
तीन बार लौटी फ्लाइट, लेकिन हज पर जाने से नहीं रोक सका कोई! ‘गद्दाफी’ नाम वाले अमीर की इमान का मोजजा़।
जिसे खुदा बुलाए, उसे दुनिया की कोई ताक़त रोक नहीं सकती” ये कहावत बनी सच्चाई :-
लीबिया के रहने वाले अमीर अल महदी मंसूर अल गद्दाफी की हज सफ़र की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह सिर्फ एक सफ़र नहीं, बल्कि इमान, विश्वास और खुदा के बुलावे का करिश्मा बन चुकी है।
गद्दाफी’ नाम बना बाधा, फ्लाइट मिस कर बैठे अमीर
अमीर जब अपने ग्रुप के साथ हज के लिए एयरपोर्ट पहुंचे, तब सुरक्षा जांच के दौरान उनके नाम में मौजूद “गद्दाफी” टाइटल को लेकर अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। पूछताछ इतनी लंबी चली कि उनकी फ्लाइट मक्का के लिए उड़ान भर ली और अमीर अकेले रह गए।
मैं अल्लाह के घर जाना चाहता हूं अमीर का पक्का भरोसा।
हालांकि बाकी कोई होता तो शायद लौट जाता, लेकिन अमीर ने एयरपोर्ट पर ही डटे रहकर साफ कहा, “अगर अल्लाह ने बुलाया है, तो कोई रोक नहीं सकता।” उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से बहस की, लेकिन एयरपोर्ट छोड़ने से इनकार कर दिया।
फ्लाइट में दो बार तकनीकी खराबी क्या यह संकेत था?
जिस फ्लाइट से उनका ग्रुप रवाना हुआ, वो कुछ देर बाद तकनीकी गड़बड़ी के चलते वापस लौट आई। लेकिन पायलट ने दरवाजा नहीं खोला, जिससे अमीर उसमें सवार नहीं हो सके।
जब फ्लाइट दोबारा उड़ी, तो एक बार फिर तकनीकी खराबी की वजह से उसे एयरपोर्ट पर लौटना पड़ा। इस बार पायलट ने ऐलान किया: मैं कसम खाता हूं, जब तक अमीर हमारे साथ इस विमान में नहीं होंगे, मैं उड़ान नहीं भरूंगा।”
यह सुनते ही अधिकारी भी हैरान रह गए और उन्होंने तुरंत अमीर के दस्तावेज क्लियर कर दिए।
तीसरी उड़ान में अमीर की एंट्री , खुदा के बुलावे की मिसाल
आखिरकार, तीसरी बार जब विमान ने उड़ान भरी, तो अमीर गद्दाफी उसमें सवार थे। पायलट और क्रू ने उन्हें गले लगाया और उनकी आस्था को सलाम किया। फ्लाइट के अंदर की उनकी तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जहां वे मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं।
अमीर ने क्या कहा?
मैं सिर्फ हज पर जाना चाहता था। मेरा यकीन था कि अगर यह मेरे नसीब में है, तो कोई ताकत मुझे नहीं रोक सकती।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुई वाक़िआ
इस कहानी को लोग “इमान का करिश्मा”, “खुदा की मर्जी” और “विल पावर का मिसाल” बता रहे हैं। लोग इस बात को लेकर भावुक हैं कि जब इरादे मजबूत हों, तो खुदा भी रास्ता बनाता है।सच्ची दुआ की कुबूलियत।
अमीर गद्दाफी की हज सफर सिर्फ एक सफ़र नहीं, बल्कि यह यकीन और विश्वास की ऐसा वाक़िआ है जो आज के दौर में भी लोगों के दिलों को छू रही है। यह साबित करती है कि अगर बुलावा ऊपर से आया है, तो नीचे की कोई ताकत आपको रोक नहीं सकती। सुबहान अल्लाह।
अल्लाह रब्बुल इज्ज़त हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे, हमे एक और नेक बनाए, सिरते मुस्तक़ीम पर चलाये, हम तमाम को नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सच्ची मोहब्बत और इताअत की तौफीक़ आता फरमाए, खात्मा हमारा ईमान पर हो। जब तक हमे ज़िन्दा रखे इस्लाम और ईमान पर ज़िंदा रखे, आमीन ।
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क्या पता अल्लाह ताला को हमारी ये अदा पसंद आ जाए और जन्नत में जाने वालों में शुमार कर दे। अल्लाह तआला हमें इल्म सीखने और उसे दूसरों तक पहुंचाने की तौफीक अता फरमाए । आमीन ।
खुदा हाफिज…