27/08/2025

दौलत की चमक या आख़िरत की बरबादी? Daulat ki chamak ya aakhirat ki barbadi.

दुनियाँ में बे शुमार फित्ने हैं जिसमें सबसे बड़ा फित्ना माल है क्योंकि अगर माल न मिले तो इन्सान की मुहताजी उसे कुफ्र के करीब …

नर्मी, इंसाफ़ और मुहब्बत का पैग़ाम। Narmi Insaaf aur Mohabbat Ka paigam.

हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम जब भी कहीं कोई लश्कर रवाना फरमाते तो उस लश्कर के अमीर को ताकीद से यह हिदायत फरमाते थे …

सूरज और चाँद गरहन के आदाब। Suraj aur Chand grahan ke Aadab.

सूरज या चाँद में गरहन लगे तो खुदा की याद में लग जाइए, उससे दुआएँ कीजिए. तकबीर’ व तहलील और सदक़ा व खैरात कीजिए। इन …

तिजारत भी इबादत है। Tijarat bhi ibadat Hai.

दिलचस्पी और मेहनत के साथ कारोबार कीजिए। अपनी रोजी खुद अपने हाथों से कमाइए और किसी पर बोझ न बनिए । एक बार नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु …

क़ब्रिस्तान जाने के आदाब। Qabristan Jane ke Aadab.

जनाजे के साथ क़ब्रिस्तान भी जाइए और मैय्यत के दफ़नाने में शरीक रहिए और कभी वैसे भी क़ब्रिस्तान जाया कीजिए, इससे आख़िरत की याद ताज़ा …

मैय्यत और दफ़न के सुन्नत तरीक़े। Maiyat aur dafan ke sunnat tarike.

जब किसी ऐसे आदमी के पास जाएँ जो मरने के क़रीब हो तो जरा ऊँची आवाज से कलिमा ‘ला इला-ह इल्लल्लाह मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह’ पढ़ते रहें । …

इस्लाम में खुशी मनाने का हक़। Islam mein Khushi manane Ka haq.

खुशी के मौक़ों पर खुशी जरूर मनाइए । खुशी इनसान का फ़ितरी तक़ाज़ा और जरूरत है। दीन फ़ितरी जरूरतों की अहमियत को महसूस करता है …

कलिमा-ए-तौहीद के फज़ाइल। Kalima-e-Tauheed ke fazail.

हज़रत अबू अय्यूब अन्सारी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हुज़ूरे अक़्दस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जिसने दस मर्तबा यूँ …

ज़िक्र करो इतना कि लोग दीवाना कहें। Jikr karo itna ki log Deewana kahe.

हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि अल्लाह तआला फरमाते हैं कि मैं …