लक़वा, एक जान लेवा बीमारी है। रगों में खुश्की की वजह से खून का दौरान कम हो जाता है, जिससे एक जबड़ा खिंच जाता है और मुँह टेढ़ा हो जाता है। इस सिलसिले में कुछ नुस्खे तहरीर करते हैं। लक़वा के मरीज को इस्तेमाल करायें।
नुस्खा :- जैसे ही लकवे की शिकायत शुरू हो फौरन मरीज़ को खालिस शहद नीम गर्म पानी में मिला कर दें और खाने में जंगली कबूतर का शेरबा सुबह व शाम पिलायें। इसके सिवा कुछ न दें। कम से कम पाव सेर शहद रोज़ाना सुबह से शाम तक पिलाया करें, किसी दूसरी दवा की ज़रूरत नही पड़ेगी। (शमा शबिस्ताने रज़ा हिस्सा 1,पेज 103)
नुस्खा :- सियाह तीतर का खून, सियाह कबूतर का खून बराबर मिला कर इसके बराबर मीठे तेल में पकायें। जब खून सड़ जाये और तेल रह जाये, तब छानकर साफ कर लें और इससे मरीज की मालिश करें। (गन्जीनएतबीब पेज 233)Lakwa ka ilaj aur Nuskhe.
फालिज और लक़वा दोनों के लिये मुफीद है।
नुस्खा :- अकरकरहा, सियाह मिर्च, फिलफिल दराज़, हर एक तीन माशा, पीला मोल 3 माशा, सोंठ, मीठा तेलिया हर एक एक तोला, कूट छानकर गुड़ और घी में मूंग के बराबर गोली बना लें। सुबह व शाम एक-एक गोली खायें (गंजीन-ए-तबीब पेज 142)कुव्वत (ताक़त) की बरबादी।
नुस्खा :- कचला 15 पीस, पन्द्रह दिन पानी में तर रखें। तीसरे दिन पानी बदल दिया करें। जब पन्द्रह दिन में नर्म हो जायें, तब ऊपर का छिलका उतार दें, फिर खुश्क करके आग पर भून कर सुर्ख कर लें। फिर इसमें बराबर सियाह मिर्च मिला कर पानी में रगड़ के काली मिर्च के बराबर गोलियां बना लें। सुबह नाश्ते के बाद एक गोली खा लिया करें। (गन्जीन-ए-तबीब पेज 142)Lakwa ka ilaj aur Nuskhe.
नुस्खा :- खालिस हींग पानी में पीस कर नाक के दोनों सुराखों में डालने से बहुत जल्द इस बीमारी से निजात मिल जाती है।(फवाइदे अजीबा जिल्द 1, पेज 74)
नुस्खा :- उल्लू को ज़िबह करके फौरन उसका दिल लक़वा शुदा जगह पर लगाना बेहद मुफीद है। (हयातुल हैवान जिल्द 1, पेज 425)
नुस्खा :- लोहे की प्लेट में सूर-ए-ज़लज़ाल शरीफ कुन्दा कराके देखते रहने से यह बीमारी दूर हो जाती है।
नुस्खा :- जायफल एक पीस मरीज़ के मुँह में रखकर मरीज़ को अन्धेरे कमरे में रखें और दिन में दो तीन मर्तबा शहद जोश देकर पिलाते रहें।Lakwa ka ilaj aur Nuskhe.
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क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।
खुदा हाफिज…