17/11/2025

बीमार और मुसाफ़िर की नमाज़ का बयान।Bimar aur Musafir ki Namaz ka bayan.

बीमार की नमाज़ का बयान: अगर बीमारी के सबब खड़े होकर नमाज़ नहीं पढ़ सकता कि मर्ज़ बढ़ जाएगा या देर में अच्छा होगा या …

क़ज़ा नमाज़ और क़ज़ाए उमरी का बयान।Qaza Namaz aur Qaza-e-Umri ka bayan.

बिला उज़्रे शरई नमाज़ क़ज़ा करना सख़्त गुनाह है जल्द से जल्द अदा करना और तौबह करना फ़र्ज़ है। मकरूह वक़्त के अलावा किसी वक़्त …

जिमाअ के बाद का अमल। Jima ke bad Ka Amal.

जिमाअ यानी हमबिस्तरी से फारिग होकर मर्दो औरत दोनों अलग-अलग हो जाऐं, फिर किसी साफ कपड़े से दोनों अपने-अपने मकामे मख़्सूस को साफ कर लें। …

जिमाअ का बयान। Jima ka bayan.

जिमाअ यानी हमबिस्तरी की ख़्वाहिश एक फितरी यानी कुदरती जज़्बा है जो हर ज़ीरूह में खिलकतन पाया जाता है। इसे बताने की ज़रूरत नहीं होती। …

अहले मुहब्बत आज़माए भी जाते हैं। Ahle Mohabbat Aajmae Bhi Jate Hai.

एक सहाबिया रज़ियल्लाहु अन्हा का अजीब वाकिआ लिखा है कि उनकी शादी हुई। अल्लाह तआला ने उनको हुस्न व जमाल भी अजीब दिया था और …

रिश्तों का जोड़ना और काटना।Rishton ka Jodna aur katna.

हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा फ़रमाते हैं कि एक बार नुबूवत से पहले कुरैश बड़े अकाल के शिकार हो गए, यहां तक कि उन्हें पुरानी …

मुसलमान की ग़ीबत करना।Musalman ki Geebat karna.

हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं, हज़रत (माइज़ बिन मालिक) अस्लमी रज़ियल्लाहु अन्हु हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खिदमत में हाज़िर हुए और …

रमज़ानुल मुबारक की आख़री शब कैसे गुज़ारें?How to spend the last night of Ramzanul Mubarak?

माहे रमजानुल मुबारक में हम रोज़ा रखते हैं, नवाफिल पढ़ते हैं, तरावीह का एहतेमाम करते हैं, कुरआन मुकद्दस की तिलावत करते हैं, गरीबों की मदद …