03/07/2025

गौस पाक और जिन्नात का वाक़िआ।Gaus Pak aur Jinnat ka waqia.

नबियों के सुल्तान, रहमते आलमियान, सरदारे दो जहान, महबूबे रहमान सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का फरमाने बरकत निशान है : “जिस ने मुझ पर रोज़े जुमुआ …

हज़रत ख़्वाजा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी का वाकिआ।Hazrat Khwaja Qutbuddin bakhtiyar kaki ka waqia.

आप सुलतानुल हिन्द हज़रत ख़्वाजा मुईनुद्दीन अजमेरी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के जलीलुल कद्र खलीफा और हिन्दुस्तान के अज़ीमुल कद्र सूफिया में थे। और बड़े मकबूल …

हज़रत ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती का अक़ीदा। Hazrat Khwaja Moinuddin Chisti ka aqida.

आप एशिया-ए-हिन्द व पाकिस्तान में बड़े-बड़े औलिया-ए-किराम के सरदार और चिश्तिया सिलसिले के बानी हैं, आप हनफी मज़हब के थे खुरासान में 14 रजब 527 …

हज़रत गौसे पाक का अक़ीदा ।Hazrat Gaus Pak ka Aqida.

हज़रत अल्लामा शतनौफी रहमतुल्लाहि तआला अलैहि हदीस की सनद व दलील के साथ बयान फरमाते हैं कि एक औरत हज़रत गौसे आज़म अब्दुल कादिर जीलानी …

गौसे पाक और ग्यारहवीं शरीफ।Gaus Pak aur gyarahavin Shareef.

हिजरी सन का चौथा महीना रबीउल आख़िर कहलाता है। इस महीने की ग्यारह(11) तारीख को मुसलमानाने आलम का बड़ा तब्क़ा गौसे आज़म हज़रत अब्दुल कादिर …

दुरूद शरीफ़ की फ़ज़ीलत ,23 रूहानी इलाज । Durood Shareef ki Fazilat,23 Rohani ilaj.

अल्लाह के प्यारे हबीब, हबीबे लबीब,तबीबों के तबीब (स.व)का फ़रमाने रहमत निशान है : जो मुझ पर शबे जुमुआ और रोज़े जुमुआ यानी जुमा ‘रात …

इमाम बुखारी की ज़िन्दगी का इतिहास।Imam Bukhari ki Zindagi ka ithaas.

आपका पूरा नाम मोहम्मद बिन इस्माईल बिन इब्राहिम था। लेकिन आप इमाम बुखारी के नाम से ऐसे मशहूर हुए की आपका पूरा नाम बहुत कम …

सुलतान मेहमूद और अल्लाह के वली का वाकिआ।Sultan Mehmod aur allah ke Wali ka Waqia.

हज़रत अबु अलहसन खरकानी रहमत उल्लाह अलेह के कशफ व करामात का तज़करह जब सुलतान मेहमूद ग़ज़नवी सुना। तो सुलतान को आपकी ज़ियारत व मुलाकात …

एक मां को गुनहगार बेटे की वसीयत।Ek Maa ko Gunahgar bete ki Wasiyat.

हसन बसरी रह० का दौर है। आपकी एक शागिर्द जो बाकायदा आपका दर्स सुनने के लिए आया करती थी। उसका एक बेटा था। मियाँ का …

इमाम आज़म इमाम अबू हनीफा रह० और हसद करने वाले।Imam azam Imam abu haneefa (r.a)aur hasad karne wale.

इमाम आज़म रह० से हसद करने वाले दो तरह के थे। बाज़ लोग उनकी इल्मियत और क़ुबूलियत की वजह से जलते थे। ऐसे लोगों का …