औरत का नाज़ करना। Aurat ka Naaz karna.

Aurat ka naaz karna

नाज़’ की वजह से ‘अज़वाज मुतहरात” भी हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से लौट-पौट कर लिया करती थीं और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बात का जवाब दे दिया करती थीं। पूरे दिन बात नहीं करती थीं और अपनी मांगों को ऊंची आवाज़ में उठाती थीं । क्योंकि औरतों को अपने हक़ की मांग करने में … Read more

औरत के हुकूक।Aurat ke Huqooq.

Aurat ke huqooq

इमाम ग़ज़ाली रहमतुल्लाहि अलै. ने लिखा है कि नान नफ्के के अलावा औरतों की कम- अक्ली, -कमज़ोरी, मिनाज की तेजी वगैरह का ख़्याल रखते हुए उनसे रहम का बर्ताव करना, उनके नाज़ उठाना और उनसे पहुंची तक्लीफ का बर्दाश्त करना भी वाजिब है। अल्लाह तआला ने इनके हक की कितनी बड़ाई की है फ़रमाया ‘वआशिरुहुन्न … Read more

मर्दों के हुकूक।Mardo ke Huqooq.

Mardo ke huqooq

जबकि अल्लाह तआला ने औरतों का रिज़्क और दीन व दुनिया की सहूलियतें व आसानियां शौहर के कब्ज़े में कर दी हैं उन पर खाना, कपड़ा, मकान फ़र्ज़ कर के कितने हुकूक कायम कर दिए हैं, और कैसी-कैसी सहूलियतें पहुंचाई हैं औरत को जन्नत भी उनके हुकूक निभाने पर और उन्हीं को राजी करने पर … Read more

बीवी के हुक़ूक़ जो मर्द के जिम्मे है।Biwi ke huqook jo mard ke jimme hai.

biwi ke huqooq jo mard ke jimme hai

जानना चाहिए कि निकाह की वजह से जो दुनिया व आख़िरत के फ़ायदे हासिल होते हैं, वह मियाँ- बीवी में मुहब्बत और इत्तफ़ाक़ हो तब हासिल होते हैं, मुहब्बत और इत्तफ़ाक़ का ज़रिया यह है कि एक-दूसरे के हकूक़ मालूम हों और उनको अदा भी करते हों। इसलिए बतौर नमूना कुछ हकूक़ लिखे जाते हैं … Read more