अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमायाः तर्जुमाः अदना दर्जे का जन्नती वह आदमी होगा कि जब वह जन्नत के दरवाज़े से दाखिल होगा तो उसके खादिम उसका स्वागत करेंगे और कहेंगे हमारे आका का आना मुबारक हो!
आपको इजाज़त अता हो गई तो आप हमसे मुलाकात फरमाएँ। फिर उसके लिए चालीस साल के सफर के बराबर कालीन बिछाए जाएँगे। फिर वह अपने दाएँ-बाएँ देखेगा और पूछेगा यह सब किसके लिए है? कहा जाएगा यह सब आपके लिए है यहाँ तक कि जब अपनी मन्ज़िल तक पहुँचेगा तो उसके सामने सुर्ख याकूत और सब्ज़ ज़बर्जद को पेश किया जाएगा जिसके सत्तर हिस्से होंगे और हर हिस्से में सत्तर बालाखाने होंगे, और हर बालाखाने के सत्तर दरवाज़े होंगे।
कहा जाएगा तिलावत करते जाओ और बालाखानों में चढ़ते जाओ। चुनाँचे वह चढ़ेगा यहाँ तक कि अपनी बादशाहत के तख़्त पर बैठा हुआ होगा और उसकी टेक लगाएगा। उस तख्त की लम्बाई-चौड़ाई एक एक मील होगी। फिर उसके सामने फौरन सोने के बरतन पेश होंगे। उनमें से कोई बरतन अपने दूसरे बरतन की तरह खाना नहीं रखता होगा।
उनमें से आखिर वाले की लज़्ज़त भी उसको वैसी ही मालूम होगी जैसी कि पहले वाले की मालूम होगी। फिर उसके सामने पीने की तरह-तरह की चीजें पेश की जाएँगी और उनसे अपनी इच्छा के अनुसार जितना चाहेगा ले लेगा। फिर खादिम कहेंगे कि इसको इसकी बीवियों के लिए छोड़ दो। चुनाँचे खादिम तो चले जाएँगे और फौरन हूरों में से एक हूर अपने तख़्ते-शाही पर बैठी नज़र आएगी और उस पर सत्तर पोशकें होंगी, हर पोशाक का रंग दूसरी से अलग तरह का होगा। जन्नती उसकी पिंडली के गूदे को भी गोश्त, हड्डी और लिबासों के अन्दर से एक साल के अर्से तक (हुस्न व लज़्ज़त व पाकीज़गी की वजह से) देखता रहेगा।
फिर उस हूर की तरफ नज़र करेगा तो वह कहेगी मैं उन हूरों में से हूँ जो आपके लिए तैयार की गयी हैं। फिर वह जन्नती उस हूर की तरफ चालीस साल के अर्से तक देखता रहेगा, उससे नज़र नहीं हटाएगा। फिर अपनी निगाह बालाखाने की तरफ उठाएगा तो उसमें पहली से भी ज़्यादा खूबसूरत हूर नज़र आएगी।
वह कहेगी आपके नज़दीक हमारे लिए अभी वक़्त नहीं आया कि हम आपके कुछ हिस्सा पाएँ? उसके पास चालीस साल तक इस हालत में पहुँचेगा कि उससे अपनी निगाह को नहीं फेरता होगा। फिर जब उस तक हर तरह की नेमतों की बोहतान होगी और वे जन्नती समझेंगे कि अब उनसे अफज़ल नेमत कोई नहीं रही तो उस समय अल्लाह तआला तजल्ली फरमाएँगे।
खूबसूरत वाक़िआ:-जन्नत के फल
और वे अल्लाह तआला के चेहरे मुबारक की तरफ निगाह करेंगे। अल्लाह तआला फरमाएँगे ऐ जन्नत के रहने वालो! मेरा कलिमा तय्यिबा पढ़ो। वे अल्लाह तआला को ‘ला इला-ह इल्लल्लाहु’ के साथ जवाब देंगे। फिर अल्लाह तआला फरमाएँगे ऐ दाऊद अलैहिस्सलाम ! आप मेरी वैसी ही बुजुर्गी और बड़ाई बयान करें जिस तरह से दुनिया में किया करते थे। हज़रत दाऊद अलैहिस्सलाम अपने रब की बुजुर्गी बयान फरमाएँगे। (हादिल अरवाह पेज 403)
अल्लाह से एक दिली दुआ…
ऐ अल्लाह! तू हमें सिर्फ सुनने और कहने वालों में से नहीं, अमल करने वालों में शामिल कर, हमें नेक बना, सिरातुल मुस्तक़ीम पर चलने की तौफीक़ अता फरमा, हम सबको हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से सच्ची मोहब्बत और पूरी इताअत नसीब फरमा। हमारा खात्मा ईमान पर हो। जब तक हमें ज़िंदा रखें, इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखें, आमीन या रब्बल आलमीन।
प्यारे भाइयों और बहनों :-
अगर ये बयान आपके दिल को छू गए हों, तो इसे अपने दोस्तों और जानने वालों तक ज़रूर पहुंचाएं। शायद इसी वजह से किसी की ज़िन्दगी बदल जाए, और आपके लिए सदक़ा-ए-जारिया बन जाए।
क्या पता अल्लाह तआला को आपकी यही अदा पसंद आ जाए और वो हमें जन्नत में दाखिल कर दे।
इल्म को सीखना और फैलाना, दोनों अल्लाह को बहुत पसंद हैं। चलो मिलकर इस नेक काम में हिस्सा लें।
अल्लाह तआला हम सबको तौफीक़ दे – आमीन।
जज़ाकल्लाह ख़ैर….
