20/08/2025

हुज़ूर ﷺ का रुहानी ख्वाब। Hujur sallallahu alaihi wasllam ka Rohani Khwab.

अबु अब्दुल्लाह हकीम तिर्मिज़ी रहमतुल्लाहि अलैहि ने अपनी किताब नवादिरूल उसूल में यह बात ज़िक्र की है कि सहाबा की जमाअत के पास आकर हुज़ूर …

देहाती के सवाल जन्नत के जवाब। Dehati ke sawal Jannat ke jawab.

हज़रत सलीम बिन आमिर रहमतुल्लाहि ताअला अलैहि कहते हैं कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के सहाबा कहा करते थे कि अल्लाह तआला हमें देहाती …

जादूगर और अदब। Jadugar aur Adab.

हज़रत मूसा अलैहिस्स्लाम के मुकाबले में सत्तर हज़ार जादूगर थे। अल्लाह तआला ने उनको ईमान लाने की तौफीक अता कर दी। कुछ लम्हे पहले काफिर …

हज़रत नूह अलैहिस्सलाम और उनकी क़ौम। Hazrat nooh alaihissalam aur unki Qaum.

हज़रत नूह अलैहिस्सलाम का तज़किरा कुरआन मजीद में बयालिस जगह अया है, हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की औलाद दुनिया में खूब बढ़ी आहिस्ता आहिस्ता यह खुदा …

कब्र, दोज़ख और जन्नत की झलक। Qabr Dozakh aur jannat ki jhalak.

अल्लाह के प्यारे रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की आदत थी कि फज्र की नमाज़ पढ़कर अपने साथियों की तरफ रूख करते और फ़रमाते कि …

हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम का सब्र। Hazrat Ayub Alaihissalam ka Sabr.

सैय्यदना हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम अल्लाह तआला के पैग़म्बर थे। अल्लाह रब्बुलइज़्ज़त ने उनको माल दिया, औलाद दी, हत्ताकि हर तरह की नेमतें दी थीं। शैतान …

नबी-ए-पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का विसाल शरीफ। Nabi-e-Pak sallallahu alaihi wasallam ka wishal Sharif.

जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की उम्र चालीस साल थी आपको रेसालत से सर्फराज़ फरमाया गया। यानी हक़ तआला ने अपना रसूल बना कर सारे …

सरवरे काएनात की इबादात। Saravare kaenaat ki ibadaat.

हुज़ूर -ए-अक्दस सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम बा वुजूद बे शुमार मशागिल के इतने बड़े इबादत गुज़ार थे कि तमाम अम्बिया व मुर्सलीन अलैहिस सलातु वस्सलाम …

हमारे नबी-ए-पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का हुलिया मुबारक।Hamaare Nabee-e-Paak ka Huliya Mubaarak.

जिन बुजुर्गों ने आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का हुलिया मुबारक बयान किया उन्होंने हुजूर-ए-अक्दस सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सिफत की सिर्फ एक झलक का एदराक …

हमारे नबी (स.व)का निकाह।Hamare Nabi Sallallahu alaihiwasallam ka Nikah.

हज़रते बीबी खदीजा माल व दौलत के साथ इन्तिहाई शरीफ़ और इफ्फत मआब खातून थीं। अहले मक्का इन की पाक दामनी और पारसाई की वजह …