19/05/2025
Hazrate juberiya r.a ka nikah

हज़रते जुवैरिया(र.अ)का निकाह।Hazarte Juberiya r.a ka Nikah.

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Hazrate juberiya r.a ka nikah

गज्वए मुरैसीअ की जंग में जो कुफ़्फ़ार मुसलमानों के हाथ में गिरिफ्तार हुए उन में सरदारे क़ौम हारिष बिन ज़रार की बेटी हज़रते जुवैरिया (र.अ)भी थीं ।

जब तमाम कैदी लौंडी गुलाम बना कर मुजाहिदीने इस्लाम में तक्सीम कर दिये गए ‘तो हज़रते जुवैरिया हज़रते साबित बिन कैस(र.अ)के हिस्से में आई उन्हों ने हज़रते जुवैरिया(र.अ)से यह कह दिया कि तुम मुझे इतनी रकम दे दो तो मैं तुम्हें आज़ाद कर दूंगा,

हज़रते जुवैरिया(र.अ)के पास कोई रकम नहीं थी वोह हुजूर (स.व)के दरबार में हाज़िर हुई और अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (स.व)मैं अपने क़बीले के सरदार हारिष बिन ज़रार की बेटी हूं और मैं मुसलमान हो चुकी हूं, Hazarte Juberiya r.a ka Nikah.

हज़रते षाबित बिन कैस ने इतनी इतनी रकम ले कर मुझे आज़ाद कर देने का वादा कर लिया है आप मेरी मदद फ़रमाएं ताकि मैं येह रकम अदा कर के आज़ाद हो जाऊं। निकाह से पहले लड़की देखना।

आप (स.व)ने इर्शाद फ़रमाया कि अगर मैं इस से बेहतर सुलूक तुम्हारे साथ करूं तो क्या तुम मन्जूर कर लोगी ? उन्हों ने पूछा कि वोह क्या है? आप (स.व)ने फ़रमाया कि मैं चाहता हूं कि मैं खुद तन्हा तुम्हारी तरफ से सारी रकम अदा कर दूं,

और तुम को आजाद कर के मैं तुम से निकाह कर लूं ताकि तुम्हारा खानदानी एजाज़ व वकार बरक़रार रह जाए, हज़रते जुवैरिया(र.अ)ने खुशी खुशी इस को मन्जूर कर लिया, चुनान्चे हुजूर (स.व)ने सारी रकम अपने पास से अदा फ़रमा कर हज़रते जुवैरिया(र.अ)से निकाह फ़रमा लिया ।

जब यह ख़बर लश्कर में फैल गई कि हुजूर (स.व)ने हज़रते जुवैरिया (र.अ)से निकाह फ़रमा लिया तो मुजाहिदीने इस्लाम के लश्कर में इस खानदान के जितने लौडी गुलाम थे मुजाहिदीन ने सब को फौरन ही आज़ाद कर के रिहा कर दिया ।Hazarte Juberiya r.a ka Nikah.

और लश्करे इस्लाम का हर सिपाही येह कहने लगा कि जिस खानदान में रसूलुल्लाह (स.व)ने शादी कर ली उस खानदान का कोई आदमी लौंडी गुलाम नहीं रह सकता और हज़रते बीबी आइशा (र.अ)कहने लगीं कि हम ने किसी औरत का निकाह हज़रते जुवैरिया (र.अ)के निकाह से बढ़ कर खैरो ब-र-कत वाला नहीं देखा कि इस की वजह से तमाम खानदान बनी अलमुस्तलिक को गुलामी से आज़ादी नसीब हो गई । हज़रते जुवैरिया (र.अ)का असली नाम “बर्रह” था। हुजूर (स.व)ने इस नाम को बदल कर “जुवैरिया” नाम रखा।  बच्चे का नाम हमेशा अच्छा रखें ।

इस बयान को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें।ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।

क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।

खुदा हाफिज…

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