माँ-बाप को तकलीफ़ देने की सज़ा।Maa baap ko taqleef dene ki saza.

Maa baap ko taqleef dene ki saza.
अल्लाह रब्बुल-इज्ज़त नें इरशाद फ़रमाया कि- तुम अपने माँ-बाप के साथ अच्छा बर्ताव किया करो। अगर तुम्हारे सामने उनमें एक या दोनों बूढ़े हो जायें तो उनके सामने ‘हूँ’ भी ...
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