सूरते इन्जाल यानी मनी का निकलते रहना।Surate injal yani mani ka nikalte rahna.

Surate injal yani mani ka nikalte rahna

सुरअते इन्जाल उस हालत को कहते है कि जब मर्द सोहबत का इरादे करे या सोहबत शुरू करे और उस को इन्जाल हो जाए (यानी तुरन्त से ही मनी निकल जाए,

सोहबत जब कर रहा हो तो मनी कम से कम दो मिन्ट के बाद गिरना चाहिए अगर एक देड़ मिन्ट में ही मनी गिर जाए तो समझ लेना चाहिए की सुरते इन्जाल की बीमारी है। अगर मर्द को सुरअते इन्जाल की शिकायत हो जाए तो उस सूरत में औरत की ख़्वाहिश पूरी नहीं होती, क्योंकि औरत को इन्जाल जल्दी नही होता और येह हालत औरत के लिए तकलीफ देह होती है और इस से एक बड़ा नुकसान येह भी है कि औलाद पैदा नहीं हो पाती ।

जब यह बीमारी बढ़ जाती हैं तो किसी खूबसूरत औरत को देखने से या किसी का सिर्फ ख्याल लाने से या फिर उज़ू-ए-तनासुल (लिंग) के, किसी नर्म व मुलायम कपड़े से छू जाने से भी इन्जाल हो जाता है। इस बीमारी के होने की कई वजूहात है जैसे अपने हाथ से अपनी मनी निकालने की बुरी आदत हमेशा गन्दे ख्यालात, गन्दी फिल्मों का देखना, या फिर किसी वजह से मनी का पतला होना वगैरा जैसी वजूहात है।surate injal yani mani ka nikalte rahna,

इस बीमारी के होने की एक सब से बड़ी वजह ज्यादा सोहबत करना भी है। हकीमों ने कहा है ज्यादा सोहबत बूढ़ों को मौत की तरफ ढकेल देती है जवानों को बूढ़ा मोटों को दूबला, और दुबले को मुर्दा बना देती है। लिहाजा सोहबत कम ही करे।

इस बीमारी को दूर करने के लिए तेज़, गर्म चीजों के खाने से बचना चाहिये। इसी तरह गन्दी बातों, फिल्में और गन्दे नाविल पढ़ने से बचना चाहिये ।
नुस्खे :-
(1) पाँच अद्द खजूरें ले, पाँच अद्द मोठी अच्छी बादाम ले कद्दू के बीज मीठे 6 माशा यानी 1 माशा 8 रत्ती का होता है इस हिसाब से 24 रत्ती बीज ले नारियल 2 तोला यानी 20 ग्राम ले । चारों को मिला कर अच्छी तरह बारीक पीस ले फिर एक सेर गाये के दूध में अच्छी तरह पका कर ठण्डा कर लें। रोजाना सुबह को नाश्ते में खाए इन्शाअल्लाह यह बीमारी दूर हो जाएगी ।Surate injal yani mani ka nikalte rahna.

(2) ऐसे मरीज़ घी, मखन, मलाई का इस्तेमाल खाने
में ज्यादा करे। सुबह हल्की सी कसरत जरूर करें ।
(3) अंड़े और गोश्त का इस्तेमाल भी ऐसे मरीजों के लिए फायदेमन्द होता है ।

(4) उस नुस्खे का इस्तेमाल जो हम ने “नामर्दी” वाले किल्प में नुस्खा नं. 5 में लिखा है उस का इस्तेमाल भी ऐसी बीमारी वाले मरीज़ के लिए फायदेमन्द साबित होगा । (शम्अ शबिस्ताने रजा, जिल्द 1. सफा नं. 104)

रहमानी हलाज :- हम यहाँ सुरअते इन्जाल की बीमारी से छुटकारे के लिए एक नक्श नकल कर रहे है। इसे लिख कर कमर में बांधले खुदा ने चाहा तो भर पूर ताकत पैदा होंगी और कैसी ही शहवत प्रस्त औरत क्यों न हो मर्द के मुकाबले हार जाएगी । इन्जाल देर में होगा (यानी मनी देर में निकलेगी) और मर्दाना कुव्वत में इजाफा होगा। नक्श विडिओ के लास्ट में है-

एहतलाम (नाईट फाल) :- एक तन्दरूस्त मर्द को महीने में 2 या 3 बार एहतलाम हो जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता और न ही येह कोई बीमारी हैं क्यों कि जिस्म में मनी तैयार हो कर मनी के खजाने में जमा होती है और जब मनी ज्यादा हो जाती है तो खुद ब खुद नींद में ख़्वाब वगैरा के ज़रिये जायेद मनी ख़ारिज हो जाती है।

इस से कोई कमज़ोरी भी नहीं होती बल्कि येह एक सेहतमन्द की पहेचान है। लेकिन जब यह एहतलाम ( नाईट फाल) ज्यादा होने लगे यानी महीने में 4 से ले कर 6 बार तक तो फिर येह एहतलाम की बीमारी में दाख़िल है। ज्यादा एहतलाम होने की कई वजूहात है।

आम तौर पर ख़्यालात (विचारों) का गन्दा रहना, प्यार मुहब्बत की कहानियां पढ़ना, गन्दी फिल्में देखना और हमेशा गन्दी बातें करते रहना वग़ैरा जैसी वजूहात हैं जिन की वजह से एहतलाम की बीमारी हो जाती है येह बीमारी आगे चल कर बहुत ही ख़तरनाक साबित होती है ।Surate injal yani mani ka nikalte rahna.

एहतीयातें :- ऐसे लोग जिन को एहतलाम ज्यादा होता हो उन्हें इन चीज़ों पर अमल करना चाहिये । इन्शाअल्लाह ज्यादा एहतलाम की परेशानी ख़त्म हो जाएगी ।

1- मरीज़ को चाहिये कि पेशाब कर के वज़ू बना कर सोए और सुबह में जल्दी उठ जाए ।

2- दाहनी करवट लेटने से एहतलाम कम होता है और दाहनी
करवट सोना हमारे आका सल्लल्लाहो तआला अलैहि व सल्लम की प्यारी सुन्नत भी हैं । रात का खाना सोने से 3, 4 घंटे पहले ही और ज़रा कम ही खाए ।

3- सोते वक्त ज्यादा गर्म दूध न पीए । ठण्डा या हलका गर्म पीए ।

4- सोने से पहले कोई अच्छी सी दीनी मअलूमात वाली किताब पढ़े ।

5- खट्टी, तेज़, चटनी, गोश्त वगैरा कम खाया करें ।

नुस्खे :- सूखा धनिया एक तोला (10 ग्राम) थोड़ा गर्म कर के रात को एक गिलास पानी में भिगो कर रखें। सुबह को छान कर दो तोला (20 ग्राम) मिशरी (बड़ी शकर) से मीठा कर के पीए ।Surate injal yani mani ka nikalte rahna.

रूहानी इलाज :- जिस शख्स को एहतलाम ज़्यादा होता हो तो उसे चाहिये कि सोते वक्त अपने दिल पर शहादत की उँगली से लिख लिया करे ,يا عمر فاروق اعظم

इन्शाअल्लाह एहतलाम से महफ़ूज़ रहेगा । और येह नक्श लिख कर बाज़ू पर बान्धे या गले में डाले। नक्श विडिओ के लास्ट में है–

इन हदीसो को अपने दोस्तों और जानने वालों को शेयर करें।ताकि दूसरों को भी आपकी जात व माल से फायदा हो और यह आपके लिये सदका-ए-जारिया भी हो जाये।

क्या पता अल्लाह तआला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए ।आमीन।

खुदा हाफिज…

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