जिमाअ के बाद का अमल। Jima ke bad Ka Amal.
जिमाअ यानी हमबिस्तरी से फारिग होकर मर्दो औरत दोनों अलग-अलग हो जाऐं, फिर किसी साफ कपड़े से दोनों अपने-अपने मकामे मख़्सूस को साफ कर लें। …
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जिमाअ यानी हमबिस्तरी से फारिग होकर मर्दो औरत दोनों अलग-अलग हो जाऐं, फिर किसी साफ कपड़े से दोनों अपने-अपने मकामे मख़्सूस को साफ कर लें। …
शरीअते इस्लामी में सोहबत करने के लिए कोई ख़ास वक्त नहीं बताया गया है। शरीअत में दिन और रात के हर हिस्से में सोहबत करना …