बवासीर दो किस्म की होती है। एक यह कि मक्अद के किनारे पर मस्से बढ़ जाते हैं और इससे खून निकलता है। इसकी वजह से मक़अद में खारिश पैदा होती है, जिससे इस जगह पर एक आग सी लगी हुई मालूम होती है। इसको खूनी बवासीर कहते हैं।
दूसरी वह कि मक्अद में मस्से बढ़ जायें लेकिन इससे खून न निकले, इसको बवासीर बादी कहते हैं। इस सिलसिले में मुख्तलिफ तबीबों के मुजर्रब नुस्खे लिखे जाते हैं। आप अपनी हालत के ऐतबार से इस्तेमाल करें।
नुस्खा बवासीर दोनो किस्म का :
त्रिफला यानी हलीला, बहेड़ा, आमला, गोगल, मोम सफेद, हल्दी, हर एक हम वज़न लेकर खूब कूटें, फिर मटर के बराबर गोलियां बना लें। खूनी बवासीर वाले को घी से और बादी को सियाह मिर्च से एक गोली रोज़ दें। चन्द रोज़ में बिल्कुल आराम हो जायगा।
नुस्खाः- हर किस्म की बवासीर को मुफीद है। मग्ज़े करंजवा का सफूफ करके इसमें एक तोला शकर मिला कर तीन रत्ती खिलायें मगर ग़िज़ा में आध पाव मलाई और आध पाव घी ज़रूर दें, सात दिन में कतई आराम होगा।
नुस्खाः – सियाह मिर्चो का तेल निकाल कर मस्सों पर लगाने से जलन तो ज़रूर होगी मगर चन्द दिनों में तमाम मस्से गिर जायेंगे।
नुस्खाः- बारतंग 6 माशा की मिकदार अगर हर रोज़ इस्तेमाल करें तो सिर्फ चार दिन में फायदा ज़ाहिर हो जायगा।
नुस्खाः – बवासीर बादी के लिये मुफीद है। कल्थी पका कर घोट कर लेप करें बहुत जल्द फायदा हासिल होगा। (गन्जीन-ए-तबीब पेज 232)
नुस्खाः- रिसवत, मग्ज़े तुख्मे नीब, मग्ज़े तुख्मे पकाइन, हलीला सियाह हर एक एक तोला सबको ककरोंदे के पत्तों के पानी में पीस कर चने के बराबर गोलियां बना लें और दो-दो गोलियां सुबह व शाम ताज़ा पानी से खिलायें। (हाज़िक पेज 367)Bawaseer ka ilaj aur Nuskhe.
नुस्खाः- लस्सन, ज़न्जबील, सुराब हर एक मसावी लेकर बारीक पीस लें, फिर इसमें शहद मिला कर खाने और मस्सों पर लगाने से हर दो किस्म की बवासीर दूर हो जाती है। (मुजर्रबात सुयूती पेज 178)
नुस्खाः- एक बड़ा सा तरबूज़ लेकर उसमें सुराख कर दें। आध पाव मजेठ और आध पाव मिसरी दोनों को मिला कर पीस लें और उसे तरबूज़ के अन्दर डाल कर ऊपर से वही टुक्ड़ा रख कर दस पन्द्रह रोज़ के लिये बन्द कर दें। फिर तरबूज़ में से जो अर्क निकले, कपड़े में छान कर बोतल में बन्द कर दें और तमाम पानी सात रोज़ में पी जायें। (कन्जुल मुजर्रबात पेज 193)
नुस्खाः- लस्सन और शहद का खाना इस बीमारी में तमाम चीजों से ज्यादा मुफीद है।
नुस्खा:- जंगार, नीला थोथा, बारूद हर एक एक हिस्सा, मोम सफेद हिस्सा सबको आठ हिस्सा जैतून के तेल में मिला कर आग पर पकायें और पकने की हालत में थोड़ा सा घी और सिरका भी मिला दें, जब मरहम की तरह हो जाय, उतार लें और बवासीर पर लगाया करें।
नुस्खाः- गन्दना एक हिस्सा, शहद खालिस दो हिस्सा, गन्दना कूट कर शहद में मिला लें और सुबह व शाम डेढ़ तोला इस्तेमाल किया करें, निहायत मुजर्रब है।
नुस्खाः- ज़र्द कोड़ी एक अदद नीबू के अर्क में गलाकर इस्तेमाल करें, बन्द रोज़ के इस्तेमाल से कमाल का फायदा हासिल होगा।
नुस्खाः- सरसों की जड़ें पानी में गोश्त की तरह पका कर इसका पानी निहार मुँह पीना बहुत ज़्यादा फायदा करता है। सफेद दाग का इलाज और नुस्खे।
नुस्खाः- कासनी को आग पर फाड़ कर इसमें शकर मिला कर हर सुबह पीना बहुत मुफीद है। (मुजर्रबाते सुयूती पेज 178)
नुस्खाः- एक माशा कलमी शूरा, तीन पाव बकरी के दूध के साथ जिसमें क्द्रे मिठास हो, सुबह के वक़्त पीना मुफीद है।Bawaseer ka ilaj aur Nuskhe.
नुस्खाः- अनार का खुश्क छिलका लेकर उसे पीस लें और फिर दही को पानी में हल करके, इसके साथ मिला कर सुबह व शाम इस्तेमाल करें। निहायत मुफीद है। (हिकमते अफलातून पेज 51)
नुस्खाः- सरसों के बीज एक तोला, गुले सद बर्ग साढ़े 3 माशा, सियाह मिर्च डेढ़ माशा, खूब बारीक घोटकर और छानकर पिला दें। सिर्फ नो रोज़ में बिल्कुल आराम हो जायगा।
नुस्खा :- बवासीर खूनी व बादी दोनों को मुफीद, पोस्त हलीला ज़र्द,पोस्त बहेड़ा, आमला हर एक दस दरहम, जली हुई सीप, बारह सिंधे का सींग जला हुआ हर एक एक दरहम, अजवाइन तीन दरहम, गोगुल सबसे दो गुना, सबको पानी में हल करके गोलियां बना लें, और हर रोज़ एक-एक गोली खिला दें।
नुस्खा :- बवासीर खूनी व बादी दोनों को मुफीद है। रिसवत दो हिस्सा, पोस्त अनार चार हिस्सा, गुड़ आठ हिस्सा, कूट छान कर गोलियां बना लें। खुराक चार दरहम हर रोज़।
नुस्खा :- बार सिंगार के बीज छील करके एक तोला, सादा मिर्च 3 माशा कूट छान कर गोलियां बना लें। खुराक तीन माशा ठण्डे पानी के साथ।
नुस्खा :- मग्ज़े संग गाऊ 30 माशा, तुख्मे सुर्स 30 माशा, सबको कूट कर बारीक कर लें और सबकी तीन पुड़ियां बना लें। ज़मीन में गढ़ा खोद कर उसमें कोयला गर्म करें और मरीज़ को ऊपर बैठायें और पुड़िया सुलगते हुए कोयलों पर डाल कर मस्सों को धुवां दें।
नुस्खा :- दोनों बवासीर के लिये मुफीद है। चाकसू छिलका उतार कर तीन दरहम पीस कर उंगली से लगायें।
नुस्खा :- कचुआ जलाकर उसका धुआं लेने से दर्द और खून दोनों बन्द हो जाता है।
नुस्खा :- खटमल पकड़ कर बवासीर पर मलना निहायत मुफीद है।Bawaseer ka ilaj aur Nuskhe.
नुस्खा :- एक अदद नारियल के ऊपर का पोस्त लेकर जलायें और इसके बराबर शकर मिला कर खायें, सिर्फ तीन खुराक में खून का निकलना बन्द हो जायगा और एक साल तक ओद न करेगा।
नुस्खा :- दोनों बवासीर के लिये मुफीद है। काली ज़ीरी तीन दरहम, निस्फ़ बिरयां व निस्फ खाम हर रोज़ साठी के चावल के साथ खायें।
नुस्खा :- एक सेर ककरोंदे का अर्क नर्म आग पर जोश करें, जब गाढ़ा हो जाय, एक दरहम सियाह मिर्च पीस कर मिला लें, फिर खरल करके जंगली बेर के बराबर गोलियां बना कर एक सुबह और एक शाम खायें। (इलाजुल गुरबा पेज 113/118)
नुस्खा :- जंगली करेलों की धूनी से तमाम मस्से गिर जाते हैं। ब्लड प्रेशर और डाइबिटीज का इलाज और नुस्खे I
नुस्खा :- सेंभल के दरख्त का छिलका पीस कर छः माशा ताज़ा पानी के साथ खाने से दोनों बवासीर ख़त्म हो जाती हैं।
नुस्खा :- गबरीला कीड़ा जो गोबर में पैदा होता है, उसको जला कर उसकी राख और उसके साथ भंग पीस कर इमली का सफूफ दोनों को मिला कर बवासीर की जगह पर छिड़कें और दोनों को बेर की लकड़ी की आग में डाल कर धुआं भी लें। यह बहुत ही मुजर्रब है, चन्द दिनों में फायदा करता है।
नुस्खा :- बर्ग भंग, कबूतर की बीट 5-5 तोला बारीक पीस कर 7 पुड़ियां बना लें और कोयलों की आग पर एक पुड़िया झाड़ लें और इससे धूनी लें। (कन्जुल मुजर्रबात पेज 190)
नुस्खा :- कीकर की कच्ची फलियां जिनमें अभी बीज न पड़ा हो, ले कर, साये में खुश्क करके, बारीक पीस कर, हम वज़न मिसरी मिला लें। एक तोला सुबह निहार मुँह ताज़ा पानी से फांक लें, हर किस्म की बवासीर के लिये मुफीद है।Bawaseer ka ilaj aur Nuskhe.
नुस्खा :- कीकर के फूल व खांड बारीक पीस कर एक जगह कर लें, फिर एक तोला सुबह पानी से फांक लें। निहायत मुफीद है।(कन्जुलमुजर्रबात पेज 191)
परहेज़ :- सुर्ख मिर्च, बैंगन, अचार, अण्डा, गुड़, शकर, तेल में पकी हुई चीजें, चावल वगैरह।
गिजा :- हल्की, जल्द हज़्म होने वाली, मूंग की दाल, दूध, घी, गेहूं की रोटी, चूज़ए मुर्ग का शोरबा।
अल्लाह रबबूल इज्ज़त हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे,हमे एक और नेक बनाए, सिरते मुस्तक़ीम पर चलाये, हम तमाम को रसूल-ए-करीम (स.व) से सच्ची मोहब्बत और इताअत की तौफीक आता फरमाए, खात्मा हमारा ईमान पर हो। जब तक हमे जिन्दा रखे इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखे,आमीन।
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क्या पता अल्लाह ताला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।
खुदा हाफिज…