सतर और परदे का हुक्म।Satar aur parde ka huqm.
शरीअत में एक हुक्म तो लिबास और सतर का है और ये हुक्म मर्द व औरत दोनों के लिए है। मर्दों के लिए नाफ़ से घुटने तक अपनी बीवी के ...
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मोमिन की कब्र और असल ज़िन्दगी।Momin ki kabr aur asal zindagi.
हदीसों को पढ़ने से साफ़ मालूम होता है कि मरने वाले को देखने में हम भले ही मुर्दा समझते हैं लेकिन सच तो यह है कि वह ज़िंदा होता है। ...
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भाई और बहन की मुहब्बत।Bhai aur bahan ki muhabbat.
भाई और बहन के दिल में अल्लाह रब्बुल्-इज़्ज़त ने मुहब्बत डाली। परदेस में बहन है। अपने बच्चों के साथ शौहर के साथ खुशियों भरी ज़िन्दगी गुज़ार रही है। जब उसको ...
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मालिकों और गुलामों का इन्साफ।Maliko aur Gulamo ka insaaf.
हज़रत आइशा (र.अ)रिवायत फरमाती हैं कि रसूलुल्लाह (स.व)की ख़िदमत में एक शख़्स आकर बैठ गया। उसने अर्ज़ किया, ऐ अल्लाह के रसूल ! बिला शुब्हा मेरे कुछ गुलाम हैं जो ...
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कुरआन मजीद सच्ची किताब है।Quraan majeed sachchi kitab hai.
इस किताब को नाज़िल करने वाला ख़ुद परवदिगार है। अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त अपने बारे में इर्शाद फ़रमाते हैं उससे ज़्यादा सच्ची बात भला किस की हो सकती है। दूसरी जगह ...
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अल्लाह की मुहब्बत बन्दो पर।Allah ki muhabbat bando par.
हदीसे-कुदसी में अल्लाह तआला का इरशाद हैः मैं एक छुपा हुआ ख़ज़ाना था। मैंने पसन्द किया कि मैं पहचाना जाऊँ। पस मैंने मख्लूक को पैदा कर दिया। मख़्लूक़ के पैदा ...
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आंहज़रत (स.व) पर उम्मत के आमाल पेश किये जाते हैं।Anhazrat(s.w) par ummat ke Amal pesh kiye jate hai.
हज़रत अब्दुल्ला बिन मस्ऊद (र.अ)रिवायत करते हैं कि आंहज़रत (स.व)ने इर्शाद फ़रमाया कि मेरी जिंदगी तुम्हारे लिए बेहतर है और मेरी वफ़ात तुम्हारे लिए बेहतर है, तुम्हारे आमाल मुझपर पेश ...
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जुर्म न मानने पर गवाहियां।Jurm na manne par gawahiyan.
बदन के अंगों की गवाही : इंसान बड़ा झगड़ालू है और उसकी बहस की तबीयत कियामत के दिन भी अपना रंग दिखायेगी और अल्लाह तआला से भी हुज्जत करेगा। उस ...
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एक चिड़िया की फरियाद। Ek chidiya ki fariyaad.
एक साहबी रज़ियल्लाहु अन्हु नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ख़िदमत में हाज़िर हो रहे थे। एक दरख़्त पर उन्होंने एक घोंसला देखा जिसमें छोटे-छोटे बच्चे थे। चिड़िया कहीं ...
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