एक मां को गुनहगार बेटे की वसीयत।Ek Maa ko Gunahgar bete ki Wasiyat.

Ek Maa ko Gunahgar bete ki Wasiyat

हसन बसरी रह० का दौर है। आपकी एक शागिर्द जो बाकायदा आपका दर्स सुनने के लिए आया करती थी। उसका एक बेटा था। मियाँ का अच्छा कारोबार था। यह नेक औरत थी, इबादतगुज़ार औरत थी। बाकायदा दर्स सुनती और नेकी पर जिंदगी गुज़ारती थी। इस बेचारी की जवानी में शौहर चल बसा। उसने दिल में … Read more

इमाम आज़म इमाम अबू हनीफा रह० और हसद करने वाले।Imam azam Imam abu haneefa (r.a)aur hasad karne wale.

Imam azam Imam abu haneefa (r.a)aur hasad karne wale.

इमाम आज़म रह० से हसद करने वाले दो तरह के थे। बाज़ लोग उनकी इल्मियत और क़ुबूलियत की वजह से जलते थे। ऐसे लोगों का कोई ईलाज नहीं हुआ करता। जैसे एक आदमी आया और कहने लगा, हज़रत! हमने सुना है कि आप मसाइल का जवाब देते हैं। फ़रमाया, हाँ पूछो। कहने लगा कि आप … Read more