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01/10/2025

जिमाअ के बाद का अमल। Jima ke bad Ka Amal.

जिमाअ यानी हमबिस्तरी से फारिग होकर मर्दो औरत दोनों अलग-अलग हो जाऐं, फिर किसी साफ कपड़े से दोनों अपने-अपने मकामे मख़्सूस को साफ कर लें। …

जिमाअ का बयान। Jima ka bayan.

जिमाअ यानी हमबिस्तरी की ख़्वाहिश एक फितरी यानी कुदरती जज़्बा है जो हर ज़ीरूह में खिलकतन पाया जाता है। इसे बताने की ज़रूरत नहीं होती। …

रिश्तों का जोड़ना और काटना।Rishton ka Jodna aur katna.

हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा फ़रमाते हैं कि एक बार नुबूवत से पहले कुरैश बड़े अकाल के शिकार हो गए, यहां तक कि उन्हें पुरानी …

मुसलमान की ग़ीबत करना।Musalman ki Geebat karna.

हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं, हज़रत (माइज़ बिन मालिक) अस्लमी रज़ियल्लाहु अन्हु हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खिदमत में हाज़िर हुए और …

रमज़ानुल मुबारक की आख़री शब कैसे गुज़ारें?How to spend the last night of Ramzanul Mubarak?

माहे रमजानुल मुबारक में हम रोज़ा रखते हैं, नवाफिल पढ़ते हैं, तरावीह का एहतेमाम करते हैं, कुरआन मुकद्दस की तिलावत करते हैं, गरीबों की मदद …

रोज़ा के फज़ाईल अहादीष की रोशनी में । In the light of Fazail Ahadith of Roza.

हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है कि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कसम है उस जात की जिसके कब्ज़-ए-कुदरत में …

मुसलमान से अल्लाह के लिए मुहब्बत करना। To love a Muslim for the sake of Allah.

हज़रत बरा बिन आज़िब रज़ियल्लाहु अन्हुमा फ़रमाते हैं कि हम लोग नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास बैठे हुए थे कि इतने में …