18/05/2025
Kis Janavar ko Marana Jayaz aur Najayaz hai.

किस जानवर को मारना जायज़ और नाजायज़ है। Kis Janavar ko Marana Jayaz aur Najayaz hai.

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Kis Janavar ko Marana Jayaz aur Najayaz hai.सांप को मारना

घर के अन्दर अगर सांप दिखाई दे तो तीन बार उसको खबरदार कर दे अगर उसके बाद भी वह सामने आये तो मार डाले। जंगल में बगैर खबरदार किये मार डालना जाएज़ है अगर ऐसा सांप नज़र आ जाये जिसकी दुम इतनी छोटी है कि वह कटी हुई नज़र आये या उसकी पुश्त पर दो सियाह ख़त हो या जैसा कि लोगों में मशहूर है उसकी आंखो में सियाह बाल भी नजर आये ऐसे सांप या सांपों को बगैर ऐलान के हलाक़ कर दे ।

खबरदार करने के मानी यह हैं कि उससे कहे कि जान ले कर चला जा हम को तकलीफ़ न दे। हदीस शरीफ में आया है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से घरैलू सांपों के बाबत दरयाफ्त किया गया आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशद फरमाया जब तुम अपने घर में सांप देखो तो उससे कहो मैं तुम्हें उस कौल कि क़सम देता हुं जो पैग़म्बरे खुदा हज़रत नूह अलैहिस्सलाम ने तुमसे लिया था और उस अहद की क़सम देता हूं जो हज़रत सुलैमान अलैहिस्सलाम ने तुम से लिया था कि तुम यहा से चले जाओ और हमें तकलीफ़ न पहुंचाओ।

अगर वह न जाए तो फिर उनको मार डाले इब्ने मसऊद रज़ियल्लाहो अन्हो रिवायत करते हैं कि आंहज़रत सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो सांप नज़र आए उसे मार डालो और जो शख़्स सांप के मारने से इस लिए डरता है कि वह उसके दुश्मन हो जाएंगे तो ऐसा शख्स मेरी उम्मत में से नहीं है।

हज़रत सालिम बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहो अन्हो रिवाएत करते हैं कि आंहज़रत सल्लल्लाहो अलैहि वसल्ल ने फ़रमाया “सांपों को मार दो” दो ख़त वाला सांप और कटी हुई दुम यानी छोटी दुम का सांप यह दोनों अंधा कर देते हैं और हमल को भी गिरा देते हैं रावी कहतें हैं कि हज़रत अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहो अन्हो जिस सांप को भी देख लेते थे उसे मार डालते थे चुनांचे हज़रत अबु लबाबा रज़ियल्लाहो अन्हो ने उन को इस हाल में देखा कि वह एक सांप की घात में बैठे थे ।

उन्होंने कहा कि हुज़ूर ने घरो में रहने वाले सांपों को मारने से मना फ़रमाया है और बतौरे दलील अबू साएब की यह रिवायत पेश की कि एक दफा मैं हज़रत अबू सईद रज़ियल्लाहो अन्हो के पास गया हम तख़्त पर बैठे थे कि के नीचे कोई शय हरकत करती हुई महसूस हुई तो सांप था मैं ने कहा मैं उसे मार डालना चाहता हूं हज़रत अबू सईद रज़ियल्लाहो अन्हो ने अपने घर के सामने कोठरी की तरफ इशारा करते हुए फरमाया यहां मेरा चचा ज़ाद भाई रहता था नई नई शादी थी ।Kis Janavar ko Marana Jayaz aur Najayaz hai.

जंग एहज़ाब के दिन उसने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से घर आने की इजाज़त मांगी हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने उसको इजाज़त मरहमत फरमा दी और हुक्म दिया कि हथियार साथ ले कर जाए वह घर पहुंचा तो बिवी को दरवाज़ा पर खड़ा पाया मेरे भतीजे ने यह देख कर बीवी की तरफ नीज़ा सीधा किया ताकि उसे मार डाले उस की बीवी ने कहा कि जल्दी न करो पहले अन्दर जाकर देख लो कि मेरे बाहर की आने की क्या वजह है वह कोठरी के अन्दर गया तो बड़ा हैबत नाक सांप वहां मौजूद था उसने नेज़े से उसको छंद लिया और नेज़े में चुभा हुआ फड़कता हुआ सांप लेकर बाहर निकला लेकिन खुद भी फौरन गिर कर मर गया।

हज़रत अबू सईद रज़ियल्लाहो अन्हो कहते हैं कि मैं यह नहीं कह सकता कि पहले कौन मरा। सांप या मेरा इब्ने अम्म उसके कबीले के लोग रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की ख़िदमत में हाज़िर हुए और अर्ज़ किया अल्लाह से दुआ फरमाइये कि वह हमारे आदमी को वापस कर दे हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि तुम सांप मारने वाले के लिए मग़फिरत की दुआ मांगो फिर फरमाया मदीना में जिन्नों की एक जमाअत ईमान लाई है उन्हें तुम सांपों की शक्ल में देखोगे जब देखो तो तीन मरतबा उनको मुतनब्बेह करो, तंबीह के बाद भी अगर वह सामना करे तो मार डालो। बाज़ अहादीस में यह अल्फाज़ आए हैं कि उस को तीन मरतबा ख़बरदार कर दो फिर भी सामने आये तो उसको मार डालो वह शैतान है। तौबा करने की फज़िलत।

गिरगिट को मारना

गिरगिट को हलाक कर देना भी जाएज़ है। आमिर बिन सईद ने अपने वालिद का कौल नक़्ल किया है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने गिरगिट को मार डालने का हुक्म दिया था।

हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहो अन्हो की रिवायत है कि हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया पहली वार में मार डालने वाले के लिए सत्तर नेकीयां है।

चींटी को मारना

चींटियां जब तक तकलीफ़ ना पहुचायें उनको मारना मकरूह है। हज़रत अबू हुरैरा रज़ियलल्लाहो अन्हो की रिवायत है हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया किसी चींटी ने एक पैग़म्बर के काट लिया पैग़म्बर ने चींटियों का बिल जला देने का हुक्म दे दिया हुक्म के ब मौजिब चीटियों का बिल जला दिया गया अल्लाह तआला ने उन पर वही नाजिल की कि एक चींटी ने तुम्हें काटा था मगर तुम ने अल्लाह की तसबीह करने वाली पूरी उम्मत को हलाक़ कर दिया।Kis Janavar ko Marana Jayaz aur Najayaz hai.

मेंढक को मारना

मेंडक को मारना भी मकरूह है हज़रत अब्दुर्रहमान बिन उसमान रज़ियलल्लाहो अन्हो से रिवायत है कि किसी शख़्स ने दवा के लिए मेंढक को मार डालने के बारे में हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से दरयाफ्त किया आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया मेंढक को मत मारो और जिन जानवरों को मार डालना जाएज़ है उन को आग में न जलाओ मसलन जूं, पिस्सू मच्छर चींटियां। हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का इरशाद है कि किसी जानवर को आग का अज़ाब न दिया जाए कि आग का अज़ाब सिवाये आग के ख़ालिक के और कोई नहीं दे सकता।

मूज़ी जानवर

जो जानवर ख़िलक़्तन मूज़ी हैं ख़्वाह उससे इज़ा पहुंची हो या न पहुंची हो मगर उस को मार डालना जायज़ है क्योंकि अजीयत पहुंचाना उसकी फितरत है जैसे सांप इसके बारे में पहले बयान किया जा चुका है बिच्छू, काटने वाला कुत्ता, चूहा वगैरह। बहुत ज़्यादा काले कुत्ते का भी यही हुक्म है इस लिए कि वह शैतान है।

प्यासे जानवर को पानी पिलाना सवाब है बशर्ते कि वह मूज़ी न हो। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया है हर सोख़ता जिगर को पानी पिलाने का सवाब है बशर्ते कि वह मूज़ी जानवर न हो। मूज़ी जानवर को पानी पिलाने से उसकी शरारत और ईज़ा रसानी में और इज़ाफा होगा।

कुत्ता

शिकार, खेती या चौपाओं की हिफाज़त के लिए अगर कुत्ता पाला जाए तो जाएज़ है वरना नहीं। काटने वाले कुत्ते को आज़ाद छोड़ रखना मकरूह है लोगों को ज़रर से बचाने के लिए काटने वाले कुत्ते को मार डालना जाएज़ है बाज़ रिवायत में आया है कि शिकार और चौपाओं की हिफाज़त के सिवा जिसने कुत्ता पाल रखा है उसकी नेकियों के सवाब से रोजाना दो कीरात की कमी हो जाती है।Kis Janavar ko Marana Jayaz aur Najayaz hai.

जानवरों पर बोझ लादना

जनवरों पर उनकी बरदाश्त से ज़्यादा बोझ डालना जाएज़ नहीं है ख़्वाह वह जानवर ज़मीन जोतने का हो या बोझ ढोने या सवारी का। अगर जानवर को बक्दरे किफायत चारा न देगा तो गुनहगार होगा जानवर को उनकी ख़्वाहिश से ज़ियादा खिलाना भी मकरूह है जैसा कि बाज़ लोग मोटा करने के लिए उनको ऐसी खुराक देते हैं।

पछने लगाना, सिंगी लगााना

पछने लगाने का पैसा एख़्तियार करना और इसकी रोज़ी खाना मकरूह है इस लिए कि यह सिफला पन है। रसूले खुदा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का यही इरशाद है पछने लगाने वाली की कमाई पलीद है। हमारे बाज़ असहाब ने (उलमाए हंबली) ने इस को हराम कार दिया है। क्योंकि इमाम अहमद हंबल से यही मरवी है| हुस्ने अख़लाक की फज़िलत।

अल्लाह रबबूल इज्ज़त हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे, हमे एक और नेक बनाए, सिरते मुस्तक़ीम पर चलाये, हम तमाम को रसूल-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सच्ची मोहब्बत और इताअत की तौफीक आता फरमाए, खात्मा हमारा ईमान पर हो। जब तक हमे जिन्दा रखे इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखे, आमीन ।

इस बयान को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें। ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।

क्या पता अल्लाह ताला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए । आमीन ।

खुदा हाफिज…

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