28/04/2025
Bhai aur bahan ki muhabbat.

भाई और बहन की मुहब्बत।Bhai aur bahan ki muhabbat.

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Bhai aur bahan ki muhabbat.

भाई और बहन के दिल में अल्लाह रब्बुल्-इज़्ज़त ने मुहब्बत डाली। परदेस में बहन है। अपने बच्चों के साथ शौहर के साथ खुशियों भरी ज़िन्दगी गुज़ार रही है।

जब उसको फोन पर ख़बर मिलेगी कि भाई बीमार है और अस्पताल में दाख़िल है, उसे चैन नहीं आयेगा, उसे खाना अच्छा नहीं लगेगा। नफ़्लें पढ़कर दुआयें मागेंगी। रातों को जाग-जागकर दुआयें माँगेगी। खैर की ख़बर सुनने के लिए हर वक़्त उसके कान मुन्तज़िर होंगे।

ऐसी मुहब्बत होती है बहन के दिल में कि वह अपने बच्चों को भी भाई की बात समझाती है तो उसको चन्दा-मामू कहती है। उसकी नज़र में भाई जैसा भी है मगर चाँद से भी ज़्यादा खूबसूरत है। ये मुहब्बतें इस ज़िन्दगी के गुज़ारने के लिए बुनियादी ज़रूरत थीं।Bhai aur bahan ki muhabbat.

मियाँ-बीवी की मुहब्बत :-मियाँ-बीवी की मुहब्बत की कई मिसालें आपके सामने हैं। तकलीफ एक को होती है महसूस दूसरा कर रहा होता है। बस नहीं चलता कि किस तरह दूसरे को ऐसी दवा दी जाये कि वह सेहतमन्द हो जाये।

शौहर समझता है कि बीवी का गम मेरा ग़म है और बीवी की खुशी मेरी खुशी है। बीवी को देखा कि शौहर के कारोबार पर कोई बुरा वक़्त आ जाये तो अपने घर में शहज़ादी की तरह यह पली थी, मगर शौहर के घर में गुर्बत को बरदाश्त करेगी। दूसरे पूछें भी सही तू कैसी है?

तो अपने भाई और बाप को भी बताना पसन्द नहीं करेगी। समझेगी कि यह अल्लाह रब्बुल्-इज़्ज़त की तरफ से है। जब शौहर मुझसे मुहब्बत करता है तो अब मेरे लिए हर तकलीफ़ को बरदाश्त करना आसान है।

औलाद और माँ-बाप की मुहब्बत :- इसी तरह औलाद और माँ-बाप के दरमियान मुहब्बत होती है। हर बाप को अपनी औलाद के ऊपर शफ़क़त हासिल है। वह औलाद की हिफ़ाज़त करता है। घर में बच्चे अगर भूखे हों तो वह पसीना बहाता है।Bhai aur bahan ki muhabbat.

रातों को जाग-जागकर पहरा देता है। एक वक़्त में दो-दो जगह नौकरियाँ करता है। हालाँकि वह इतना कमा चुका कि वह अच्छी रोटी खा सकता है, लेकिन उसके सामने तो बच्चों की ज़रूरतें होती हैं, बाप अपने मुँह में कुछ नहीं डालेगा, अपने बच्चों के मुँह में ज़रूर डालेगा। यह मुहब्बत है जो अल्लाह रब्बुल्-इज़्ज़त ने औलाद के लिये बाप के दिल में रख दी।

माँ की मुहब्बत:- रह गयी बात माँ की मुहब्बत की तो माँ की ममता की तो मिसाल दी जाती है। माँ की मुहब्बत वह गहरा समन्दर है कि जिसकी गहराईयों को आज तक कोई नहीं नाप सका। माँ की मुहब्बत वह हिमालये पहाड़ है कि जिसकी बुलन्दियों को आज तक कोई नहीं छू सका।

माँ की मुहब्बत वह सदाबहार फूल है जिस पर कभी ख़िज़ाँ नहीं आती। माँ तो औलाद पर कुरबान हुई जाती है। और यह सिर्फ इनसानों में नहीं बल्कि परिन्दों में देख लीजिये, चिड़िया एक नन्ही सी जान है। गर्मी के मौसम में उड़कर जाती है और पसीना-पसीना होती है मगर चोंच में पानी लाकर अपने बच्चों को पिलाती है।

उसकी अपनी चोंच में पानी था, प्यास लगी हुई थी, यह खुद पी सकती थी, मगर पीती नहीं कि उसके बच्चे प्यासे हैं। छोटी सी जान में देखो अपने बच्चों से कैसी मुहब्बत है।Bhai aur bahan ki muhabbat.

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क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।

खुदा हाफिज…

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