ज़्यादा सोहबत (हमबिस्तरी) नुक़सानदेह ।Ziyada Sohbat(Hambistari)Nuqsandeh.
बीवी से ज़िन्दगी में एक मरतबा सोहबत करना कज़ाअन वाजिब है और हुक्म येह है कि औरत से सोहबत कभी कभी करता रहे । इस …
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बीवी से ज़िन्दगी में एक मरतबा सोहबत करना कज़ाअन वाजिब है और हुक्म येह है कि औरत से सोहबत कभी कभी करता रहे । इस …
जब दूल्हा, दुल्हन कमरे में जाए और तन्हाई हो तो बेहतर येह हैं कि, सब से पहले दुल्हन, दूल्हा दोनों वुजू कर ले और फिर …
औरत जब हमल से हो तो उस हालत में सोहबत करना शरीअते इस्लामी की रू से मना नहीं है और इस पर कोई गुनाह भी …
आप का और हमारा येह मुशाहेदा है की मुसलमानों में आज बड़ी तदाद में ऐसे लोग है जो शादी तो कर लेते हैं महेर भी …
कुछ लोग औरत को हालते हैज़ (माहवारी) में जब तक वोह पाक नहीं होती तब तक एैसा नापाक और अछूत समझ लेते है, कि उस …
गुस्ल पाँच चीज़ों से फर्ज़ होता है यानी इन पाँच चीज़ों में से कोई एक भी सूरत पाई जाए तो गुस्ल करना फ़र्ज़ है । …
शरीअते इस्लामी में सोहबत करने के लिए कोई ख़ास वक्त नहीं बताया गया है। शरीअत में दिन और रात के हर हिस्से में सोहबत करना …
अल्लाह तआला ने फरमाया:- तर्जुमा:- ऐ पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम लोग आप से हैज़ (माहवारी) के बारे में पूछते हैं, फरमा दीजिये कि वह …
जब औरत हैज़ (माहवारी) की हालत में हो तो उस से सोहबत करना सख्त गुनाहे कबीरा, ना जाइज़ व सख्त हराम हराम हराम है। इस …
अय्यामे जाहिलीयत में औरत की हालत :- निसाइयात यानी औरत की तारीख बड़ी दर्दनाक और तकलीफदह है, ये इन्सानियत की पेशानी पर बदनुमा …