दौलत की चमक या आख़िरत की बरबादी? Daulat ki chamak ya aakhirat ki barbadi.
दुनियाँ में बे शुमार फित्ने हैं जिसमें सबसे बड़ा फित्ना माल है क्योंकि अगर माल न मिले तो इन्सान की मुहताजी उसे कुफ्र के करीब …
Islamic Knowledge
हर मर्ज़ का इलाज मौजूद है हज़रत उसामा (र.अ) बयान करते है के, मैं हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ख़िदमत में मौजूद था की, कुछ देहात के रहने वाले आए और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से अर्ज़ किया : या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ! क्या हम दवा करें? तो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमायाः “अल्लाह के बन्दो! ज़रूर दवा किया करोः इसलिये के कोई बीमारी ऐसी नहीं है जिसकी दवा अल्लाह ने न पैदा की हो, सिवाए एक बीमारी के और वह बुढ़ापा है।
दुनियाँ में बे शुमार फित्ने हैं जिसमें सबसे बड़ा फित्ना माल है क्योंकि अगर माल न मिले तो इन्सान की मुहताजी उसे कुफ्र के करीब …
कुरान व अहादीस की रोशनी में ये बात पूरी तरह से वाज़ेह हो चुकी है कि इन्सान को दुनियाँ में अल्लाह तआला ने सिर्फ अपनी …
हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम जब भी कहीं कोई लश्कर रवाना फरमाते तो उस लश्कर के अमीर को ताकीद से यह हिदायत फरमाते थे …
सूरज या चाँद में गरहन लगे तो खुदा की याद में लग जाइए, उससे दुआएँ कीजिए. तकबीर’ व तहलील और सदक़ा व खैरात कीजिए। इन …
दिलचस्पी और मेहनत के साथ कारोबार कीजिए। अपनी रोजी खुद अपने हाथों से कमाइए और किसी पर बोझ न बनिए । एक बार नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु …
जनाजे के साथ क़ब्रिस्तान भी जाइए और मैय्यत के दफ़नाने में शरीक रहिए और कभी वैसे भी क़ब्रिस्तान जाया कीजिए, इससे आख़िरत की याद ताज़ा …
जब किसी ऐसे आदमी के पास जाएँ जो मरने के क़रीब हो तो जरा ऊँची आवाज से कलिमा ‘ला इला-ह इल्लल्लाह मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह’ पढ़ते रहें । …
खुशी के मौक़ों पर खुशी जरूर मनाइए । खुशी इनसान का फ़ितरी तक़ाज़ा और जरूरत है। दीन फ़ितरी जरूरतों की अहमियत को महसूस करता है …
हज़रत अबू अय्यूब अन्सारी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हुज़ूरे अक़्दस सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि जिसने दस मर्तबा यूँ …
हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि अल्लाह तआला फरमाते हैं कि मैं …