इस बीमारी में गुर्दे के जगह पर दर्द होता है। बार-बार पेशाब की हाजत हो जाती है। कभी पेशाब बन्द हो जाता है। अगर आता भी है तो क़तरा टपकता है।
कभी खून मिला होता है। नब्ज़ कमज़ोर चलती है। मतली और कै (उल्टी) भी हो जाती है। गुर्दे के मकाम पर बोझ मालूम होता है। कुछ अहम नुस्खे हैं, अगर इसका इस्तेमाल मरीज सही-सही कर लिया, तो इन्शाअल्लाह जरूर फयदा होगा।
नुस्खा :- संगे सरमाही एक माशा, हजरूलयहूद एक माशा, दोनों को मूली के पत्ते के पानी में पीस कर जवारिश ज़रऊनी 7 माशा में मिलाकर खिलायें। ऊपर से कल्थी 3 माशा, दोकू 3 माशा, काकन्ज 3 माशा, आलू बालू 3 माशा, अर्को अनन्नास 12 तोला में शीरा निकाल कर छान लें और शर्बते बज़वरी मिला कर पी लें, अजमाया हुआ नुस्खा है।(हाज़िक 394)
नुस्खा :- माजून अकरब एक माशा खा कर ऊपर से अर्कै अनन्नास 12 तोला में शर्बते बज़वरी 4 तोला मिलाकर पी लेने से पथरी रेज़ा-रेज़ा हो कर निकल जाती है। (हाज़िक पेज 394)Pathri ka ilaj aur Nuskhe.
नुस्खा :- शीरा आलू बालू 3 माशा, शीरा दोकू 3 माशा, शीरा काकन्ज 3 माशा, अर्को अनन्नास दस तोला पीस कर शीरा निकाल लें और शर्बते बज़वरी मोअतदल मिला कर पी लिया करें। (शमा शबिस्ताने रज़ा पेज 104) मर्दाना बीमारियाँ, नुस्खे और रूहानी इलाज।
नुस्खा :- सौंफ, तुख्मे खरबूज़, गोखरू र्फद तीनों दवाईयां एक-एक तोला लेकर खूब कूटें, फिर सिल पर पानी डालकर दवाओं को बारीक पीस कर शीरा निकालें और छान कर शकर मिलाकर शर्बत बना लें। पहले एक पीस बड़ी हरड़ का मुरब्बा खायें। इसके दस मिनट बाद यह शर्बत नीम गर्म पी लें। इन्शा अल्लाह तीन दिन और ज़्यादा है ज़्यादा सात दिन में पथरी रेज़ा-रेज़ा हो कर पेशाब के रास्ते से निकाल जायेगी। (शमा शबिस्ताने रज़ा जिल्द, पेज 29)
नुस्खा :- कल्थी तीन दरहम, बड़ी इलायची दस दरहम, दो सेर पानी में जोश दें। जब आधा रह जाये तो गाय का घी एक दरहम, लाहोरी नमक एक माशा, इसमें मिला लें, फिर सबको पी लें। इन्शा अल्लाह इससे मसाने की पथरी ख़त्म हो जायेगी।
नुस्खा : – तिल की पत्ती साये में सुखा कर बारीक पीस लें, फिर दस माशा खालिस शहद में मिला कर खायें, बहोत फायदेमंद है।Pathri ka ilaj aur Nuskhe.
नुस्खा :- मूली के पत्ते भी कूट कर खाने से बहुत ज़्यादा फायदा होता है। (मुफीदुल अजसाम पेज 74)
नुस्खा :- लोहे की अंगूठी या छल्ला पहनना पथरी के मरीज़ के लिये बहोत फायदेमंद है।
नुस्खा : – तिल के दरख्त की कोपल साये में खुश्क करके जला कर रोज़ तीन दरहम खाने से गुर्दे की पथरी दूर हो जाती है।
नुस्खा :- गुले दाऊदी की पंखड़ियां खुश्क करके कूट छान कर बराबर शकर मिला कर खिलायें, पथरी के लिए फायदेमंद है।
नुस्खा :- जवाखार, सुहागा हर एक दो माशा गोखरू के शीरे के साथ पिया करें।
नुस्खा :- अंगूर की लकड़ी की राख छः माशा गोखरू के शीरे के साथ नोश करने से पथरी निकल जाती है।Pathri ka ilaj aur Nuskhe.
नुस्खा :- करन्जवा की कोंपल खुश्क करके जला कर इसकी राख कम अज़ कम दो दरहम दो तोला शहद में मिला कर खायें इस से पथरी निकल जाती है।
नुस्खा :- मग्ज़े करन्जवाह कूट छान कर एक माशा की मिकदार तीन माशा शहद के साथ हर रोज़ खाया करें और एक माशा रोज़ ज़्यादा करते जायें। ग्यारहवें रोज़ से एक माशा कम करना शुरू करके तीन माशा तक पहुँचायें। इससे गुर्दे की पथरी बिल्कुल ख़त्म हो जायगी।
नुस्खा :- मूली के पत्तों का अर्क चार दरहम निचोड़ लें। तीन माशा अजवद इसी अर्क से निगल जायें। तिब्बे नबवी ।(दवाओ का नुस्खा)
नुस्खा :- किसी भी पौधे की पत्ती बारीक पीस कर पीना संगे गुर्दा मसाना के लिये बहोत फायदेमंद है।
नुस्खा :- चोराई का साग खाना पथरी के लिये बहोत फायदेमंद है। (इलाजुलगुराबा पेज 119/120)Pathri ka ilaj aur Nuskhe.
इन चीजों का परहेज़ :-
चावल, आलू, उड़द की दाल, बैंगन, मसूर की दाल वगैरह।
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क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।
खुदा हाफिज…