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01/10/2025
उम्मे सुलैम की रोटियां। 20250521 112739 0000

उम्मे सुलैम रजियल्लाहु अन्हा की रोटियां। Umme sulem Raziallahu anha ki rotiyan.

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Umme sulem Raziallahu anha ki rotiyan
Umme sulem Raziallahu anha ki rotiyan

एक दिन हज़रते अबू तल्हा रजियल्लाहु अन्हु अपने घर में आए और अपनी बीवी हज़रते उम्मे सुलैम रजियल्लाहु अन्हा से कहा कि क्या तुम्हारे पास खाने की कोई चीज़ है?

मैं ने हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की कमज़ोर आवाज़ से येह महसूस किया कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम भूखे हैं।

उम्मे सुलैम रजियल्लाहु अन्हा ने जौ की चन्द रोटियां दुपट्टे में लपेट कर हज़रते अनस रजियल्लाहु अन्हु के हाथ आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की खिदमत में भेज दीं। हज़रते अनस रजियल्लाहु अन्हु जब बारगाहे नुबुव्वत में पहुंचे तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मस्जिदे न-बवी में सहाबए किराम रजियल्लाहु अन्हुम के मज्मअ में तशरीफ़ फ़रमा थे।

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूछा कि क्या अबू तल्हा ने तुम्हारे हाथ खाना भेजा है? उन्हों ने कहा कि “जी हां” येह सुन कर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपने अस्हाब के साथ उठे और हज़रते अबू तल्हा रजियल्लाहु अन्हु के मकान पर तशरीफ लाए।

हज़रते अनस रजियल्लाहु अन्हु ने दौड़ कर हज़रते अबू तल्हा रजियल्लाहु अन्हु को इस बात की ख़बर दी,कि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जमाअत के साथ हमारे घर पर तशरीफ़ ला रहे हैं। हज़रते अबू तल्हा रजियल्लाहु अन्हु ने मकान से निकल कर निहायत ही गर्मजोशी के साथ आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का इस्तिक्बाल किया आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने तशरीफ़ ला कर हज़रते बीबी उम्मे सुलैम रजियल्लाहु अन्हा से फरमाया कि जो कुछ तुम्हारे पास हो लाओ ।

उन्हों ने वोही चन्द रोटियां पेश कर दीं जिन को हज़रते अनस रजियल्लाहु अन्हु के हाथ बारगाहे रिसालत में भेजा था। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के हुक्म से उन रोटियों का चूरा बनाया गया और हज़रते बीबी उम्मे सुलैम रजियल्लाहु अन्हा ने उस चूरे पर बतौरे सालन के घी डाल दिया,

उन चन्द रोटियों में आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के मो’जिज़ाना तसर्राफात से इस कदर बरकत हुई कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम दस दस आदमियों को मकान के अन्दर बुला बुला कर खिलाते रहे और वोह लोग खूब शिकम सैर हो कर खाते रहे और जाते रहे यहां तक कि सत्तर या अस्सी आदमियों ने खूब शिकम सैर हो कर खा लिया।ज़कात ना देने वालों को अज़ाबे क़ब्र। Zakat na dene walon ko azabe qabr.

अल्लाह रब्बुल इज्ज़त हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे, हमे एक और नेक बनाए, सिरते मुस्तक़ीम पर चलाये, हम तमाम को नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सच्ची मोहब्बत और इताअत की तौफीक़ आता फरमाए, खात्मा हमारा ईमान पर हो। जब तक हमे ज़िन्दा रखे इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखे, आमीन ।

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क्या पता अल्लाह ताला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए । आमीन ।

खुदा हाफिज…

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