ज़कात का बयान।Zakaat ka Bayan
अल्लाह तआला का फ़रमान है:- तर्जुमा:- नमाज़ दुरुस्ती से अदा करो और ज़कात दो । (सूरः बक़रह 2, आयत 43 ) वजाहतः इससे ज़कात का फर्ज़ होना साबित हुआ। कुरआन मजीद में 82 जगह ज़कात का ज़िक्र आया है, इस्लाम का यह एक अहम रुक्न (हिस्सा) है। हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत … Read more