हज़रत अली (र.अ)की 50 नसीहतें।Hazrat Ali ki 50 Nasihten.

Hazrat ali ki 50 nashihat

1. अक़्लमंद अपने आप को नीचा रखकर बुलंदी हासिल करता है और नादान अपने आप को बड़ा समझकर ज़िल्लत उठाता है।

2. कम खाने में सेहत है, कम बोलने में समझदारी है और कम सोना इबादत है।

3. मुश्किलतरीन काम बेहतरीन लोगों के हिस्से में आते हैं. क्योंकि वो उसे हल करने की सलाहियत रखते हैं।

4. जहा तक हो सके लालच से बचो लालच में जिल्लत ही जिल्लत है

5. जो तुम्हारी खामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाज़ा न कर सके उसके सामने ज़ुबान से इज़हार करना सिर्फ़ लफ्ज़ों को बर्बाद करना है।

6. जिसकी अमीरी उसके लिबास में हो वो हमेशा फ़कीर रहेगा और जिसकी अमीरी उसके दिल में हो वो हमेशा सुखी रहेगा,

7. हमेशा उस इंसान के करीब रहो जो तुम्हे खुश रखे लेकिन उस इंसान के और भी करीब रहो जो तुम्हारे बगैर खुश ना रह पाए

8. खुबसुरत इंसान से मोहब्बत नहीं होती बल्कि जिस इंसान से मोहब्बत होती है वो खुबसुरत लगने लगता है,

9. दौलत को क़दमों की ख़ाक बनाकर रखो क्यूकि जब ख़ाक सर पर लगती है तो वो कब्र कहलाती है।Hazrat Ali ki 50 Nasihten.

10. झूठ बोलकर जीतने से बेहतर है सच बोलकर हार जाओ।एक मां को गुनहगार बेटे की वसीयत।

11. जब तुम्हरी मुख़ालफ़त हद से बढ़ने लगे, तो समझ लो कि अल्लाह तुम्हें कोई मुक़ाम देने वाला है,

12. इल्म की वजह से दोस्तों में इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) होती है और दौलत की वजह से दुशमनों में इज़ाफ़ा होता है ।

13. अगर किसी के बारे मे जानना चाहते हो तो पता करो के वह शख्स किसके साथ उठता बैठता है

14. राज्य का खजाना और सुविधाएं मेरे और मेरे परिवार के उपयोग के लिए नहीं हैं, मै बस इनका रखवाला हूँ-

15. किसी का ऐब (बुराई) तलाश करने वाले की मिसाल उस मक्खी के जैसी है जो सारा खूबसूरत जिस्म छोड सिर्फ़ ज़ख्म पर बैठती हैं।

16. पूरे विश्वास के साथ सोना संदेह की स्थिति में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है

17. जिसको तुमसे सच्ची मोहब्बत होगी, वह तुमको व्यर्थ और नाजायज़ कामों से रोकेगा”

18. जब मेरा जी चाहता है के मैं अपने रब से बात करूँ तो मैं नमाज़ पढ़ता हूँ.

19. किसी की आँख तुम्हारी वजह से नम न हो क्योंकि तुम्हे उसके हर इक आंसू का क़र्ज़ चुकाना,Hazrat Ali ki 50 Nasihten.

20. कभी तुम दुसरों के लिए दिल से दुवा मांग कर देखो तुम्हें अपने लिए मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी

21. जो इनसान सजदे मे रोता है। उसे तक़दीर पर रोना नहीं पड़ता।

22. गरीब वो है जिसका कोई दोस्त न हो।

23. रिज्क के पीछे अपना इमान कभी खराब मत करो क्योंकि नसीब का रीज़क इन्सान को ऐसे तलाश करता है जैसे मरने वाले को।

24. इन्सान का अपने दुश्मन से इन्तकाम का सबसे अच्छा तरीका ये है कि वो अपनी खूबियों में इज़ाफा कर दे

25. इंसान की ज़ुबान उसकी अक्ल का पता देती है और आदमी अपनी ज़ुबान के नीचे छुपा होता है !

26. दोस्तों के ग़म में शामिल हुवा करो हर हाल में लेकिन खुशियों में तब तक न जाना जब तक वो खुद ना बुलाये

27. इख़्तियार ,ताक़त और दौलत ऐसी चीजें हैं जिनके मिलने से लोग बदलते नहीं नक़ाब” होते हैं

28. अगर दोस्त बनाना तुम्हारी कमज़ोरी है तो तुम दुनिया के सबसे ताक़तवर इंसान हो…मैय्यत को सवाब पहुंचाना।

29. इंसान मायूस और परेशान इसलिए होता है, क्योंकि वो अपने रब को राज़ी करने के बजाये लोगों को राज़ी करने में लगा रहता है,

30. कभी भी अपनी जिस्मानी ताकत और दौलत पर भरोसा न करना क्युँकि बीमारी और ग़रीबी आने में देर नही लगती,

31. ज़िल्लत उठाने से बेहतर है तकलीफ उठाओ,

32. तुम्हारे नफ्स की कीमत जन्नत है, इसे जन्नत से कम कीमत पे ना बेचना,

33. हमेशा समझोता करना सीखो क्यूंकि थोडा सा झुक जाना किसी रिश्ते का हमेशा के लिए टूट जाने से बेहतर है,Hazrat Ali ki 50 Nasihten.

34. जो लोग सिर्फ तुम्हे काम के वक़्त याद करते हे उन लोगो के काम ज़रूर आओ क्यों के वो अंधेरो में रौशनी ढूँढ़ते हे और वो रौशनी तुम हो”

35. दुनिया अमल की जगह है, मौत के बाद हम को और तुम्हे पता चलेगा,

36. हमेशा ज़लिमो का दुश्मन और मज़लूमो का मददगार बन कर रहना,

37. कोई गुनाह लज्जत के लिए मत करना क्यो की लज्जत खत्म गुनाह बाकी रहेगा और कोई नेकी तकलीफ की वजह से मत छोड ना क्यो की तखलीफ खत्म हो जायेगी पर नेकी बाकी रहेगी,

38. जब नेमतों पर शुक्र अदा किया जाए तो वह कभी ख़त्म नही होती

39. जाहिल के सामने अक़्ल की बात मत करो पहले वो बहस करेगा फिर अपनी हार देखकर दुश्मन हो जाएगा।बिस्मिल्लाह की बरकतें

40. एक ज़माना ऐसा भी आएगा कि लोग अपने रब को भुल जाएंगे,लिबास बहुत क़ीमती पहन कर बज़ार में अकड़ कर चलेंगे और इस बात से बेखबर होंगे के उसी बाज़ार में उन का कफन मौजूद है

41. अगर कोई शख्स अपनी भूख मिटाने के लिए रोटी चोरी करे तो चोर के हाथ काटने के बजाए बादशाह के हाँथ काटे जाए।

42. तुम जो एक गाली मज़ाक और गुस्से में देते हो उससे तुम्हारी कब्र में एक बिच्छू बनता है,

43. जब गुनाह के बावजूद अल्लाह की नेअमते मुसलसल तुम्हें मिलती रहे तो तुम होशियार हो जाना के तुम्हारा हिसाब करिब और सख्त तरिन है

44. किसी ने हजरत अली रज़ी. से पूछा के जिनकी माँ नही होती उनके बच्चों को दुआ कौन देता है? आप ने फरमाया के कोई झील अगर सुख भी जाए तो मिट्टी से नमी नही जाती इसी तरह माँ के इन्तेकाल के बाद भी अपनी औलाद को दुआ देती रहती है.

45. अपने जिस्म को ज़रूरत से ज़्यादा न सवारों,क्योंकि इसे तो मिट्टी में मिल जाना है,सवॉरना है तो अपनी रूह को सवॉरों क्योंकि इसे तुम्हारे रब के पास जाना है”Hazrat Ali ki 50 Nasihten.

46. नेक लोगों की सोहबत से हमेशा भलाई ही मिलती हे क्यों के..हवा जब फूलो से गुज़रती हे तो वो भी खुश्बुदार हो जाती है।

47. नमाज़ की फ़िक्र अपने ऊपर फ़र्ज़ करलो खुदा की कसम दुनिया की फ़िक्र से आज़ाद हो जाओगे,और क़ामयाबी तुम्हारे क़दम चूमेंगी

48. किसी ने हजरत अली से पुछा. दोस्त और भाई में क्या फर्क है.? हजरत अली ने फरमाया “भाई सोना है और दोस्त हीरा है” उस आदमी ने कहा

आप ने भाई को कम कीमत और दोस्त को ज्यादा कीमती चीज़ से क्यू तशबीह दी ? तो हजरत अली ने फरमाया “सोने में दरार आ जाये तो उस को पिघला कर बिलकुल पहले जैसा बनाया जा सकता है. जब की हीरे में एक दरार भी आ जाये तो वो कभी भी पहले जैसा नही बन सकता।

49. अख्लाक़ एक दुकान है और ज़बान उसका ताला है , ताला खुलता है तो मालुम होता हे के दुकान सोने की है या कौयले की

50. जिस इंसान मे वफादारी नही उससे दोस्ती का मतलब है खुद को ज़लील करना।Hazrat Ali ki 50 Nasihten.

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क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।

खुदा हाफिज…

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