वलीमें का दावत कभी इन्कार मत करना।Walime ka Dawat kabhi inkar mat karna.
वलीमा करना सुन्नते मौकेदाह हैं । जान बुझ कर वलीमा न करने वाला सख्त गुनाहगार है।(कीम्या-ए-सआदत, सफा नं. 2611) वलीमा येह है कि सुहाग रात की सुबह को अपने दोस्तों, ...
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फ़ज़्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका।Fazr ki Namaz padhne ka tariqa.
इस्लाम में 5 वक़्त की नमाज़े मुसलमानों पर फ़र्ज़ हैं उनमें से जो सबसे पहली नमाज़ हैं उसे फ़ज़्र की नमाज़ कहा जाता हैं। यह नमाज़ बहुत अफ़ज़ल नमाज़ है ...
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