्दा रखे इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखे,आमीन।

इन हदीसों को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें।ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।

क्या पता अल्लाह ताला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।

खुदा हाफिज…

 

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