बगैर दावत किसी के घर जाना। Bagair dawat kisi ke Ghar Jana.
बगैर दावत किसी के घर जाना आजकल आमतौर पर देखा जा रहा है बल्कि रिवाज सा बन गया है कि लोग शादी ब्याह या वलीमे …
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बगैर दावत किसी के घर जाना आजकल आमतौर पर देखा जा रहा है बल्कि रिवाज सा बन गया है कि लोग शादी ब्याह या वलीमे …
मुर्दा जब आलमे क़ब्र में दाखिल हो जाता है तो क़ब्र दोनों एतराफ से उसे दबाती है यानी तंग हो जाती है इसे ज़गता क़ब्र …
हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा फ़रमाते हैं कि एक बार नुबूवत से पहले कुरैश बड़े अकाल के शिकार हो गए, यहां तक कि उन्हें पुरानी …
हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं, हज़रत (माइज़ बिन मालिक) अस्लमी रज़ियल्लाहु अन्हु हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खिदमत में हाज़िर हुए और …
माहे रमजानुल मुबारक में हम रोज़ा रखते हैं, नवाफिल पढ़ते हैं, तरावीह का एहतेमाम करते हैं, कुरआन मुकद्दस की तिलावत करते हैं, गरीबों की मदद …
ज़कात हर उस मुसलमान पर वाजिब है जो आकिल, बालिग, आज़ाद, मालिके निसाब हो और निसाब का पूरे तौर पर मालिक हो, निसाबे दीन और …
हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है कि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कसम है उस जात की जिसके कब्ज़-ए-कुदरत में …
हज़रत बरा बिन आज़िब रज़ियल्लाहु अन्हुमा फ़रमाते हैं कि हम लोग नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास बैठे हुए थे कि इतने में …
अल्लाह तआला हकीमे मुतलक है और हर काम हिकमत से खाली नहीं होता। अल्लाह तआला ने जो कुछ भी पैदा फरमाया है, मब्नी बर हिकमत …
इश्के रसूल सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम में सहाबियात रज़ियल्लाहु अन्नाहुम ने भी आला और नुमाया मिसालें पेश कीं। उनके सीने इश्के नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम …