माँ-बाप को तकलीफ़ देने की सज़ा।Maa baap ko taqleef dene ki saza.
अल्लाह रब्बुल-इज्ज़त नें इरशाद फ़रमाया कि- तुम अपने माँ-बाप के साथ अच्छा बर्ताव किया करो। अगर तुम्हारे सामने उनमें एक या दोनों बूढ़े हो जायें …
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अल्लाह रब्बुल-इज्ज़त नें इरशाद फ़रमाया कि- तुम अपने माँ-बाप के साथ अच्छा बर्ताव किया करो। अगर तुम्हारे सामने उनमें एक या दोनों बूढ़े हो जायें …
हदीसों को पढ़ने से साफ़ मालूम होता है कि मरने वाले को देखने में हम भले ही मुर्दा समझते हैं लेकिन सच तो यह है …
भाई और बहन के दिल में अल्लाह रब्बुल्-इज़्ज़त ने मुहब्बत डाली। परदेस में बहन है। अपने बच्चों के साथ शौहर के साथ खुशियों भरी ज़िन्दगी …
इमाम आज़म रह० से हसद करने वाले दो तरह के थे। बाज़ लोग उनकी इल्मियत और क़ुबूलियत की वजह से जलते थे। ऐसे लोगों का …
हज़रत आइशा (र.अ)रिवायत फरमाती हैं कि रसूलुल्लाह (स.व)की ख़िदमत में एक शख़्स आकर बैठ गया। उसने अर्ज़ किया, ऐ अल्लाह के रसूल ! बिला शुब्हा …
इस किताब को नाज़िल करने वाला ख़ुद परवदिगार है। अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त अपने बारे में इर्शाद फ़रमाते हैं उससे ज़्यादा सच्ची बात भला किस की …
हज़रत अब्दुल्ला बिन मस्ऊद (र.अ)रिवायत करते हैं कि आंहज़रत (स.व)ने इर्शाद फ़रमाया कि मेरी जिंदगी तुम्हारे लिए बेहतर है और मेरी वफ़ात तुम्हारे लिए बेहतर …
बदन के अंगों की गवाही : इंसान बड़ा झगड़ालू है और उसकी बहस की तबीयत कियामत के दिन भी अपना रंग दिखायेगी और अल्लाह तआला …
एक साहबी रज़ियल्लाहु अन्हु नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ख़िदमत में हाज़िर हो रहे थे। एक दरख़्त पर उन्होंने एक घोंसला देखा जिसमें …
हज़त जाबिर (र.अ)फ़रमाते हैं कि अल्लाह के रसूल (स.व)ने इर्शाद फ़रमाया कि जब मोमिन को कब्र में दाखिल कर दिया जाता है तो उसको ऐसा …