जिमाअ का बयान। Jima ka bayan.
जिमाअ यानी हमबिस्तरी की ख़्वाहिश एक फितरी यानी कुदरती जज़्बा है जो हर ज़ीरूह में खिलकतन पाया जाता है। इसे बताने की ज़रूरत नहीं होती। …
🤲 Aapki madad se kisi zarurat mand ki madad ho sakti hai.
Donate & Support SUNNATEISLAMIslamic Knowledge
जिमाअ यानी हमबिस्तरी की ख़्वाहिश एक फितरी यानी कुदरती जज़्बा है जो हर ज़ीरूह में खिलकतन पाया जाता है। इसे बताने की ज़रूरत नहीं होती। …
बगैर दावत किसी के घर जाना आजकल आमतौर पर देखा जा रहा है बल्कि रिवाज सा बन गया है कि लोग शादी ब्याह या वलीमे …
मुर्दा जब आलमे क़ब्र में दाखिल हो जाता है तो क़ब्र दोनों एतराफ से उसे दबाती है यानी तंग हो जाती है इसे ज़गता क़ब्र …
एक सहाबिया रज़ियल्लाहु अन्हा का अजीब वाकिआ लिखा है कि उनकी शादी हुई। अल्लाह तआला ने उनको हुस्न व जमाल भी अजीब दिया था और …
हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा फ़रमाते हैं कि एक बार नुबूवत से पहले कुरैश बड़े अकाल के शिकार हो गए, यहां तक कि उन्हें पुरानी …
हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं, हज़रत (माइज़ बिन मालिक) अस्लमी रज़ियल्लाहु अन्हु हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खिदमत में हाज़िर हुए और …
माहे रमजानुल मुबारक में हम रोज़ा रखते हैं, नवाफिल पढ़ते हैं, तरावीह का एहतेमाम करते हैं, कुरआन मुकद्दस की तिलावत करते हैं, गरीबों की मदद …
हमारा ख्याल यह है कि इसमें सिर्फ हमें दो रकअत नमाज़ अदा करने के बाद घूम फिर के और फुजूल कामों में …
ज़कात हर उस मुसलमान पर वाजिब है जो आकिल, बालिग, आज़ाद, मालिके निसाब हो और निसाब का पूरे तौर पर मालिक हो, निसाबे दीन और …
हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है कि नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कसम है उस जात की जिसके कब्ज़-ए-कुदरत में …