रिश्तों का जोड़ना और काटना।Rishton ka Jodna aur katna.

रिश्तों का जोड़ना और काटना। 20250318 230111 0000

हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा फ़रमाते हैं कि एक बार नुबूवत से पहले कुरैश बड़े अकाल के शिकार हो गए, यहां तक कि उन्हें पुरानी हड्डियां तक खानी पड़ीं और उस वक़्त हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और हज़रत अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब रज़ियल्लाहु अन्हु से ज़्यादा खुशहाल कुरैश में कोई नहीं था। हुजूर सल्लल्लाहु … Read more

रमज़ानुल मुबारक की आख़री शब कैसे गुज़ारें?How to spend the last night of Ramzanul Mubarak?

रमज़ानुल मुबारक की आख़री शब कैसे गुज़ारें 20250308 230224 0000

माहे रमजानुल मुबारक में हम रोज़ा रखते हैं, नवाफिल पढ़ते हैं, तरावीह का एहतेमाम करते हैं, कुरआन मुकद्दस की तिलावत करते हैं, गरीबों की मदद करते हैं, रोजादारों को इफ्तारी कराते हैं, अपने एहल व अवाल पर खूब दिल खोल कर खर्च करते हैं। यकीनन! इन आमाल में बेहद सवाब और बेशुमार फवाइद हैं लेकिन … Read more

रोज़ा के फज़ाईल अहादीष की रोशनी में । In the light of Fazail Ahadith of Roza.

In the light of Fazail Ahadith of Roza.

हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है कि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कसम है उस जात की जिसके कब्ज़-ए-कुदरत में मेरी जान है, रोज़ादार के मुंह की बू अल्लाह के नज़दीक मुश्क से ज़्यादा बेहतर है।(बुखारी शरीफ) मैं ही इसका बदला दूँगा :- हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहो अन्हो से रिवायत … Read more

एक अजीब वाक्या|कुरआन शरीफ का असर।Ek Ajeeb Waqia Quraan Shareef ka Asar.

Ek ajeeb waqia Quran shareef ka asar

एक हिन्दू घराने के इस्लाम लाने का एक अजीब वाकिआ है। एक जवान का ताल्लुक हिन्दू घराने से था। उसे कैंसर का मर्ज़ हो गया था। डाक्टरों ने लाइलाज करार देकर हास्पिटल से घर भेज दिया। उसकी उम्र चालीस बयालिस साल थी। वह घर आकर बड़ा उदास व परेशान रहने लगा । उसे रह रह … Read more

बिमार का हाल चाल पूछना।Bimaar ka Hal Chal Puchna.

Bimar ka hal chal puchna

नबी सल्ल. ने फ़रमाया कि अल्लाह कियामत के दिन फ़रमाएगा कि ऐ बनी आदम मैं बीमार हुआ और तू मेरी इयादत को न आया। मैंने तुझसे खाना और पानी मांगा मगर तूने मुझे कुछ भी नहीं दिया। बन्दा कहेगा ‘ऐ अल्लाह ! तू बीमारियों से पाक और मोहताजी से परे है मैं तेरी तीमारदारी कैसे … Read more

एक बहोत खास नसीहत।Ek bahot khas nasihat.

Ek bahot khas nasihat

एक बुज़ुर्ग बयान फरमाते हैं कि मैं ने एक शख़्स को मस्जिद के एक कोने में आह व ज़ारी के साथ गिड़गिड़ा कर आजज़ी से रो रो कर दुआ करते देखा । मैं ने दुआ के बाद वजह मालूम करने की कोशिश की तो उसने बताया कि मामला यह है कि मेरी 6 बच्चियाँ हैं … Read more

बेटियों के लिए ज़रूरी हिदायात।Betiyon ke liye zaroori hidayat.

Betiyoun ke liye zaroori hidayat

हज़रत अबू सईद ख़ुदरी (र.अ)से रिवायत है कि नबी करीम(स.व)ने इरशाद फरमाया : जिस शख़्स की तीन बेटियाँ या तीन बहनें हों या दो बेटियाँ या दो बहनें हों, और वह उनके साथ बहुत अच्छे तरीक़े से ज़िंदगी गुज़ारे यानी उनके जो हुकूक शरीयत ने मोक़र्रर फरमाए हैं वह अदा करे, उनके साथ एहसान और … Read more