खून के दबाव और जोश बढ़ जाने का नाम “हाई ब्लड प्रेशर” है। यह अकसर अधेड़ उम्र के लोगों को लाहिक होता है, जिसकी वजह ज़्यादा शराब पीना, चाय, कॉफी, तम्बाकू वगैरह का इस्तेमाल है। इसी तरह ज़्यादा ग़म व गुस्सा, फिक्र, दिमाग़ी व जिस्मानी मेहनत और ज़ेहनी टेन्शन से भी यह मर्ज लाहिक होता है।
अलामातः- सर में भारीपन होना, रगों का तड़पना, आँखों के सामने अन्धेरा छा जाना, नींद न आना, दिल का धड़कना, नब्ज़ का तेज़ चलना, सांस फूलना, पेशाब की ज़्यादती होना वगैरह।
इलाजः नुस्खाः- मग्ज़े तरबूज़ पीस कर इसमें पानी मिला कर पिलाना बहुत फायदेमन्द है।
नुस्खाः- छोटी चन्दन (असरोल) का सफूफ तीन रत्ती के मिकदार गाय के दूध या गुलाब जल के साथ खिलायें, बहुत फायदेमन्द है।
नुस्खाः- ताज़ा गाजर छील कर, बीच का गूदा निकाल कर अर्कै बेद मुश्क में रात को भिगो दें और सुबह मिसरी मिला कर खिलायें, बहुत फायदेमन्द है।
नुस्खाः- सब्ज़ किशमिश एक तोला रात को अर्कै बेद मुश्क 3 तोला, अर्कै गाओ ज़बां 9 तोला में भिागो कर शबनम में रख दें और सुबह को इसका फोकस छान कर 2 तोला मिसरी मिला कर खायें। बहुत ज़्यादा फायदेमन्द है।Blood Pressure aur Diabetes ka ilaj aurv Nuskhe.
नुस्खाः- दवाउल मुस्क मुअतदिल जवाहर वला या मुफर्रह शैखुर्रईस या मुफर्रह याकूती मुअतदिल या खमीरा मरवारीद में से कोई एक दवाई भी खिलाना फायदेमन्द है।
ग़िज़ाः- बकरी के गोश्त का शोरबा चपाती रोटी के साथ, कद्दू, तुरई, पालक, मूंग, अरहर की दाल, अण्डों की ज़र्दी, अंगूर, सन्तरा, ककड़ी, खीरा, नाशपाती वगैरह।
परहेज़ः- रंजो ग़म, सदमा और फिक्र, शराब, तम्बाकू, ज़्यादा चलना,फिरना और मेहनत व मशक्कत करना, ठण्डे पानी से गुस्ल, लाल मिर्च, गर्म मसाला, लहसुन, प्याज़, मसूर, चने की दाल, गुड़, तेल की बनी हुई चीजें, गोभी, आलू, शलगम वगैरह से दूर रहना ज़रूरी है।
नोटः- यश्ब की तख़्ती दिल के मकाम पर बांधना और दरयाओं, बागों की सैर करना, खुश्बूदार फूलों के इतरयात और खुश्बुओं का लगाना और सूंघना इस मर्ज़ में निहायत फायदेमन्द है।(ताजुल हिकमत पेज 161/163, हाज़िक पेज 235/ 249) लक़वा का इलाज और नुस्खे।
डायबिटीज़
पैशाब का कसरत से आना या पैशाब में शकर आना।
इस मर्ज़ में शकर आमेज़ पेशाब कसरत से आता है, जिससे इन्सानी जिस्म कमज़ोर हो जाता है। गुर्दों के मकाम पर बाज़ वक़्त सोज़िश और जलन मालूम होती है, पेशाब की शिद्दत होती है।Blood Pressure aur Diabetes ka ilaj aurv Nuskhe.
पेशाब बार-बार आने लगता है, जिसकी मिकदार भी ज़्यादा होती है और भूख ज़्यादा होती है मगर खाना कम हज़्म होता है। अगर यह मर्ज़ ज़्यादा हो जाये तो गुर्दों की चर्बी तहलील होकर (घुलकर) पेशाब के साथ खारिज होने लगती है।
अलामात (निशानिया) :-
यह मर्ज़ दो किस्म का होता है। एक यह कि जिसमें पेशाब फीका होता है और पानी की तरह साफ और ज़्यादा मिकदार में होता है। इसमें शकर नहीं होती। न किसी किस्म की बू और ज़ायका होता है। यह अकसर खारिजी ठण्डी की वजह से हुआ करता है। मरीज़ लागर और कमज़ोर हो जाता है।
दूसरी किस्म में पेशाब कसरत से आता है। उसका रंग शरबती होता है और इसमें शकर आती है, जिसकी वजह से पेशाब पर मक्खियां और चीटियां बहुत जमा होती हैं और पेशाब की बू और ज़ायका मीठा होता है।
इलाज:- ज़्यादती पेशाब का अस्ल सबब मालूम करके दूर करने की कोशिश करें। चुनांचे किस्मे अव्वल में जो महज़ बरूदत खारजी (बाहरी ठंडी) की वजह से हो तो ज़ाहिर बदन को गर्म करें और माजूने फलासफा में खबसुलहदीद और कुश्तए पोस्त, बेज़ए मुर्ग एक-एक कुर्स मिला कर खिलायें या मुसतलगी, जुफ़्त बलूत, कन्दर एक-एक माशा सफूफ करके माजूने फलासफा या माजूने कन्दर 7 माशा में मिला कर खिलायें।Blood Pressure aur Diabetes ka ilaj aurv Nuskhe.
किस्म दोम के लियेः
नुस्खाः- गुड़ मारबूटी दो तोला, सोंठ एक तोला, मग्ज़े जामुन एक तोला बारीक पीसकर सफूफ बनायें, तीन माशा दूध के साथ इस्तेमाल करें।
नुस्खाः- अफीम एक तोला, कुश्ता फौलाद खामन वाला दो तोला, कुश्ता बेज़ए मुर्ग दो तोला, खस्ता जामुन दो तोला, तमाम दवाईयों का सफूफ बनायें, आधा माशा अर्क गाऊ ज़बां के साथ इस्तेमाल करें। शुगर के लिये निहायत फायदेमन्द है।
नुस्खाः- पुख्ता करेले का छिलका उतारकर सायं में सुखा कर सफूफ बना लें और चार माशे की मिक्दार में पानी के साथ लें। यह निहायत ही कामयाब और कुदरती इलाज है। यूंही कच्चा करेला खाना भी फायदेमन्द है।
नुस्खाः- जामुन की गुठली एक तोला, अफ़्यून दो रत्ती, गुठली कूट छानकर, इसमें अफ्यून मिला लें। सुबह व शाम डेढ़ माशा पानी के साथ खायें।
नुस्खाः- आम की गुठली का मग्ज़ और जामुन की गुठली दोनों हम वज़न सफूफ बना लें। 4 माशा ताज़ा पानी से इस्तेमाल करें।
नुस्खाः- काले रंग के पके हुए जामुन लेकर किसी मिट्टी के बर्तन में साफ़ हाथों से मलकर मोटे कपड़े से छान लें। अगर एक सेर रस हो तो जोश दें और चौथाई रहने पर एक पाव चीनी शामिल करें और गाढ़ा किवाम बना लें। 6 माशा से एक तोला तक अर्क सौंफ के साथ दें। शुगर के लिये निहायत फायदेमन्द है।
नुस्खाः- बरगद का छिलका 6 माशा, दस तोला पानी में जोश दे कर पिलायें।Blood Pressure aur Diabetes ka ilaj aurv Nuskhe.
नुस्खाः- जामुन के खुश्क बीजों का सफूफ 5 ग्राम से 15 ग्राम तक रोज़ाना तीन बार खिलाना बहुत फायदेमन्द है।
नुस्खाः- मेथी के बीज रोज़ाना बीस ग्राम पीस कर खाने से दस दिन में ही पेशाब व खून में शकर की कमी हो जाती है।
नुस्खाः- ताज़ा करेलों का रस निकाल कर 15 ग्राम से 25 ग्राम तक नमक मिलाकर हर रोज़ हल्के नाश्ते के बाद पी लेने से बहुत जल्द इस मर्ज़ से छुटकारा हासिल हो जाता है। इस्तेमाल करके देखिये। इन दोनों में जामुन और मेथी का इस्तेमाल न करें, इससे करेले के रस का असर ख़त्म हो जाता है।
नुस्खाः- 10 ग्राम जामुन के पत्ते पानी से धोकर साफ कैंची से कतर कर 6 घण्टे तक 50 ग्राम पानी में भिगो कर रखें, फिर जोश दें, छान लें और एक चुटकी नमक मिला कर दिन में दो बार पिलायें। अगर शुगर की तकलीफ ज़्यादा है तो दिन में तीन बार भी दे सकते हैं।
इस दौरान मेथी, करेला और गुड़मार का इस्तेमाल न किया जाये।
नुस्खाः- एक पाव पानी में एक तोला जामुन का फूल पीस कर नमक मिला कर पिलाना बहुत फायदेमन्द है। पथरी का इलाज और नुस्खे।
गिज़ाः- कदू, पालक, (हज़फा) बथुआ, तुरई, मूंग, अरहर की दाल, सेब, नाशपाती, चपाती रोटी, दही, मक्खन, घी, दूध हर किस्म के साग, करेला वगैरह दे सकते हैं।
परहेज़ः – पहली किस्म में चावल, ठण्डा पानी, बर्फ और ठण्डी चीज़ों से दूर रहना ज़रूरी है और दिमाग़ी काम करने से बचना ज़रूरी है।
गोश्त, अण्डा, तेल, बेंगन, मछली, शकरकन्द,, गन्ना, खजूर, अंगूर, आलू, गोभी, केला, आढू, चावल वगैरह बिल्कुल बन्द कर दें।
नोटः- रोज़ाना एक या डेढ़ मील पैदल सेर करना मर्ज़ को बिल्कुल दूर कर देता है। चाय में चीनी की जगह सकरीन की गोलियां ले सकते हैं।(ताजुलहिकमत पेज 275, 279, 658, 659/ हाजिक पेज 387, 390)Blood Pressure aur Diabetes ka ilaj aurv Nuskhe.
अल्लाह रबबूल इज्ज़त हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे,हमे एक और नेक बनाए, सिरते मुस्तक़ीम पर चलाये, हम तमाम को रसूल-ए-करीम (स.व) से सच्ची मोहब्बत और इताअत की तौफीक आता फरमाए, खात्मा हमारा ईमान पर हो। जब तक हमे जिन्दा रखे इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखे,आमीन।
इन हदीसों को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें।ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।
क्या पता अल्लाह ताला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।
खुदा हाफिज…