22/06/2025
करतबा मस्जिद का वाक़िआ। 20250619 184733 0000

786 ईस्वी पुरानी करतबा मस्जिद का वाक़िआ। 786 saal purani Kartaba masjid Ka waqia.

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786 saal purani Kartaba masjid Ka waqia
786 saal purani Kartaba masjid Ka waqia

Kartaba masjid Ka waqia:

करतबा मस्जिद या क़ुर्तुबा मस्जिद, स्पेन के शहर क़ुर्तुबा (Cordoba) में स्थित एक ऐतिहासिक और इस्लामी धरोहर है। इसे दुनिया की सबसे खूबसूरत और अनोखी मस्जिदों में गिना जाता है। आज यह मस्जिद एक चर्च में बदल दी गई है, लेकिन इसकी इस्लामी पहचान आज भी इसके शानदार आर्किटेक्चर (वास्तुकला) में दिखाई देती है।

मस्जिद की बनावट और खासियत :-

हमारे इस Kartaba masjid Ka waqia आर्टिकल के मुताबिक खलीफा हकम द्वितीय (Al-Hakam) के ज़माने में मस्जिद को बहुत सुंदर बनाया गया था और दीयों की संख्या और सुंदरता में बहुत इज़ाफा हुआ। उस दौर में रात को भी मस्जिद में तालीम, इबादत और तिलावत जारी रहती थी — सिर्फ इसलिए कि रोशनी कभी बंद नहीं होती थी।

(1) स्तंभों का जाल:-
मस्जिद के अंदर सैकड़ों खंभे (Pillar) हैं जो एक के बाद एक कतारों में लगे हुए हैं। ये खंभे लाल और सफेद रंग की पट्टियों से सजाए गए हैं, जो इसकी सबसे खास पहचान हैं।

(2) गोल मेहराबें और छत :-
गोलाकार मेहराबें (arches) और ऊँची छत मस्जिद को ठंडक और रोशनी दोनों देती हैं। इनका डिज़ाइन बहुत बारीकी से तैयार किया गया है।

(3)खूबसूरत नक़्क़ाशी :-
कुरआन की आयतों से सजाई गई दीवारें, जटिल डिज़ाइन और इस्लामी कला का नायाब नमूना इस मस्जिद की शान हैं।

इतिहास के अनुसार :-

Kartaba masjid Ka waqia : मस्जिद में लगभग 4,000 से ज़्यादा दीए (oil lamps) एक साथ जलाए जाते थे।

इन दीयों के लिए हर दिन सैकड़ों लीटर जैतून का तेल (Olive oil) इस्तेमाल होता था।

दीयों को सफ़ाई से कतारों में सजाया जाता था, जिससे पूरी मस्जिद में नर्म और रूहानी रोशनी फैली रहती थी।

Kartaba masjid Ka waqia.
Kartaba masjid Ka waqia.

करतबा मस्जिद (Mezquita de Córdoba) के अंदर उस दौर में जब यह एक मस्जिद के रूप में इस्तेमाल होती थी, वहाँ हज़ारों दीए तेल वाले चिराग जलाए जाते थे। इन दीयों का मकसद रोशनी देना था, क्योंकि उस समय बिजली नहीं थी। Kartaba masjid Ka waqia.

करतबा मस्जिद का आकार और फैलाव :-Kartaba masjid Ka waqia.

कुल क्षेत्रफल: लगभग 23,400 वर्ग मीटर (2.34 हेक्टेयर)

खंभों की संख्या: लगभग 1,293 खंभे (असली मस्जिद में)

प्रार्थना हॉल (Prayer Hall):
इतना बड़ा कि उसमें 25,000 से ज़्यादा लोग एक साथ नमाज़ पढ़ सकते थे।

लंबाई और चौड़ाई:
लगभग 180 मीटर लंबी और 130 मीटर चौड़ी।

करतबा मस्जिद उस दौर में दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती थी, जब मक्का और मदीना की मस्जिदें आज जैसी बड़ी नहीं थीं।

इसकी बनावट इतनी फैली हुई थी कि अंदर घुसने पर इंसान को दिशा का अंदाज़ा खो जाता था — चारों तरफ खंभे, मेहराबें और खूबसूरत डिजाइन।

Kartaba masjid Ka diagram
Kartaba masjid Ka diagram

इतिहास की झलक :-

निर्माण की शुरुआत:
करतबा मस्जिद का निर्माण 786 ईस्वी में उमय्यद खलीफा अब्दुर्रहमान अल-दाखिल ने शुरू करवाया था।

विस्तार और विकास:
बाद के खलीफाओं ने इसे और बड़ा और भव्य बनाया। यह मस्जिद लगभग 600 साल तक इस्लामी इबादतगाह रही।

बदलाव :-
जब ईसाई शासकों ने स्पेन पर कब्ज़ा किया, तो 1236 ईस्वी में इस मस्जिद को चर्च में बदल दिया गया। इसके बावजूद, इसकी इस्लामी वास्तुकला को पूरी तरह मिटाया नहीं गया।

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1236 ई. में ईसाई राजा Ferdinand III ने क़ुर्तुबा को जीत लिया और मस्जिद को एक चर्च में बदल दिया।

मस्जिद के बीचों-बीच एक नया गिरजाघर (Cathedral) बनवाया गया लेकिन बाहरी बनावट को काफी हद तक वैसा ही रखा गया।

सबसे पुरानी लाइब्रेरी में से एक

खलीफा हकम II के ज़माने में मस्जिद के साथ एक बहुत बड़ी लाइब्रेरी बनाई गई थी जिसमें 400,000 से ज़्यादा किताबें थीं।

मस्जिद की खास बातें :-

Kartaba masjid Ka waqia इस आर्टिकल में हम आपको इस मस्जिद की कुछ खास बातें बताने जा रहे है ।

(1)इस्लामी और यूरोपीय कला का संगम:
करतबा मस्जिद में इस्लामी आर्ट और यूरोपीय शैली का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।

(2) मस्जिद और चर्च दोनों एक जगह:
यह दुनिया की कुछ गिनी-चुनी जगहों में से एक है जहां मस्जिद और चर्च एक ही इमारत में मौजूद हैं।

(3)मुस्लिम सभ्यता की गवाही:
यह मस्जिद स्पेन में मुस्लिम हुकूमत और उनके शानदार योगदान की याद दिलाती है।

आज भी लाखों लोग दुनियाभर से करतबा मस्जिद को देखने आते हैं। UNESCO ने इसे विश्व धरोहर (World Heritage Site) घोषित किया है। हालाँकि अब इसमें नमाज़ की इजाज़त नहीं है, लेकिन यह इमारत आज भी इस्लामी विरासत की गवाही देती है।

 Kartaba masjid से हमें क्या सीख मिलती है?

इतिहास कभी मिटता नहीं, चाहे समय कितनी भी कोशिश कर ले।

इस्लाम सिर्फ इबादत नहीं, बल्कि इल्म, हुनर और तहज़ीब का भी पैग़ाम है।

कला और संस्कृति, धर्म से ऊपर होकर भी इंसानियत को जोड़ती है।

करतबा मस्जिद केवल एक मस्जिद नहीं थी, बल्कि एक जमाने की तालीमगाह, इल्म का मरकज़, और इस्लामी तहज़ीब की चमकती मिसाल थी। आज भी इसकी दीवारें हमें बताते हैं कि मुसलमानों ने दुनिया को सिर्फ रूहानियत नहीं, बल्कि वास्तुकला, साइंस, अदब और इंसाफ भी दिया।

अल्लाह से एक दिली दुआ…

ऐ अल्लाह! तू हमें सिर्फ सुनने और कहने वालों में से नहीं, अमल करने वालों में शामिल कर, हमें नेक बना, सिरातुल मुस्तक़ीम पर चलने की तौफीक़ अता फरमा, हम सबको हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से सच्ची मोहब्बत और पूरी इताअत नसीब फरमा। हमारा खात्मा ईमान पर हो। जब तक हमें ज़िंदा रखें, इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखें, आमीन या रब्बल आलमीन।

प्यारे भाइयों और बहनों :-

अगर ये  Kartaba masjid Ka waqia आपके दिल को छू गए हों, तो इसे अपने दोस्तों और जानने वालों तक ज़रूर पहुंचाएं। शायद इसी वजह से किसी की ज़िन्दगी बदल जाए, और आपके लिए सदक़ा-ए-जारिया बन जाए।

क्या पता अल्लाह तआला को आपकी यही अदा पसंद आ जाए और वो हमें जन्नत में दाखिल कर दे।
इल्म को सीखना और फैलाना, दोनों अल्लाह को बहुत पसंद हैं। चलो मिलकर इस नेक काम में हिस्सा लें।
अल्लाह तआला हम सबको तौफीक़ दे – आमीन।
जज़ाकल्लाह ख़ैर….

हमारा ये Kartaba masjid Ka waqia आर्टिकल पढ़ के आपको कैसा लगा हमें कमेंट कर के बताए। आपकी राय हमारे लिए मायने रखती है। 

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