हमबिस्तरी के दौरान शर्मगाह देखना।Hambistari ke Dauran Sharmgah dekhna.

Hambistari ke dauran sharmgah dekhna
मसअला :- मियाँ बीवी का सोहबत के वक्त एक दूसरे की शर्मगाह को मस करना बेशक जाइज़ है बल्कि नेक नियत से हो तो मुस्तहब व सवाब है” ।(फतावा-ए-रज़वीया जिल्द ...
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