निकाह कहाँ और कैसे करें? Nikah kahan aur kaise kare.

Nikah kahan aur kaise kare

उम्मुल मोमेनीन हज़रत आएशा सिद्दीका (र.अ)हज़रत अनस बिन मालिक, हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने ऊमर रजि अल्लाहो तआला अन्हुम से रिवायत है की हुज़ूरे अकदस सल्लल्लाहो तआला अलैहि व ने इरशाद फ़रमाया-अपने नुत्फे (शादी के लिए)अच्छी जगह तलाश करो, अपनी बिरादरी में ब्याह हो, और बिरादरी में ब्याह कर लाओ कि औरते अपने ही कुन्बे (बिरादरी) के … Read more

निकाह और मेहर की अहमियत।Nikah aur Mehar ki Ahmiyat.

Nikah aur mehar ki ahmiyat

यह सौ फीसद पक्की बात है कि जहाँ निकाह नहीं होगा वहाँ बदकारी होगा। इसलिए शरीअत ने निकाह की अहमियत को वाज़ेह किया है। आज जिस समाज में निकाह से फरार इख़्तियार करते हैं यानी निकाह करने से बचते हैं, आप देखिये वहाँ जिन्सी तस्कीन के लिए बदकारी (देह व्यापार) के अड्डे खुले होते हैं … Read more